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मप्र सरकार की चीता लाने की तैयारियां तेज
नामीबिया या फिर दक्षिण अफ्रीका सरकार से चीता लाए जाने को लेकर भारत सरकार अनुबंध कर सकती है। उधर मध्य प्रदेश सरकार ने भी चीता लाने की तैयारियां तेज कर दी हैं। वन अधिकारियों और विशेषज्ञों का दल रविवार को दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हो गया है। यह दल नामीबिया भी जाएगा। दल करीब 10 दिन वहां रहेगा और चीता की देखरेख सहित अन्य तकनीकी प्रशिक्षण लेगा। पहले चरण में 12 चीता लाए जा सकते हैं। मध्य प्रदेश के मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक जेएस चौहान ने बताया कि दल चीता की देखरेख, उसे बेहोश कर शिफ्ट करने और उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने का प्रशिक्षण लेगा ताकि कूनो पालपुर में बसाए जाने के बाद उनकी देखरेख में कहीं कोई परेशानी न हो। नामीबिया सरकार साइटिस के खिलाफ भारत सरकार का साथ चाहती थी। यह संस्था वन्यप्राणियों के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करती है और नामीबिया सरकार चीतों को मारकर उनके अंग बेचने की अनुमति देती है। इस मामले में संस्था ने नामीबिया पर दबाव बनाया हुआ है। इसमें कोई और देश उसका साथ नहीं दे रहा है। जानकार बताते हैं कि नामीबिया अब इस शर्त को हटा रहा है। नए समीकरणों के बीच अगस्त तक 12 चीता मध्य प्रदेश आने की उम्मीद जताई जा रही है। अधिकारियों को कहना है कि अगले हफ्ते अनुबंध होने के बाद चीता लाने की तैयारी शुरू हो जाएगी। चीता कैसे लाए जाएंगे, रास्ता क्या होगा आदि लगभग तय है, बस अनुबंध का इंतजार है। चीता आने से देश में जहां चीतों की संख्या बढ़ेगी वहीं पर्यटन भी बढ़ेगा।
MadhyaBharat
29 May 2022
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