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प्रथम चरण में 278 MW बिजली विक्रय के अनुबंध हुए
कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में छह सौ मेगावाट क्षमता की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना के प्रथम चरण में 278 मेगावाट बिजली विक्रय के अनुबंध कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2030 तक पांच सौ गीगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने का वादा किया है। वैसे ही मैं भी वादा करता हूं वर्ष 2027 तक मध्य प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता बढ़ाकर 20 हजार मेगावाट कर दी जाएगी। मप्र को 'लंग्स आफ इंडिया' बनाना मेरा लक्ष्य है।मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री का वादा पूरा करने में मध्य प्रदेश कोई कसर नहीं छोड़ेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में प्रदेश में पांच सौ मेगावाट से कम बिजली उत्पादन था, जिसे 10 गुना बढ़ाकर पांच हजार चार सौ मेगावाट कर दिया है।ओंकारेश्वर परियोजना को लेकर उन्होंने कहा की सौर फ्लोटिंग परियोजना अदभुत है। दुनिया में अभी तक ऐसे 10 संयंत्र हैं। जिसमें यह सबसे बड़ी है। यह संयंत्र के लिए आदर्श बांध है। पानी पर पैनल लगाने के कारण जमीन की आवश्यकता नहीं है, तो किसी को हटाना भी नहीं है। वहीं जमीन की तुलना में पानी पर पैनल बिछाने से ज्यादा बिजली बनती है। पानी का वास्पीकरण भी रुकेगा। बिजली बनेगी और भोपाल शहर को 124 दिन जितने पानी की जरूरत पड़ती है, उतना बचेगा। वनस्पति भी नहीं उगेगी तो पानी की शुद्धता भी बनी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के लिए काम करते ही हैं, कई मुद्दों पर दुनिया का भी मार्गदर्शन कर रहे हैं। इस मौके शिवराज ने कहा केवल भाषण से काम नहीं चलेगा । खुद करोगे, तो दूसरों से कहने का अधिकार है। इसलिए मैं अपने बाथरूम और कमरे की बिजली अनावश्यक नहीं जलने देता। पर्याप्त रोशनी है, तो क्यों जलाऊं। किसी और के आने का इंतजार नहीं करता। सीएम हाउस में लड़ाई-झगड़ा करता हूं तो सिर्फ इसलिए कि बगैर जरूरत के बिजली क्यों जल रही है। कई बार धारणा होती है कि सरकारी है जलने दो पर उत्पादन पर खर्च राशि तो आपकी कमाई के टैक्स से ही आती है।
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