राजेन्द्र जायसवाल
कोरबा शहर के एक बड़े चावल व्यापारी रूढ़मल अग्रवाल के पुत्र के खिलाफ अंतत: एफआईआर दर्ज हो ही गई। मामले को सलटाने की तमाम कोशिशें की गई, लेकिन कोई मैनेजमेेंट न इधर से काम आया न उधर से। इधर व्यवसायी के एक पुत्र पर अनाचार तो दूसरे पर धमकाने का मुकद्मा दर्ज हुआ तो प्रार्थियां पर भी भयादोहन करने का केस रजिस्टर करा लिया गया। प्रार्थियां की तरफ से भी मैनेजमेंट का खेल कुछ सफेदपोश लोगों द्वारा जमकर खेला जा रहा था लेकिन सारा कुछ उनके मंसूबे के विपरीत हुआ। अब नगरजन तेल और तेल की धार के साथ मामले का परिणाम जानने को उत्सुक हैं।
मूरित पर आफत की मार
किसी जमाने में छात्र नेता से समाजवादी और फिर श्रमिक नेता बने मूरित राम साहू ने कांग्रेस के बाद भाजपा का दामन थामा। नेता से व्यापारी की राह पर चल निकले मूरित राम पर आफत की मार चारों तरफ से पड़ रही है। उनको लेकर एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे नगरवासियों को भी चकित किए हुए हैं। पहले बहू फिर जिन्न की तरह प्रकट हुई पत्नी और अब देबू की जमीन का विवाद सामने आ रहा है। अब देखना है कि मुसीबत मूरित राम का पीछा कहां जाकर छोड़ती है।
मंत्री के कायल हुए भाजपायी
सांसद डा. बंशीलाल महतो के प्रयासों से कोरबा के पहले प्रवास पर पहुंचे केन्द्रीय कोयला एवं ऊर्जा राज्यमंत्री पीयूष गोयल के कायल जिले के भाजपायी हो गए हैं। केन्द्रीय मंत्री की कार्यशैली, वाक्पटूता, भाजपा कार्यकर्ताओं से खुलकर संवाद और प्रत्येक कार्यकर्ता से रूबरू होकर मुलाकात ने काफी प्रभावित किया। केन्द्रीय स्तर के मंत्री और नेता का स्वागत करने वालों की भी लंबी कतार थी और जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी ने जिस तरीके से केन्द्रीय मंत्री के कार्यक्रम को सफल बनाया, उसकी भी तारीफ के पुल बांधने से कार्यकर्ता नहीं चूकते।
किस दम पर पाएंगे चारों सीट
गत दिनों भारतीय जतना पार्टी का मंथन शिविर कटघोरा में हुआ। व्याख्यान में वक्ताओं ने चार में से मात्र 1 विधानसभा पर ही कब्जा होने को लेकर चिंतन-मनन किया और भविष्य में चारों सीट जीतने के बड़े-बड़े दावे किए हैं। अब इस मंथन में शामिल हुए कार्यकर्ताओं में से कुछ को यह समझ नहीं आ रहा कि इस तरह के मंथन शिविर में आखिर ऐसा कौन सा मंत्र और अमृत निकला है कि चंद कार्यकर्ताओं को मंत्र फूंक देने या अमृत पिला देने से चारों सीट झोली में टपक जाएगी।
दिल के अरमां आंसुओं में बह गए
नगर पालिका कटघोरा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के मध्य खींचतान नगर के साथ भाजपा जिला संगठन में गृहयुद्ध का सबब बना हुआ है। इस अंतरकलह के दौरान पालिका अध्यक्ष ने गत दिनों पीआईसी से उपाध्यक्ष को हटाने की अनुसंशा के साथ पत्र नगरीय निकाय विभाग को भेज दिया। वहां से जवाब लौटा कि निकायों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पीआईसी के स्थायी सदस्य होते हैं अत: इन्हें हटाना संभव नहीं है। अब पालिका अध्यक्ष के दिल के अरमां आंसुओं में बहकर रह गए हैं।
सहायक अभियंताओं की बेचैनी
कोरबा सहित प्रदेश के नगर निगमों में पिछले दिनों अभियंताओं का तबादला से जहां प्रभावित हुए अभियंताओं की बेचैनी बढ़ी रही, अब सहायक अभियंताओं के इधर उधर होने की चर्चा जोरों पर है। यह चर्चा आम होने के साथ ही सहायक अभियंताओं की बेचैनी इस बात को लेकर बढऩे लगी है कि आखिर उन्हें कौन सा जोन या इलाका थमाया जाएगा। कुछ लोगों की बेचैनी इतनी ज्यादा है कि वे अभी से भविष्य की सूची पर नजर रखने की कोशिश अपने तरीके से करने लगे हैं।