विद्यार्थी को ज्ञान और राष्ट्रभक्ति की मशाल लेकर चलना होगा
atal vishwvidhyalay

 

 
मंत्री  पवैया ने किया वेद व्यास भवन का भूमि-पूजन
 
 
 
उच्च शिक्षा मंत्री  जयभान सिंह पवैया ने अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के शैक्षणिक भवन \'वेद व्यास\'\' का सूखी सेवनिया स्थित ग्राम मुगालिया कोट में भूमि-पूजन किया। श्री पवैया ने कहा कि आज के विद्यार्थी को ज्ञान और राष्ट्र-भक्ति की मशाल लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि छात्रों के सुझावों पर अमल करते हुए विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों को पुनरीक्षित किया जायेगा।
 
श्री पवैया ने कहा कि वे स्वयं हिन्दी के पुजारी हैं। उन्होंने अपनी चिली यात्रा का संस्मरण सुनाते हुए कहा कि वहाँ पर उन्होंने हिन्दी में भाषण दिया था। उन्होंने देशी वेशभूषा को ही अपनाकर अपनी यात्रा पूर्ण की थी। श्री पवैया ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि विद्यार्थी आत्मजीवी बनें। शैक्षणिक दृष्टि से तो श्रेष्ठ हो ही, पर उसकी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता कम न हो। उन्होंने कहा कि युवा ऐसा होना चाहिये, जो देश के लिये सर्वत्र न्यौछावर कर सके। उन्होंने स्वामी विवेकानंद और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के भी कई संस्मरण सुनाये। उन्होंने कहा कि आज के समय में हिन्दी बोलने में लोगों को हीन भावना का सामना करना पड़ता है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिये। हिन्दी विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का चुनौतीपूर्ण संकल्प है। उनकी सोच से ही यह संभव हो पाया है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में हो सकेगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से दूसरे राज्य भी प्रतिबद्धता या संबद्धता करना चाहते हैं।
 
विधायक  रामेश्वर शर्मा ने कहा कि यह विश्वविद्यालय देश का पहला हिन्दी विश्वविद्यालय होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री वाजपेयी ने हिन्दी को दुनिया के शिखर पर पहुँचाया है। श्री शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय ने ग्राम मुगालिया कोट को गोद लिया है। ग्राम का सम्पूर्ण विकास किया जायेगा। ग्राम में मंगल भवन बनवाया जायेगा। साथ ही ग्राम की सड़क को चौड़ा किया जायेगा। विश्वविद्यालय से हिन्दी का रुतबा दिन-प्रतिदिन बढ़ेगा।
 
कुलपति प्रो. मोहनलाल छीपा ने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना के समय 60 विद्यार्थी ने प्रवेश लिया। गत वर्ष 520 और अभी तक कुल मिलाकर 1239 छात्र-छात्राएँ अध्ययनरत हैं। उन्होंने बताया कि 237 पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय ने बना लिये हैं, जिनमें से 70 शुरू हो चुके हैं। चिकित्सा पाठ्यक्रम भी हिन्दी में बना लिया गया है। उन्होंने अध्ययन अनुसंधान केन्द्र, गर्भ संस्कार, तपोवन केन्द्र आदि की भी जानकारी दी।
 
विश्वविद्यालय का 50 एकड़ का मास्टर-प्लॉन बनाया गया है। पुरातन वास्तुविद शैलियों और वर्तमान मॉडर्न टेक्नीक का भी समावेश किया गया है। पंचतत्वों का भी इसमें ध्यान रखा गया है। एक हजार लोगों के रहने, 300 स्टॉफ क्वार्टर्स, जिम्नेशियम, 400 मीटर का ट्रेक विथ ग्राउण्ड बनाया जायेगा। विश्वविद्यालय को ग्रीन बिल्डिंग केम्पस के रूप में डेव्हलप किया जायेगा। कुल 400 करोड़ की लागत से बनने वाले विश्वविद्यालय भवन के लिये राज्य शासन ने प्राथमिक-स्तर पर 49 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं।
 
मंत्री  पवैया ने वेद व्यास भवन का भूमि-पूजन कर भवन की आधारशिला रखी। श्री पवैया ने शिला-लेख पट्टिका का अनावरण भी किया। उन्होंने समारोह के बाद विश्वविद्यालय के मॉडल का अवलोकन भी किया। इस मौके पर जनपद अध्यक्ष  दीपिका यादव, जनपद सदस्य रचना मीणा, मण्डी सदस्य  अशोक मीणा, सरपंच दीवान सिंह लोधी सहित अन्य जन-प्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना और समापन वंदे-मातरम् गान से हुआ। आभार  अनिल सौमित्र ने माना।