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सीएम बघेल के बयान से सियासत
राष्ट्रपति पद को लेकर सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए ओडिशा की आदिवासी नेत्री और पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में मुर्मू के नाम को फाइनल करने के बाद यह चर्चा शुरू हुई कि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके भी प्रबल दावेदार थीं। उइके को उम्मीदवार नहीं बनाए जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिए बयान के बाद प्रदेश में राजनीति का माहौल बन गया है।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने में किसी की उपेक्षा नहीं की गई। राष्ट्रीय नेतृत्व ने आदिवासी वर्ग से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने का फैसला किया। इसके बाद स्वाभाविक रूप से आदिवासी वर्ग के राज्यपाल, केंद्रीय मंत्रियों और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वालों के नाम पर विचार किया जाता है। भाजपा संसदीय बोर्ड ने मुर्मू के नाम को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया। इसे किसी की उपेक्षा से जोड़कर देखना ठीक नहीं है। बता दें कि दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री बघेल ने कहा था कि उइकेकांग्रेस की पृष्ठभूमि से हैं इसलिए उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं बनाया गया। उधर सवाल कांग्रेस पर भी भाजपा ने उठाये हैं।
MadhyaBharat
24 June 2022
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