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एलाइजा टेस्ट के बाद ही डेंगू की पहचान जरूरी
निजी अस्पताल रैपिड किट में पाजिटिव आने पर ही मरीज को डेंगू पीड़ित मान लेते हैं। जबकि वह संभावित होते हैं। एलाइजा टेस्ट के बाद ही डेंगू की पहचान होती है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष डेंगू का पहला मरीज एक फरवरी को देवपुरी के वर्धमान नगर से मिला था। मार्च में बीएययूपी कालोनी और अशोनगर से मरीज मिले थे। अप्रैल और मई में एक भी केस नहीं मिले, लेकिन जून शुरू होते ही सिलसिला शुरू हो गया। अगस्त-सितंबर में रोजाना 15 से ज्यादा डेंगू के मरीज मिलने लगे थे। रायपुर के निजी अस्पतालों को रैपिड किट से जांच के बाद एलाइजा रिपोर्ट मिलने पर ही मरीज को डेंगू पीड़ित बताना होगा। ऐसा नहीं करने पर जुर्माना भरना पड़ेगा। जुर्माना कितना लगेगा, फिलहाल तय नही है। लेकिन, विगत साल दो निजी अस्पतालों से पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना वसूला गया था। स्वास्थ्य विभाग ने रैपिड किट के बाद एलाइजा टेस्ट अनिवार्य कर दिया है।पिछले वर्ष रायपुर जिले में डेंगू के करीब 500 मरीज मिले थे। राहत की बात है कि रायपुर जिले में इस वर्ष अब तक डेंगू के केवल 24 मरीज मिले हैं और वे भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
MadhyaBharat
30 June 2022
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