सुगंधित धान की खेती से महकेगा धमतरी
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धमतरी जिले में पहली बार आधा दर्जन सुगंधित धान के वेरायटियों की खेती हो रही है। जिसकी खुशबू से जिला महक उठेगा। बस्तर, अंबिकापुर और बिलासपुर के प्रसिद्ध धान फसलों पर जिले के किसानों ने दिलचस्पी दिखाकर अपने खेतों में जैविक पद्धति से प्रदर्शन लगाया हैं।
 
धमतरी की भूमि में अब तक केवल दूबराज धान की खुशबू उड़ी है, लेकिन इस साल खरीफ की खेती में एक साथ 6 सुगंधित धान फसलों की खुशबू महकेगी। जिसकी तैयारी में क्षेत्र के किसान जुट गए है। धमतरी, कुरुद, मगरलोड और नगरी के किसान आत्मा योजना से प्रेरित होकर पहली बार खुशबूदार धान फसलों की वेरायटी बिलासपुर के विष्णुभोग, जवांफूल, दुबराज, बस्तर के श्यामजीरा, तुलसीमंजरी और अंबिकापुर के लोहंदी की खेती करेंगे। कृषि विभाग के तहत संचालित आत्मा योजना के तहत किसानों को जैविक पद्धति से प्रदर्शनी लगाने बीज का वितरण किया जा चुका है। किसानों के खेतों में नर्सरी तैयार है, जिसकी रोपाई शुरू हो गई है।
 
आत्मा योजना के डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि कुरुद ब्लॉक में विष्णु भोग की खेती 22 एकड़, लोहंदी 13 एकड़ और जवांफुल की खेती 35 एकड़ में होगी। ग्राम परखंदा, जोरातराई गांव के किसान जैविक पद्धति से इस वेरायटी की धान फसल लगा रहे हैं। मगरलोड ब्लॉक के ग्राम चंदना में पहली बार 50 एकड़ जमीन पर दुबराज धान की खेती यहां के किसान कर रहे हैं। जबकि ग्राम बोड़रा में जवांफुल 20 एकड़ में लगाएंगे।
 
नगरी ब्लॉक के ग्राम बरबांधा, चनागांव, गोरसानाला, केरेगांव, छुही, मुकुंदपुर में 50 एकड़ में दुबराज की खेती होगी। धमतरी ब्लॉक के ग्राम कलारबाहरा, उरपुटी, डोमा, अछोटा, पुरी, आमदी के किसान दुबराज, तुलसीमंजरी, जीराफुल, जवांफुल धान की खेती कर रहे हैं। सुगंधित धान की वेरायटी की खेती 140 से 145 दिन में तैयारी हो जाती है। प्रति एकड़ 15 से 16 क्विंटल जबकि दुबराज 18 से 19 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन होता है।
 
जिले में हो रही सुगंधित धान फसलों की खेती जैविक पद्धति से की जाएगी। किसानों को तनाछेदक से बचाव के लिए ट्राईकोग्रामा कार्ड व फेरोमोनट्रेप उपलब्ध करा दिया गया है। जीवाणु खाद एजोबेक्टर लिक्विड और पीएसबी के घोल दिया गया है। जिले के किसानों को उत्पादन लेने में सफलता मिलती है, तो अन्य किसानों को भी सुगंधित खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा।