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बीजेपी ने कहा नाम बदलना उचित नहीं
छत्तीसगढ़ में चौक-चौराहों संस्थानों के नामकरण पर सियासत शुरू हो गई है। भूपेश बघेल सरकार नवा रायपुर के चौक-चौराहों का नाम छत्तीसगढ़ की विभूतियों के नाम पर करने जा रही है। नवा रायपुर में मंत्रालय और संचालनालय के सामने बने एकात्म पथ के नाम को लेकर संशय के बादल छा गए हैं। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने जनसंघ के सस्थापक पं दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उनकी प्रतिमा की स्थापना की थी। उस मार्ग का नाम एकात्म पथ रखा था। साथ ही नवा रायपुर का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर नवा रायपुर अटल नगर किया था। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भाजपा नेताओं के नाम से जुड़ी सात योजनाओं और एक पुरस्कार का नाम बदला जा चुका है। वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद प्रदेश में अजीत जोगी के नेतृत्व में पहली सरकार कांग्रेस की बनी थी। 2003 में जोगी सरकार की विदाई के बाद सत्ता में आई भाजपा ने उस समय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम की योजनाओं का नाम बदला था। 15 वर्ष बाद राज्य की सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार ने उन योजनाओं को एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर कर दिया है। इसके साथ ही अन्य योजनाओं का नाम छत्तीसगढ़ की विभूतियों शहीद वीर नारायण, मिनी माता के साथ ही संविधान निर्माता डा भीमराव आंबेडकर के नाम पर कर दिया।भूपेश बघेल सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय हथकरघा प्रोत्साहन पुरस्कार का नाम बदलकर राज राजेश्वरी करणा माता प्रोत्साहन योजना कर दिया है। वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा भाजपा सरकार ने जो नाम रखा है, उसे बदलना उचित नहीं है। भाजपा ने सरकार पर नाम बदलने को लेकर निशाना साधा है।
MadhyaBharat
13 July 2022
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