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डीएमएफ में अनियमितता का मामला सदन में
छत्तीगसढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में जांजगीर चांपा का मामला उठा। चांपा में डीएमएफ में अनियमितता का मामला सदन में उठा। बीजेपी के सौरभ सिंह ने कहा, आठ करोड़ की राशि का भुगतान सिंगल कोटेशन के आधार पर कर दिया गया। सप्लायर ने मशीनों की सप्लाई भी कर दी। केंद्र का नियम है कि जेम पोर्टल से ही खरीदी होगी। जबकि नियमों को दरकिनार कर दिया गया। नियम कहता है कि शासी समिति की सिफारिश के बगैर खरीदी नहीं हो सकती। मगर बगैर शासी परिषद की सिफारिश के खरीदी की गई। 2018-19 के बाद अब तक आडिट भी नहीं किया गया है। तीन वित्तीय वर्ष में स्वीकृत कार्यों में अधिकांश पूर्ण नहीं हुए हैं। दो वित्तीय वर्ष में केवल प्रशिक्षण में ही 23 करोड़ रुपए खर्च किए गए। कागजों पर यह राशि खर्च कर दी गई है। रकम की बंदरबांट हुई है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा जांजगीर में प्रतिवर्ष सौ करोड़ से अधिक राशि डीएमएफ से प्राप्त होती है। शासी परिषद के अनुमोदन से राशि खर्च की जाती है। पचास फीसदी राशि खर्च करने की बात सही नहीं है। महज 28 फीसदी राशि खर्च हुई है। कलेक्टर के तबादले के बाद 30 करोड़ रुपये की खरीदी किए जाने की बात सही नहीं है। केवल दस करोड़ रुपए की खरीदी के आदेश जारी किए गए। 21 करोड़ रुपए के काम को निरस्त किया गया है। शासी परिषद की बैठक में इन कामों का अनुमोदन किया जाएगा।
MadhyaBharat
26 July 2022
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