अपराध कम नहीं कर सकते उन्हें नियंत्रित करेंगे
dgp rishi shukla

 

 
नए पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला मीडिया से हुए मुखातिब 
 
 
 
 
मध्यप्रदेश के नए पुलिस मुखिया के रूप में ऋषि कुमार शुक्ला ने गुरुवार को चार्ज लिया। निवर्तमान डीजीपी सुरेंद्र सिंह ने उन्हें कार्यभार सौंपा। इसके बाद शुक्ला मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि अपराधों को कम तो नहीं कर पाएंगे, लेकिन हां, उन्हें नियंत्रित कर जनता को त्वरित राहत जरूर दिलवाएंगे।
 
शुक्ला ने अपनी योजनाओं और प्राथमिकता के बारे में चर्चा की और कहा कि बालाघाट में जो नक्सलियों का मूवमेंट बढ़ा है, उस पर पुलिस की खास नजर है। जल्द ही उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने बच्चों के अपहरण की घटनाओं में हो रहे इजाफे की वजह टीवी-फिल्मों से कुप्रेरित होना बताया। अलग-अलग लोगों द्वारा घटनाओं को अंजाम देने की बात पर शुक्ला ने कहा कि इन वारदातों को कोई संगठित गैंग अंजाम नहीं दे रहा, इसलिए इनकी संख्या बढ़ रही है। पुलिसकर्मियों पर बढ़ रहे हमलों को गंभीर मानते हुए इस पर लगाम लगाने के लिए विचार करने की बात कही। शुक्ला ने आम लोगों से अपील भी कि की वे पुलिस का सहयोग करें।
 
प्रदेश में अपराध का बढ़ते ग्राफ को लेकर पूछे सवाल के जवाब में डीजीपी शुक्ला ने संस्कृत के श्लोक प्रत्यक्षम किम प्रमाणम् से अपना उत्तर शुरू किया। शुक्ला ने कहा कि हमारे राज्य में पुलिस अधिक रिस्पॉन्सिबल हैं। हम जल्दी जनता की शिकायत पर कार्रवाई करते हैं। अपराधों की संख्या आकड़ों के हिसाब से ज्यादा जरूर नजर आती है, लेकिन हिंसक अपराध अन्य राज्यों की तुलना में हमारे यहां कम हैं। अपराधों के नए-नए तरीके भी सामने आ रहे हैं। अपराधों की प्रवृत्ति को रोकना अकेले पुलिस के बस की बात नहीं। हमारा काम कानून का पालन करवाना है। अपराधों को रोकने के लिए पूरा सिस्टम काम करता है।
स्थिति सुखदायक तो है पर संतुष्ट होकर नहीं बैठ सकते
डीजीपी का मानना हैं कि पिछले कुछ सालों में राज्य शासन ने कई संसाधन दिए। विभिन्ना संसाधन और आधुनिक तकनीक हमारे पास है। यह स्थिति सुखदायक तो है परंतु यह अपने आप में नई अपेक्षाएं और चुनौतियां लाती है। पुलिस की जो व्यवस्था इस बात पर संतुष्ट होकर नहीं बैठ सकते कि कल अच्छा काम हुआ था। मेरी 33 वर्ष की नौकरी में एक भी ऐसा मामला नहीं आया, जो एक-दूसरे से मिलता हो। समानता होती है पर सब अलग-अलग। यह हमारे लिए चुनौती है इसके लिए हम सब मिलकर टीम के रूप में मिलकर काम करेंगे।
जब आरक्षक यह कहे कि यह मेरा काम है कि यहां अपराध न हो
अपनी प्राथमिकताओं के बारे में शुक्ला कहते हैं कि उनका प्रयास होगा कि 1 लाख 20 हजार टीम वाली उनकी पुलिस फोर्स में आरक्षक यह कहे कि यह मेरा काम है कि यहां अपराध न हो। मैं उस दिशा में अपनी टीम को मोटिवेट और उनके साथ मिलकर काम करूंगा। पुलिस का व्यवहार मित्रगत हो, इसके लिए और ज्यादा प्रयास करेंगे।