Since: 23-09-2009
सत्ता पक्ष ने कमलनाथ , दिग्विजय पर साधा निशाना
राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। वहीं अब क्रॉस वोटिंग को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सहित सभी कांग्रेस के नेताओं ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने कमल नाथ के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पहला अवसर नहीं है, जब पार्टी के विधायक ने अलग राह पकड़ी हो। अब तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। प्रदेश में 47 विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं और वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस को 30 सीटों पर सफलता मिली थी। पार्टी आदिवासी समुदाय को नाराज नहीं करना चाहती है, इसलिए सभी पदाधिकारियों से इस मामले में चुप रहने के लिए कहा गया है। हालांकि, पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने मीडिया से चर्चा में क्रास वोटिंग को गंभीर बताते हुए ऐसा करने वाले विधायकों को चिन्हित करने की बात कही है।आपको बता दें राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस समर्थित विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को 79 विधायकों के मत प्राप्त हुए। कांग्रेस के विधायकों की संख्या 96 है। इस प्रकार देखा जाए तो 17 विधायकों ने राजग के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया। इसमें बड़वाह से विधायक सचिन बिरला ने मतदान के बाद स्पष्ट रूप से कहा था कि उन्होंने राजग प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया है। पार्टी के विधायक डा.हीरालाल अलावा सहित जनजातीय वर्ग के कुछ अन्य विधायकों ने भी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बनाए जाने का स्वागत किया था। पार्टी नेताओं का मानना है कि आदिवासी समुदाय के विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया है। हालांकि, कोई भी इस मामले में खुलकर कुछ भी कहने के लिए तैयार नहीं है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का आदिवासी विरोधी चेहरा सामने आ गया है। पूरे देश में लोग पार्टी लाइन से हटकर द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रहे थे। वहीं, गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों को कमल नाथ पर भरोसा नहीं है।
MadhyaBharat
23 July 2022
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|