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हड़ताल पर स्थगन के माध्यम से चर्चा कराने की मांग
विधानसभा में विपक्ष ने हंगामा किया।विधायकों ने प्रदेश में कर्मचारी संगठनों की हो रही हड़ताल पर स्थगन के माध्यम से चर्चा कराने की मांग की। सभापति सत्यारायण शर्मा ने विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। जिसके बाद सदन में हंगामा और नारेबाजी शुरू हो गई। वहीं सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि पूरे प्रदेश में एक लाख नौ हजार सहायक शिक्षक सड़कों पर हैं। पुलिस रास्ते में रोक रही है। अंदेशा है कि उनके साथ मारपीट भी हुई होगी। मुख्यमंत्री बघेल जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे, तब हड़ताली कर्मचारियों के हर तंबू में गए थे। उन्होंने आश्वासन देकर वोट बटोरे । 2021 में 18 दिनों का धरना दिया गया था तब मुख्यमंत्री ने एक कमेटी बनाई थी, लेकिन आज तक उसका प्रतिवेदन नहीं आया। सहायक शिक्षकों की धैर्य की सीमा टूट रही है। विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार के पौने चार साल में ज्यादातर वक्त कर्मचारी हड़ताल पर रहे हैं।उन्होंने कहा ये सरकार है कि चू-चू का मुरब्बा है। अजय चंद्राकर ने कहा कि सरकार के अड़ियल रवैए, धोखाधड़ी से आज ये सड़कों पर हैं।
MadhyaBharat
23 July 2022
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