एक तरफ नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट आई की रेप के मामले में मध्यप्रदेश नंबर एक पर है ,उसी समय भोपाल में एक वहशी रेपिस्ट ने तीन साल की बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट लगाने में घंटों लगा दिए ,दो थानों की सीमाओं में मामले को उलझा दिया। इस मामले के तूल पकड़ते ही राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कोंग्रेस और आप सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आयीं हैं।
नेशनल क्राइम ब्यूरो [NCB] की रिपोर्ट में मप्र नंबर-1 पोजिशन पर
नेशनल क्राइम ब्यूरो(NCB) की 2015 के अपराधों पर जारी रिपोर्ट में मध्यप्रदेश की स्थिति सबसे शर्मनाक है ऐसे में राजधानी भोपाल में एक तीन साल की मासूम के साथ रेप का मामला सामने आया है। आरोपी बच्ची को झाड़ियों में फेंक कर चला गया था। बच्ची की तबियत देखने महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने बच्ची को अस्पताल भेजने में मदद करने वाली महिला को सम्मानित करने की बात कही। हालांकि जाते-जाते वे पीड़ित बच्ची के माता-पिता का नाम सार्वजनिक करके विवादों में घिर गई।
किसी हैवान ने तीन साल की मासूम से दुष्कर्म किया फिर उसे झाड़ियों में फेंक दिया। इतने ही बड़े हैवान पुलिसवाले भी निकले। खून से लथपथ मासूम तड़पती रही और पुलिस वाले थाने के सीमा विवाद में समय बरबाद करते रहे। किसी तरह उसे सुल्तानिया अस्पताल पहुंचाया गया तो यहां डॉक्टर इस बात पर अड़ गए कि इलाज से पहले परिवार की सहमति जरूरी है। जबकि पुलिस यह बता रही थी कि तब तक बच्ची की शिनाख्त नहीं हुई है। बच्ची का इलाज ढाई घंटे के बाद शुरू हो पाया। एएसपी राजेश सिंह चंदेल के मुताबिक मामले में चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
बुधवार सुबह अंडर ब्रिज के पास शौच के लिए गए मनोज बागरी ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी थी। वह झाड़ियों में दर्द से बिलख रही थी। वह उसे गोद में लेकर पत्नी के पास पहुंचा। फिर एंबुलेंस और पुलिस को कॉल किया। कुछ देर बाद पुलिस आई, लेकिन एंबुलेंस नहीं। ऐशबाग थाने के एसआई जितेंद्र चंदेलिया और अन्य महिलाएं बच्ची को ऑटो से लेकर अस्पताल पहुंचे।घटनास्थल पर जहांगीराबाद, मंगलवारा और ऐशबाग थाने की सीमाएं मिलती हैं। इसके चलते पुलिस के बीच थाना विवाद चलता रहा। बच्ची के इलाज के लिए परिजन की सहमति पर डॉक्टर अड़ गए। पुलिस उन्हें समझाती रही कि बच्ची के परिजन की जानकारी अभी नहीं मिली है, लेकिन अस्पताल वाले नहीं माने। इस पर एएसपी ने फॉर्म पर हस्ताक्षर कर इलाज शुरू करवाया। इस सबमें ढाई घंटे गुजर गए।
बच्ची के साथ हुई सनसनीखेज वारदात के बारे में सुनकर महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस भी सुल्तानिया अस्पताल पहुंचीं। बच्ची से मिलकर वे दोपहर करीब ढाई बजे बाहर निकलीं। मीडिया को इंटरव्यू देने के दौरान उन्होंने नाबालिग पीड़िता का नाम और उसके साथ हुई घटना भी उजागर कर दी। जबकि कानूनन ऐसे मामलों में पीड़िता का नाम और उसकी पहचान उजागर नहीं की जाती है। एडीजी अरुणा मोहन राव भी बच्ची से मिलीं। इस दौरान उन्होंने एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों पर कहा की मप्र में हर अपराध दर्ज किए जाते हैं, इसलिए यहां अपराधों की संख्या ज्यादा रहती है।
देश के 53 बड़े शहरों में मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जिले शामिल हैं। भोपाल में महिलाओं के साथ ज्यादती की सबसे ज्यादा 133 शिकायतें दर्ज हैं। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। ग्वालियर में 115, जबलपुर में 83 और इंदौर में 76 मामले रेप के दर्ज हुए हैं।
नाबालिग बच्चों के लिए बनाए गए प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज (पॉक्सो) के इंदौर में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। वर्ष 2015 में यहां 183 केस दर्ज किए गए, जबकि जबलपुर में 136 और भोपाल में 103 मामले दर्ज किए गए हैं। शेष |
वहीं, बहला-फुसला कर अपहरण के मामलों में राजधानी का दूसरा स्थान है। भोपाल में 431, इंदौर में 453, जबलपुर में 363 और ग्वालियर में अपहरण के 177 मामले सामने आए हैं।बच्चों के अपहरण, खुदकुशी और ज्यादती जैसे अपराधों में दस साल के भीतर 222 फीसदी इजाफा हुआ है। सामाजिक शोध संस्था विकास संवाद ने एससीआरबी के दस साल के आंकड़ों पर विश्लेषण किया तो ये बात सामने आई। राजधानी भोपाल में ही साल 2006 से 2015 के बीच ऐसी 2340 वारदातों को अंजाम दिया गया। यही हाल इंदौर, धार और जबलपुर जैसे बड़े शहरों के भी हैं।
रेप में मध्यप्रदेश नंबर -1
मंगलवार को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने 2015 के अपराध के आंकड़े जारी किए हैं। रिकॉर्ड के अनुसार दुष्कर्म के मामले में मप्र फिर नंबर एक पर है। यहां पिछले साल दुष्कर्म के 4391 मामले दर्ज हुए। महाराष्ट्र 4144 मामलों के साथ दूसरे और राजस्थान 3644 मामलों के साथ तीसरे नंबर पर है। 2014 में भी मध्यप्रदेश में दुष्कर्म के सर्वाधिक 5076 मामले दर्ज हुए थे। राजधानी दिल्ली में 2199 मामले दर्ज हुए। पूरे देश में दुष्कर्म के कुल 34 हजार 651 केस दर्ज किए गए, जबकि देश भर में महिलाओं के साथ अपराध के 3 लाख 27 हजार मामले दर्ज किए गए। सिर्फ लक्ष्यद्वीप ऐसा प्रदेश रहा, जहां दुष्कर्म का एक भी मामला सामने नहीं आया। इसमें लूट, चोरी और अपहरण की सर्वाधिक वारदात दिल्ली में हुई हैं।
कोंग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा परमपूज्य प्रातः स्मरणीय \"मामाजी\" आपके सपनों के अनुरूप बन चुके न.1म.प्र. की राजधानी भोपाल जहाँ आप रहते हैं,एक 3 साल की मासूम के साथ \"रेप\" होने के बाद उसे झाड़ियों में फेंक दिया गया है।शायद निवेशकों को आकर्षित करने हेतु आपकी जारी अमेरिका यात्रा में यह शर्मसार करने वाली घटना की जानकारी आपके संज्ञान में आ गई होगी, आपके वहां से निरंतर आ रहे ट्वीट्स में यदि एक ट्वीट इस गरीब \"भांजी\"के लिए भी भेज देते तो आपकी बड़ी कृपा होती......!
कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने भाज़पा सरकार पर प्रहार करते हुय कहा की भारतीय अपराध अनुसंधान बयूरो के जारी आँकड़ों ने शिवराज सरकार के सुशासन की पोल खोल दी है मप्र में: 3400 रेप, 1600 हत्याएं, 1500 लूट और 55000 चोरियौं की वारदात हई जो देश में सार्वाधिक है ! मप्र में पुलिस बिना भारी दवाब के एफआईआर दर्ज ही नहीं करती।बावजूद इसके जो मामले दवाब में दर्ज हुए उनका आंकड़ा भी चौंकाने वाला है।पिछले 9 महीनों में यहां 3400 रेप, 1600 हत्याएं, 1500 लूट और 55000 चोरियों के मामले दर्ज हुए हैं।हालात कुछ ऐसे हैं मानों अपराधियों में पुलिस की दहशत ही नहीं रही ऐसा लगता है गठबधन हो गया है।खुलेआम वारदातें हो रहीं हैं और सरकार कुम्भकरणी नींद सो रही है !
आप सड़कों पर
बिगड़ती कानून व्यस्था और महिला अत्याचार के खिलाफ आम आदमी पार्टी की महिला शक्ति ने ज्योति टॉकीज चौराहे पर काली पट्टी बांध कर मौन प्रदर्शन और कैंडल मार्च किया। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व् प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश सालो से महिला दुष्कर्म में सबसे आगे है पर 13 साल से शासन कर रहे शिवराज सरकार इस पर कुछ नही कर रही है। प्रदेश में रोजाना 12 दुष्कर्म हो रहे है पर आज तक न मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस को लेकर कोई कदम उठाना तो दूर, एक बयान तक तक नही दिया है। आम आदमी पार्टी का महिला संगठन आपकी महिला शक्ति की सचिव श्वेता अग्रवाल ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि महिला अत्याचार लगातार बढ़ रहा है और बाल अपराधी प्रदेश में सब ज्यादा है। ऐसा लगता है प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चूका है । प्रदर्शन में आपकी महिला शक्ति की राज्य कार्यकारिणी सदस्य मंजू जैन, भोपाल महिला संयोजक रीना एवम् अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।