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रायपुर। गुरुवार रात रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर छत्तीसगढ़ सरकार का हेलिकॉप्टर टेस्टिंग के दौरान क्रैश हो गया। हादसे में छत्तीसगढ़ सरकार के पायलट कैप्टन जी के पांडा और नाइट फ्लाइट ट्रेंनिंग के लिए दिल्ली से आए पायलट कैप्टन एपी श्रीवास्तव की मौत हो गई। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने हेलिकाप्टर के ब्लैक बाक्स को कब्जे में ले लिया है। मुख्य सचिव ने दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं।
हेलिकॉप्टर 109 पावर एलिट मॉडल का था। यह हेलिकॉप्टर इटैलियन हेलिकॉप्टर मैन्युफैक्चरर कंपनी अगस्ता वैस्ट लैंड का बनाया हुआ था। इसके मेंटेनेंस पर ही बहुत बड़ी राशि खर्च की जा चुकी थी। बुधवार शाम को यह मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर के साथ ही माना हवाई अड्डे पर उतरा था।
कई बार वीआईपी लोगों की जान इस हेलीकॉप्टर से उड़ान के दौरान आई गड़बड़ियों की वजह से आफत में फंस चुकी थी। बताया जा रहा है कि इस हेलीकॉप्टर में 7 लोग बैठ सकते थे। इसे साल 2007 में डॉ. रमन सिंह की सरकार ने खरीदा था। इस हेलिकॉप्टर में दो टरबाइन इंजन थे। इसमें ऑटो पायलट, बेहतर लैंडिंग सिस्टम, नेविगेशन, मौसम रडार सिस्टम जैसी सुविधाएं थीं।
जांच टीम ब्लैक बाक्स के जरिए हादसे के कारणों का पता लगाएगी। सूत्रों के मुताबिक इंजन में आई गड़बड़ी की वजह से ये हेलिकॉप्टर उड़ान के कुछ ही मिनट बाद नीचे आ गिरा।
अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी का दावा है कि यह एक बेहतर हेलिकॉप्टर रहा है। कंपनी का दावा है कि शहरी क्षेत्रों में और कठिन पहुंच वाले क्षेत्रों में फ्लाइंग के लिए इसे तैयार किया गया है। ये हेलिकॉप्टर 310 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर उड़ सकता है। 10,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। इसे मिलिट्री और रेस्क्यू के इस्तेमाल में भी उड़ाया जाता है।
रिकार्ड के अनुसार कई बार इस हेलीकॉप्टर को लेकर उड़ान में असुविधा हुई है और यह दुर्घटनाग्रस्त होते -होते बचा है। इसका इंजन अपनी क्षमता से अधिक उड़ान भर चुका था। एक बार इसका इंजन बदला भी जा चुका था। फरवरी 2016 में डॉक्टर रमन सिंह और केदार कश्यप को लेकर सुकमा से वापस आते समय इस हेलिकॉप्टर का ऑटो पायलट मोड फेल हो गया। उस समय पायलट ने बड़ी मुश्किल से इसे संभाल कर इमरजेंसी लैंडिंग कराई थी।
मई 2016 में तत्कालीन कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को लेकर यह हेलिकॉप्टर नारायणपुर जा रहा था। रास्ते में फ्यूल सप्लाई रुकने से इंजन बंद हो गया। किसी तरह पायलट इसे रायपुर वापस लाया। वर्ष 2017 में बस्तर से रायपुर आते समय हेलिकॉप्टर के पंखे में वाइब्रेशन आ गया। इसकी वजह से यह उड़ नहीं पा रहा था। पायलट ने आनन-फानन में इसे अभनपुर के एक खाली मैदान में उतारा। अगस्त 2019 में मंत्री अमरजीत भगत को लेकर सरगुजा से आते हुए हेलिकॉप्टर का फ्यूल खत्म हो गया। इसकी वजह से कोरबा में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। जून 2021 में भैयाथान में लैंड करते हुए इस हेलिकॉप्टर के शीशे में दरार आ गई थी। उस वक्त उसमें स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सवार थे।
इसके पहले वर्ष 2007 में छत्तीसगढ़ सरकार की मैना हेलिकाप्टर साल्हेवारा के जंगल में क्रैश हुआ था। हादसे में चालक समेत चार लोगों की मौत हुई थी।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री ने विधानसभा को बताया था कि दिसम्बर 2018 से जनवरी 2021 तक इस हेलिकॉप्टर के मेंटेनेंस पर 14 करोड़ 65 लाख 15 हजार 41 रुपये खर्च हुए थे।
MadhyaBharat
13 May 2022
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