चार दिन पहले हुई संघ के साथ समन्वय बैठक में सुस्त प्रशासनिक व्यवस्था और विधायकों की शिकायतों के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़े तेवर दिखाते हुए मंगलवार को आईएएस अफसर प्रकाश जांगरे, एडीएम बैतूल पवन जैन और तीन उप संचालकों को निलंबित कर दिया। वहीं, रतलाम के नगर निगम कमिश्नर सोमनाथ झारिया को हटाने का आदेश दिया। झारिया के खिलाफ जनशिकायतों में लापरवाही बरतने का आरोप था।
समाधान ऑनलाइन के दौरान जनसमस्याओं के निराकरण की जो रफ्तार है वो निराशाजनक है। सीएम ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति से समझौता नहीं होगा। कानून व्यवस्था को लेकर आईजी और पुलिस अधीक्षकों से कहा कि मैदानी स्तर पर अक्षम अधिकारियों को हटाना पड़ेगा। उन्होंने अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से सीधा और नियमित संवाद करने के लिए भी कहा। गौरतलब है कि विस सत्र के दौरान भी विधायकों ने बेलगाम नौकरशाही के मुद्दे उठाए थे।
प्रकाशचंद जांगरे- 26 जून को कटनी कलेक्टर के पद से हटाए गए। शराब के ठेकों में अनियमितता के आरोप लगे थे। सरकार ने उन्हें मंत्रालय में उप सचिव बनाया, पर काम नहीं दिया। कुछ दिनों पहले उन्हें श्रम विभाग में पदस्थ किया गया। जांगरे के कटनी कलेक्टर पद से हटने के करीब सवा माह बाद जन शिकायतों के निराकरण में लापरवाही बरतने के मामले को आधार बनाकर निलंबित कर दिया।
पवन जैन- बैतूल के अपर कलेक्टर पवन जैन ने नियमों के विपरीत जाकर पांच किसानों की 20 एकड़ जमीन एक ही दिन में गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति दी थी। ये मुद्दा विस में उठा और पूर्व मंत्री जगदीश देवड़ा की अध्यक्षता में विधायकों की समिति गठित कर नियमों में बदलाव की प्रक्रिया चल रही है। जैन ने जमीन बिकने के बाद उस पर कब्जा भी दिलवा दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें तत्काल निलंबित करने के आदेश दिए गए।
पीडी सराठे- शहडोल में उप संचालक कृषि रहे पीडी सराठे ने वर्ष 2011 से 15 तक राष्ट्रीय कृषि विकास योजना सहित अन्य योजनाओं में नलकूप खनन में लक्ष्य से ज्यादा प्रकरण स्वीकृत करने, पहले से स्वीकृत प्रकरणों के स्थान पर दूसरे प्रकरण बनाने, बजट होने के बाद भी अनुदान का भुगतान न करने जैसी अनियमितता के आधार पर निलंबित कर दिया। सराठे अभी मंडला में पदस्थ हैं। उनके स्थान पर डिंडौरी के उप संचालक आरबी साहू को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
एसके धुर्वे- सिवनी में उप संचालक कृषि एसके धुर्वे ने हलधर योजना में गहरी जुताई करने पर किसानों को दिए जाने वाले अनुदान का भुगतान नहीं किया। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के आवेदन पर फोर्स क्लोजर की स्थिति बन गई। वित्तीय और प्रशासकीय अधिकारों के विपरीत जाकर बजट होने के बाद भी किसानों को अनुदान नहीं देने को गंभीर वित्तीय अनियमितता माना गया। धुर्वे को निलंबित कर उनके स्थान पर सिवनी के परियोजना संचालक आत्मा सलिल धगट को प्रभार दिया गया है।
केएस टेकाम- शहडोल में 2006-10 में पदस्थ रहे उप संचालक केएस टेकाम को भी नलकूप खनन का पैसा होने के बावजूद अनुदान न देने, लक्ष्य स्वयं बढ़ा लेने और पुराने स्वीकृत प्रकरणों को अटकाकर रखने के मामले में निलंबित किया गया। टेकाम अभी प्रबंध संचालक राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था, भोपाल हैं। उनके स्थान पर उप सचिव अजय गुप्ता को प्रभार दिया गया है।