आरक्षक बनाये जायेंगे ,जमीन भी मिलेगी
दरभा में शादी रचाने वाले तीन नक्सलियों व एक गोपनीय सैनिक ने अधिकारियों से अपनी शादी पर उपहार में पक्की नौकरी मांगी है । इस पर आईजी ने कहा कि नव दंपत्तियों को आरक्षक के पद पर रखा जाएगा वहीं ऐसे लोगों को शासन की नीति के अनुरूप आवास और कृषि हेतु जमीनें भी दी जाएगी।
दरभा के हाईस्कूल मैेदान में कांदानार निवासी गोपनीय सैनिक मानसाय ने बेंगपाल निवासी कटेकल्याण एलओएस की सदस्य पदमनी नाग से विवाह रचाया। वहीं झीरम निवासी तथा कांगेर घाटी एरिया कमेटी सदस्य रहे बुधराम और मुंदेनार की बाल संघम सदस्य रही लक्षमति दांपत्य जीवन में बंधे। मानसाय ने बताया कि वह गोपनीय सैनिक है लेकिन अस्थाई है। घर में दो भाई और चार बहनें हैं। इधर बुधराम ने कहा कि समर्पण के पहले वह लक्षमति से शादी कर सुखी जीवन व्यतीत करना चाहता था लेकिन कांगेर वेली एरिया कमेटी के कमांडर सोनाधर की धमकी के चलते वह ऐसा नहीं कर पाया था। उसे उम्मीद है कि समर्पण के बाद वह पुलिस में सेवाएं देना चाहता है।
कटेकल्याण एलओएस सदस्य पदमनी नाग ने बताया कि वह बेंगपाल की निवासी है तथा कन्या आश्रम कलेपाल में रहते हुए उसने पांचवी तक शिक्षा प्राप्त की है। घर में तीन बहनें हैं। वह 2011 से नक्सलियों के साथ है। उसकी भी ईच्छा है कि वह सिपाही बनकर नक्सलियों से लोहा ले। इधर ग्रामीणों से चावल एकत्र कर नक्सलियों तक पहुंचाती रही मुंदेनार की लक्षमती का कहना है कि तीन भाई व तीन बहनों में सबसे बड़ी है। उसके जैसे छोटी उम्र के लोगों का नक्सली शोषण कर रहे हैं। इसलिए वह भी पुलिस बल में शामिल होकर शोषण के खिलाफ लड़ना चाहती है। इसके लिए वह आरक्षक की नौकरी चाहती है।
बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी ने कहा कि गोपनीय सैनिकों को फिलहाल 10 हजार रुपए मानदेय दिया जा रहा है। इन्हें तथा समर्पित नक्सलियों को आरक्षक बनाया जाएगा। वहीं पुनर्वास नीति के तहत आवास और कृषि हेतु जमीन भी मुहैया करवाई जाएगी। इस घोषणा से समर्पित नक्सली खुश हैं।कमिश्नर बस्तर दिलीप वासनीकर ने बताया शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ समर्पित नक्सलियों को भी मिल रहा है। बस्तर में विकास के साथ शांति बहाल होती जा रही है। हम समाज के मुख्य धारा में लौटने वाले युवकों का स्वागत करते हैं।\'
कलेक्टर बस्तर अमित कटारिया ने बताया \'शासन की पुनर्वास नीति और लोगों को कौशल विकास योजना के तहत समर्पित नक्सलियों के हाथों को रोजगार के लिए दक्ष करने का प्रयास किया जा रहा था। कौशल विकास योजना के तहत समर्पित नक्सलियों के अभिरूचि के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें नयी जिंदगी शुरू करने में मदद की जा रही है।\'
पूर्व नक्सली प्रेमी जोड़ों की हुई शादी
इससे पहले झीरम कांड से देश-दुनिया में सुर्खियों में आए दरभा में दो पूर्व नक्सली प्रेमी जोड़ियों की शादी कड़ी सुरक्षा इंतजाम समेत गाजे-बाजे के साथ हुई। इस मौके पर दरभा जनपद के विभिन्न् गांवों के दो हजार से अधिक ग्रामीण शरीक हुए। बस्तर कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर एवं एसपी ने बारात में शामिल होकर जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान किया। मंगलवार पूर्व नक्सली बुधराम व मानसाय तथा उनकी दुल्हन लक्षमति एवं पदमनी को ग्रामीण महिलाओं व पुरुषों द्वारा सजाया-संवारा गया। इस बीच गांव में उत्सव का नजारा दिखा। बारात तहसील कार्यालय के सामने से रवाना हुई। खुली जीप में दोनों दूल्हे सवार हुए, जिन्हें देखने सड़क के आजू-बाजू भीड़ नजर आई। लोग अपने मोबाइल से दूल्हों की तस्वीरें लेते नजर आए।
इस दौरान पारंपरिक मुंडा बाजा व बैंड की धुन पर ग्रामीण युवकों ने नृत्य किया। कमिश्नर बस्तर दिलीप वासनीकर,आईजी एसआरपी कल्लूरी, कलेक्टर अमित कटारिया व एसपी आरएन दाश भी बारात में शामिल हुए। आतिशबाजी के साथ बारात दुर्गा मंदिर पहुंची। यहां बस्तरिया मोहरी की धुन पर हल्दी व अन्य वैवाहिक रस्में धुरवा एवं कोया समाज की परंपरानुसार पूरी की गई।
विवाह उपरांत हाईस्कूल मैदान में दोनों युगल जोड़ों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाया। इस दौरान अधिकारियों ने नवदांपत्य जोड़ों को उपहार समेत आशीर्वाद प्रदान किया। परिणय सूत्र में बंधने वाले दोनों प्रेमी युगल नक्सली संगठन में एलओएस सदस्य के रूप में रहे हैं। विवाह समारोह के दौरान सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। दरभा के दोनों ओर एंटी लैंड माइंस व्हीकल समेत काफी संख्या में जवान तैनात किए गए थे।
ऐहतियातन दोनों ओर से आने वाले वाहनों की सघन जांच भी की गई। शादी में दरभा ब्लाक के छिंदावाड़ा, छिंदगुर, कामानार, कांदानार, कोलेंग, मुंदेनार समेत अन्य गांवों से काफी संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे। इस दौरान आईजी बस्तर एसआरपी कल्लूरी ने मीडिया को बताया कि समाज के मुख्यधारा में लौटे नक्सल दंपती को नौकरी व आवास प्रदान किया जाएगा। इसके पूर्व बीते वर्ष समर्पित नक्सली कोसी एवं लक्ष्मण की संभाग मुख्यालय में ऐतिहासिक शादी रचाई गई थी।