भाजपा पर भरोसा
नगरीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण में भाजपा ने भोपाल, इंदौर, जबलपुर और छिंदवाड़ा नगर निगम सहित तीन नगर परिषदों पर भगवा परचम फहराया। दो नगर परिषद पर कांग्रेस जीत दर्ज करने में सफल रही। पहले चरण के चुनाव में भी भाजपा ने 10 नगर निगमों में जीत दर्ज कराई थी। प्रदेश की16 में से एक नगर निगम मुरैना का मामला कोर्ट में है। नगर सरकार की जंग में भी जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया। दूसरे चरण में हुए चार नगर निगम में भाजपा के सभी मेयर प्रत्याशी जीते। सबसे बड़ी जीत इंदौर में भाजपा की मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के नाम रहीं। जबकि सबसे कम मतों का अंतर छिंदवाड़ा में रहा। यहां पर दोनों प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर थी। भोपाल, जबलपुर में भी जीत का अंतर पहले के मुकाबले इस बार काफी बड़ा रहा।सबसे ज्यादा इंदौर, सबसे कम अंतर शमशाबादनगर सरकार के लिए सबसे ज्यादा मतों का अंतर नगर निगम इंदौर में रहा। यहां पर भाजपा की मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ ने कांग्रेस की अर्चना जायसवाल को 2,46,596 मतों से पराजित किया। सबसे कम जीत का अंतर विदिशा जिले की शमशाबाद नगर परिषद में रहा। यहां कांग्रेस के कृष्ण कुमार माहेश्वरी ने बीजेपी के मूलचंद माहेश्वरी को मात्र 102 मतों से पराजित किया।हरदा में होगा चुनाव, छनेरा में निर्दलीय जीतेनगर पालिका परिषद हरदा में अध्यक्ष को वापस बुलाने के लिए हुए मतदान में कांग्रेस की संगीता बंसल पराजित हुईं। इसके कारण वहां पर चुनाव फिर से कराए जाएंगे। इसी तरह खंडवा जिले की छनेरा में निर्दलीय प्रत्याशी कमलकांत भारद्वाज पद पर बने रहेंगे।नोटा का भी हुआ उपयोगनगरीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण में कई प्रत्याशी जनता की नापसंद रहे। इसके लिए उन्होंने नोटा का उपयोग किया। चार नगर निगमों में हुए मतदान में 22,103 लोगों ने नोटा का बटन दबाया। जबकि पार्षद प्रत्याशियों के लिए 15,444 लोगों ने नोटा का उपयोग किया। इसी तरह अध्यक्ष पद के लिए 437 नोटा के वोट पड़े।वार्ड : सबसे कम और ज्यादा वोटों से जीतनगर निगम भोपाल के चुनाव में वार्ड क्रमांक 20 से भाजपा प्रत्याशी संजीव गुप्ता महज 22 वोटों से जीत हासिल कर सके। गुप्ता को जहां 3,895 वोट मिले वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी मो. रशीद खान को 3,873 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस की वार्ड क्रमांक 9 से शबाना शाहिद अली ने अपनी प्रतिद्वंद्वी भाजपा की शमीम अफजल को सबसे ज्यादा 4,898 वोटों के अंतर से हराया।