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मध्यप्रदेश बना देश का सबसे स्वच्छ राज्य, इंदौर छठवीं बार देश का स्वच्छतम शहर
मध्यप्रदेश बना देश का सबसे स्वच्छ राज्य, इंदौर छठवीं बार देश का स्वच्छतम शहर

 

स्वच्छता शहर की उपलब्धियाँ गर्व का विषय : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

भारत सरकार द्वारा करवाये गये स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में हर साल की तरह मध्यप्रदेश ने एक बार फिर स्वच्छता के कीर्तिमान स्थापित किये। राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में आयोजित गरिमामय समारोह में मध्यप्रदेश को 100 से अधिक शहरों वाले राज्यों की श्रेणी में सबसे स्वच्छ राज्य और इंदौर को देश के स्वच्छतम शहर का अवार्ड प्रदान किया। राष्ट्रपति मुर्मु ने इस उपलब्धि पर मध्यप्रदेश को बधाई दी। उन्होंने इंदौर को छठवीं बार स्वच्छतम शहर का अवार्ड मिलने पर कहा कि इंदौर शहर के जन-भागीदारी के प्रयासों को सभी को अपनाना चाहिये। सबसे स्वच्छ शहर का अवार्ड इंदौर सांसद शंकरलाल लालवानी और नगर निगम इंदौर की टीम तथा सबसे स्वच्छ प्रदेश का अवार्ड प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री मनीष सिंह एवं उनकी टीम ने प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस उपलब्धि पर कहा कि प्रदेशवासियों के लिये यह गर्व का विषय है। उन्होंने नागरिकों का अभिनंदन करते हुए बधाई दी है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार मानते हैं, जिन्होंने स्वच्छता के संकल्प पर निरंतर मार्गदर्शन प्रदान किया।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने इस उपलब्धि पर नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों और नगरीय निकायों के पूरे स्टॉफ को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि मुख्यमंत्री चौहान के कुशल नेतृत्व के कारण मिली है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व और मुख्यमंत्री चौहान के कुशल मार्गदर्शन में हम सब मिल कर आगे भी इस तरह की उपलब्धियाँ हॉसिल करते रहेंगे। सिंह ने नागरिकों से अपील की है कि इस उपलब्धि पर संकल्प लें कि आगे भी अपने शहर को स्वच्छ रखेंगे। 

भोपाल को देश की स्वच्छ संवहनीय राजधानी का अवार्ड

 

स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में प्रदेश को 16 राष्ट्रीय अवार्ड मिले हैं। प्रदेश के 99 नगरीय निकायों को स्टार रेटिंग मिली है। वर्ष 2021 में 27 शहरों को मिली थी स्टार रेटिंग। भोपाल को 5 स्टार मिले और देश की स्वच्छ संवहनीय राजधानी का अवार्ड भी मिला। इंदौर प्रथम 7 स्टार रेटिंग प्रमाणित शहर बना। उज्जैन को एक लाख से अधिक जनसंख्या श्रेणी के शहरों में सर्वश्रेष्ठ नागरिक सहभागिता का सम्मान मिला। एक लाख से 3 लाख जनसंख्या के शहरों में देश का सिटीजन फीडबेक का अवार्ड छिंदवाड़ा को, 15 हजार से 25 हजार जनसंख्या श्रेणी में स्व-संवहनीय शहर का सम्मान पश्चिम जोन में मुंगावली को, पश्चिम जोन के 50 से से एक लाख जनसंख्या श्रेणी के शहरों में स्व-संवहनीय शहर का अवार्ड खुरई और देश के तीसरे सबसे स्वच्छ कैंट का अवार्ड महू कैंट को मिला है। इसी तरह पश्चिम जोन में 15 हजार से 25 हजार जनसंख्या श्रेणी में सबसे तेज बढ़ते शहर का अवार्ड औबेदुल्लागंज, 15 हजार से कम जनसंख्या श्रेणी में सबसे तेजी से आगे बढ़ते शहर का अवार्ड फूफकला, 15 हजार से 25 हजार जनसंख्या श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ नवाचार का अवार्ड पेटलावद और एक लाख से कम जनसंख्या के शहरों में देश में सबसे अधिक नागरिक सहभागिता का अवार्ड बड़ौनी को मिला है। इण्डियन स्वच्छता लीग में उत्तम प्रदर्शन के लिये उज्जैन और खजुराहो को नेशनल अवार्ड मिला है। अवार्ड समारोह में केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राज्य मंत्री कौशल किशोर सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

स्वच्छ भारत मिशन में प्रदेश की उपलब्धियाँ

 

प्रदेश के शत-प्रतिशत नगरीय क्षेत्रों में कचरा संग्रहण किया जा रहा है। इसके लिये नगरीय निकायों को 5 हजार 423 से अधिक मोटराइज्ड वाहन उपलब्ध कराये गये हैं। इन वाहनों में जीपीएस और पीए सिस्टम लगाये गये हैं। गीले कचरे के प्र-संस्करण और निष्पादन के लिये होम कम्पोस्टिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। निकायों की केन्द्रीयकृत कम्पोस्टिंग इकाइयों में संग्रहीत गीले कचरे की कम्पोस्ट बनाई जाती है। यह कम्पोस्ट नगरीय क्षेत्रों से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में खाद के रूप में उपयोग की जाती है। सूखे कचरे के प्र-संस्करण के लिये 256 नगरीय निकायों में 275 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी इकाइयों का निर्माण किया गया है। निकायों में लीगेसी अपशिष्ट को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य है। अब तक 50 निकायों के शत-प्रतिशत लिगेसी अपशिष्ट का प्र-संस्करण कर दिया गया है। प्रदेश में तहत 60 नगरीय निकायों को 5 एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्लस्टर के कवर किया गया है। इसके अलावा 316 नगरीय निकायों में स्टेंड अलोन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये कार्यवाही की जा रही है। फीकल स्लज के निष्पादन को प्राथमिकता में शामिल करते हुए 354 एफएसटीपी और 18 निकायों में 51 एसटीपी संचालित हैं।

MadhyaBharat 2 October 2022

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