रीवा, गुना सहित कई जिलों में फिर भारी बारिश का अलर्ट
दो दिन के ब्रेक के बाद मंगलवार को राजधानी भोपाल फिर हल्की बारिश से तरबतर हो गई। दोपहर 12 बजे के बाद शहर में कई जगह हल्की बारिश हुई। मौसम केंद्र ने प्रदेश के पूर्वी हिस्से में भारी बारिश होने की संभावना जताई है।
यहां अलर्ट
भोपाल में मंगलवार सुबह 8.30 बजे तक 1.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस सीजन में यहां अब तक 1241 मिमी से ज्यादा पानी बरस चुका है।
जबलपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना, उज्जैन, देवास में भी बारिश हुई। गुना, राजगढ़, आगर, सतना, रीवा, शहडोल समेत कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम केंद्र ने इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
भोपाल, इंदौर, मंडला, हरदा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, जबलपुर जिलों में आज गरज- चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम केंद्र ने बताया कि बांग्लादेश के पास बना लो प्रेशर सिस्टम झारखंड, बिहार, छतीसगढ़ होता हुआ पूर्वी मप्र से दस्तक दे सकता है। इस वजह से फिर तेज बारिश होने का अनुमान है। प्रदेश में अब तक सामान्य से 33 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। पूर्वी मप्र में 30 और पश्चिमी मप्र में 36 फीसदी ज्यादा पानी बरस चुका है।
30 जिले में सामान्य से 20 प्रतिशत ज्यादा, 19 में सामान्य और 2 जिले में कम वर्षा दर्ज
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 01 जून से 22 अगस्त तक हुई वर्षा के आधार पर 30 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा, 19 जिले में सामान्य तथा 2 जिले में कम वर्षा दर्ज की गई है।
सामान्य से अधिक वर्षा वाले जिले- जिन जिलों में 20 प्रतिशत से अधिक वर्षा हुई है। इनमें जबलपुर, कटनी, मण्डला, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, रीवा, सीधी, सिंगरौली, सतना, इंदौर, झाबुआ, अलीराजपुर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, होशंगाबाद और बैतूल है।
सामान्य वर्षा वाले जिलों में छिन्दवाड़ा, सिवनी, डिण्डोरी, टीकमगढ़, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, धार, खरगोन, बुरहानपुर, देवास, मुरैना, श्योपुरकला, भिण्ड, ग्वालियर, दतिया, हरदा, खण्डवा और आगर शामिल हैं। कम वर्षा वाले जिले बड़वानी और बालाघाट हैं।
बाढ़ से 3.80 लाख आबादी प्रभावित
प्रदेश में बाढ़ और अति वर्षा से 3 लाख 83 हजार 459 आबादी प्रभावित हुई। कुल 103 जनहानि दर्ज की गई है। इक्कीस लोग घायल हुए हैं और 7 लोग लापता है। वर्षा से 2760 मकान पूरी तरह और 44 हजार 200 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। बाढ़ के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में समय-समय पर संचालित राहत शिविरों की संख्या 162 रही है। इन शिविरों का उपयोग 22 हजार 387 लोग ने किया। मानसून मौसम में सबसे ज्यादा सतना में 40 और रीवा में 29 शिविर वर्तमान में संचालित किये जा रहे हैं।
इसके अलावा मानसून मौसम में प्रदेश के 26 जिलों में 398 पशुहानि हुई। पन्ना जिले में 2 बांध फूटे और छतरपुर जिले में 2 पुलिया क्षतिग्रस्त हुई।