मुख्यमंत्री चौहान ने किया विद्यार्थियों का आव्हान
अजय वर्मा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की प्रतिभाओं का आव्हान किया है कि वे विकास में योगदान के लिए आगे आए। सरकार के साथ मिलकर प्रदेश-देश के विकास में योगदान के लिये संकल्पित हों। श्री चौहान भोपाल में लाल परेड ग्राउंड में मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में विद्यार्थियों के लेपटॉप वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों को अनूठे अंदाज में हाईटेक तरीके से संकल्पित करवाया। उन्होंने सभी उपस्थित बच्चों को चमकते मोबाइल की रोशनी के साथ देश-प्रदेश के विकास में अपनी मेधा का सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिये संकल्पित करवाया। छात्र-छात्राओं ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन को चमकाने के लिये प्रयास और परिश्रम में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मौके पर माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 17 हजार 196 छात्र-छात्राओं को लेपटॉप के लिए राशि का अंतरण किया गया। हाईटेक तरीके से वितरित किए गए। छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ सेल्फी भी ली।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चों के साथ उनके भावनात्मक रिश्ते हैं। वे दिल की गहराइयों से चाहते हैं कि बच्चों का भविष्य चमकदार हो। उनका दुनिया में नाम हो। बच्चे बनेंगे आगे बढ़ेंगे, तो उनका परिवार, प्रदेश और देश भी बनेगा, बढ़ेगा। सरकार उनको आगे बढ़ने का हर साधन, सुविधा और मौका उपलब्ध करवाने के लिये प्रयासरत है। शिक्षा के रास्ते में आने वाली हर बाधा को समाप्त किया जा रहा है। नि:शुल्क किताबें, गणवेश, साइकिल, छात्रवृत्ति देने के साथ ही प्रतिभावान बेटियों को उच्च शिक्षा के लिये आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न वर्गों के कमजोर और जरूरतमंद बच्चों को छात्रवृत्ति मिलती है। अब सामान्य वर्ग की प्रतिभाएँ भी गरीबी के कारण शिक्षा से वंचित नहीं हों, उनको भी छात्रवृत्ति दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बच्चों में असाधारण प्रतिभा और मेधा है। प्रदेश के विकास में उनके योगदान के लिये जरूरी है कि उन्हें अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलें। इसीलिये सरकार ने यह संकल्प लिया है कि देश की उच्च शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश पाने वाला एक भी बेटा-बेटी धनाभाव के कारण शिक्षा से वंचित नहीं रहे। संकल्प की पूर्ति के लिये योजना बनायी गयी है, जिसमें उच्च शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों, जिनके पालक फीस देने में असमर्थ है, की फीस सरकार द्वारा जमा की जाएगी। इस योजना को अधिक बेहतर बनाने, उनकी आकांक्षाएँ, अपेक्षाएँ बताने के लिये मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से उनके फेसबुक, ट्विटर और पोर्टल पर सुझाव भेजने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री चौहान ने बच्चों के साथ संवाद करते हुए उनकी व्यवसायिक आकांक्षाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जो बच्चे नौकरी करना चाहते हैं उनके लिये नये रोजगार अवसर सृजित किये जा रहे हैं। स्वयं का उद्यम लगाने और दूसरों को रोजगार देने वाला बनने वालों को भी भरपूर मदद की जा रही है। इसके साथ ही जो बेटा-बेटी नये विचारों को मूर्तरूप देना चाहते हैं। उनको सहयोग करने के लिये वेंचर केपिटल फंड बनाया गया है। इस मद से सरकार नयी सोच के साथ कार्य करने वाली कंपनियों के शेयर क्रय करेगी। कंपनी के स्थापित हो जाने के बाद सरकार अपने अंश वापस लेकर दूसरी कंपनी में निवेश कर देगी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति में कार्य करने की असीम संभावनाएँ हैं। सफलता सदैव साहसी के कदम चूमती है। उन्होंने बच्चों को छू लेंगे आसमाँ का संकल्प भी दिलाया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 9वीं कक्षा की छात्रा कुमारी मीनू वर्मा, आरती मेवाड़ा, छात्र अरुण अहिरवार और नीरज कुशवाह को साइकिल प्रदान की। बारहवीं बोर्ड की प्रावीण्य सूची में स्थान पाने वाले प्रत्येक जिला टॉपर के बच्चे को प्रतीक स्वरूप कार्यक्रम में लेपटॉप वितरित किये। शेष लगभग 17 हजार बच्चों के बैंक खाते में 25-25 हजार की राशि लेपटॉप का बटन दबाकर अंतरित की।
स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि कार्यक्रम में आये मेधावी बच्चे देश-प्रदेश का भविष्य हैं। उपस्थित बच्चे ही आगे चलकर डॉक्टर, इंजीनियर, प्रशासक, शिक्षक और नेता बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने को प्रतिबद्ध है। इन प्रयासों में उनका विभाग और शिक्षक सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे। आदिम जाति कल्याण एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री ज्ञान सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास के लिये नयी सोच और दिशा के साथ प्रयास किये हैं। इनके परिणाम भी मिलने लगे हैं। प्रदेश में एक नया वातावरण बना है। अनुसूचित जाति-जनजाति के भाई-बहन हवाई जहाज से विदेशों में पढ़ने जा रहे हैं। परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण के कार्यक्रमों आदि की पहल से आज लोकसेवा आयोग, आई.आई.टी. और मेडिकल आदि की परीक्षाओं में भी अनुसूचित जाति-जनजाति के बच्चे बड़ी संख्या में चयनित होने लगे हैं। इस अवसर पर राज्य मंत्री तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास दीपक जोशी भी उपस्थित थे।