स्वदेश वापसी पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अमेरिका यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश में इन्वेस्टमेंट और सोशल सेक्टर में महत्वपूर्ण प्रस्ताव अमेरिकी कंपनियों से प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने स्वदेश वापसी पर बताया कि सरकार के पिछले दस वर्षों के अथक प्रयासों से अब ब्रांड मध्यप्रदेश दुनिया के विकसित राज्यों में स्थापित हो चुका है। अब विदेशी कंपनियाँ प्रदेश में पूँजी निवेश के लिये आतुर है। प्रदेश के औद्योगिक वातावरण, इज ऑफ डूईंग बिजनेस, सर्वश्रेष्ठ अधोसंरचना जैसे भूमि, पानी, पॉवर, रेल, रोड एवं एयर कनेक्टिविटी, औद्योगिक शांति तथा बेहतर लॉ एण्ड आर्डर के कारण विदेशी कंपनियाँ प्रदेश में पूँजी निवेश को प्राथमिकता दे रही हैं।
श्री चौहान ने कहा कि उनकी यात्रा अपने उद्देश्यों में उम्मीदों से अधिक सफल रही है। इस यात्रा में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर बढ़ाने का विशेष प्रयास किया गया। आई टी कम्पनी से एमओयू किये हैं जिनमें 1000 करोड़ के पूँजी निवेश से 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। कुल 25 कम्पनियों से वन-टू-वन चर्चा की गई एवं 100 कम्पनियों ने निवेशक सम्मेलन में भाग लिया। सभी ने मध्यप्रदेश को पूँजी निवेश की दृष्टि से सर्वाधिक उपयुक्त प्रदेश बताया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रदेश में निवेश की संभावनाओं, प्रदेश की औद्योगिक नीति, इज ऑफ डूईंग बिजनेस, त्वरित निर्णय लिये जाने की व्यवस्था बताते हुए कम्पनीज को मध्यप्रदेश में पूँजी निवेश के लिये एवं जीआईएस के लिये आमंत्रित किया। लगभग दो सौ से अधिक उद्योग समूहों के प्रतिनिधि जी.आई.एस. 2016 में भाग लेंगे।
यात्रा के दौरान ट्रायफेक-सीआईआई-यूएसआईबीसी के संयुक्त तत्वावधान में एक निवेशक सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में अमेरिका की लगभग 100 कम्पनियों के 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सेमीनार में लंबे समय तक भारत में अमेरिका के राजदूत रह चुके श्री फ्रेंक वाईजनर, जो वर्तमान में अमेरिका और इंडिया के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिये \'इंडिया फर्स्ट\'\' संस्था से जुड़े हैं, भी शामिल हुए।
एम.ओ.यू. हुये
यात्रा के दौरान यूएसटी ग्लोबल, नेटलिंक एवं दावत फूड द्वारा पाँच एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। इनमें 2 प्रस्ताव आई.टी. सेक्टर में, 5 मेन्यूफ्रेक्चरिंग सेक्टर में, इडंस्ट्रियल पार्क की स्थापना और विदेशी निवेश से इकाइयों की स्थापना के प्रस्ताव प्राप्त हुए। साथ ही प्रदेश की अधोसंरचना में टेंडर के माध्यम से पूँजी निवेश के भी चार प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। स्वास्थ्य एवं सामाजिक क्षेत्र में कार्य के लिए विश्व विख्यात औषधि कंपनी, अमेरिकावासी भारतीय मूल के चिकित्सकों के संगठन, अमेरिकी स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रस्ताव भी मिले हैं।
आई.टी. में निवेश
श्री चौहान ने बताया कि आई.टी. क्षेत्र में प्राप्त प्रस्तावों में यू.एस.टी. ग्लोबल द्वारा 650 करोड़ रूपये के निवेश से 5000 व्यक्तियों को रोजगार देने का प्रस्ताव मिला है। इसमें 1000 महिलाओं के लिये रोजगार शामिल हैं। इसी प्रकार सिरियस एक्सम द्वारा 100 करोड़ रूपये के निवेश से 3000 व्यक्तियों को, टी.डब्ल्यू.आर. कंपनी द्वारा 100 करोड़ रूपये के निवेश से 1000 और एरेक्स इन्फोटेक्ट द्वारा 100 करोड़ रूपये के पूँजी निवेश से 1000 व्यक्तियों को रोजगार देने के परियोजना प्रस्ताव दिये गये हैं।
इसके साथ ही कौल ग्रुप के श्री राजीव कौल को आई.टी. पार्क की स्थापना के लिए 25 एकड़ भूमि पूर्व से ही दी जा चुकी है। कम्पनी ने शीघ्र इस पार्क में निर्माण प्रारंभ करने का आश्वासन दिया है। इसी तरह आर.एम.सी. कम्पनी के प्रतिनिधि श्री जेफटोल इंदौर क्रिस्टल आई.टी पार्क में एक बी.पी.ओ की स्थापना करेंगे। इन्हें आई.टी पार्क में स्थान उपलब्ध कराया जायेगा। बीपीओ में कम से कम 500 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
निर्माण इकाइयों में निवेश
मेन्यूफ्रेक्चरिंग सेक्टर में आई.टी. स्ट्रेटजी, टीआरडब्ल्यू कंपनी जो विश्व की आटोमोबाइल कम्पोनेंट बनाने के प्रसिद्ध जापानी कंपनी है। कंपनी ने लगभग 1000 करोड़ रूपये के पूँजी निवेश के आटो कम्पोनेंट इकाई की स्थापना की सहमति दी, जिसमें 400 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। कंपनी दिसम्बर 2016 में प्रदेश का भ्रमण कर भूमि के चयन की कार्रवाई करेगी।
सफल उद्यमी एवं एनआईआर श्री चेतन खडरिया द्वारा वेरी हाई फ्रीक्वेंसी वायरलेस सर्विसेज के लिये वायरलेस ट्रांसपोडर्स के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया। इसमें 650 करोड़ रूपये का पूँजी निवेश होगा। कंपनी द्वारा भारत सरकार को हाई फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम आवंटन हेतु आवेदन किया जा रहा है। स्पेक्ट्रम आवंटित होने पर उनके द्वारा ट्रांसपोर्डर निर्माण की इकाई प्रदेश में स्थापित की जायेगी।
प्रोग्रेस रेल कंपनी के श्री मार्क बचनर द्वारा रेल कम्पोनेंट के निर्माण के प्रस्ताव पर सहमति बनी। कंपनी लोकोमोटो पार्टस सिग्नल तथा दूरसंचार उपकरण बनाती है। नोएडा में इनके द्वारा कंपनी स्थापित की जा चुकी है। कंपनी प्रदेश में रेल कम्पोनेंट निर्माण की इकाई स्थापित करेगी जिसकी लागत और रोजगार की जानकारी पृथक से कंपनी द्वारा दी जायेगी।
कोका कोला द्वारा प्रदेश में एक इकाई की स्थापना 750 करोड़ रूपये की लागत से की जा रही है। कंपनी फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में और अधिक निवेश करना चाहती है। एम.डी ट्रायफेक, कम्पनी के प्रतिनिधियों से संभावनाओं पर चर्चा कर शीघ्र इकाई की स्थापना को अंतिम स्वरूप देंगे। सनलाईट फाइनेंशियल कंपनी प्रदेश में सौर ऊर्जा संयंत्र तथा फोटोवोलटेइक सेल के निर्माण की इकाई स्थापित करना चाहती है।
औद्योगिक पार्क में निवेश
कासमी (चीन का लघु एवं मध्यम उपक्रमों का संगठन) प्रदेश में कम से कम 500 एकड़ भूमि में एक हजार इण्डस्ट्रियल पार्क की स्थापना करेगा जिसमें कि चाईनीज कम्पनीज से पूँजी निवेश कराया जायेगा। कम्पनी को ग्वालियर एवं इंदौर के समीप उपयुक्त भूमि की जानकारी दी गई। संगठन का एक दल अगले सप्ताह इंदौर एवं ग्वालियर का भ्रमण कर स्थल का चयन करेगा। इस इण्डस्ट्रियल पार्क को विकसित करने में आने वाली लागत की जानकारी, स्थल का चयन एवं अधोसंरचना का एस्टीमेट्स बनने के बाद दी जा सकेगी। संगठन चीन के प्रमुख लघु उद्योगों के 50 प्रतिनिधियों का एक दल जीआईएस में लेकर आयेगा।
टेंडर द्वारा पूँजी निवेश
प्रदेश की अधोसंरचना में टेण्डर के माध्यम से पूँजी निवेश के प्रस्तावों में डायना ग्रीन इन्वायरमेंटल प्रोटेक्शन ग्रुप नगरीय निकायों द्वारा पेयजल एवं शहरी अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन के लिये की जाने वाली निविदाओं में भाग लेगा। कम लागत की हाई टेक्नोलॉजी की परियोजनाओं में पूँजी निवेश करेगा। जाइलम कम्पनी ने भी प्रदेश के नगरीय निकायों द्वारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान, पेयजल आपूर्ति और वॉटर डिस्ट्रीब्यूशन आदि अधोसंरचना परियोजनाओं के माध्यम से पूँजी निवेश की सहमति दी। समिट रिलायंस कंपनी द्वारा हाऊसिंग फॉर ऑल परियोजना के तहत प्रदेश की लो कॉस्ट हाऊसिंग परियोजनाओं में भाग लिया जायेगा। सनलाईट फाइनेंशियल सर्विसेज सोलर पॉवर की निविदाओं में भाग लेंगी।
सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध
प्रदेश को कम दरों पर ऋण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी मिला है। सोलारइनों कंपनी ने मेट्रो तथा अन्य अधोसंरचनात्क परियोजनाओं में तीन बिलियन यू एस डालर तक का ऋण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव का राज्य शासन द्वारा परीक्षण किया जायेगा।
पीड़ित मानवता की सेवा में सहयोग
यात्रा के दौरान स्वास्थ्य एवं सामाजिक क्षेत्र में कार्य के अत्यंत महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनका क्रियान्वयन पीड़ित मानवता की सेवा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। विश्व की प्रसिद्ध दवा निर्माता कंपनी फाईजर सीएसआर कार्यक्रम के तहत कैंसर की शीघ्र पहचान (Early detecation) के लिये स्वास्थ्य विभाग के साथ कम करना चाहती है। प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग विशेषकर अनुसूचित जाति-जनजाति बहुल क्षेत्रों में कंपनी के साथ कैंसर रोग की पूर्व खोज के क्षेत्र में काम करेगा।
कैंसर, एड्स, हेपेटाईटिस सी जैसी बीमारियों की कम लागत की दवाइयों का निर्माण करने वाली गील्ड साइंस इनकार्पोरेटेड कंपनी द्वारा प्रदेश की कुछ फार्मा कम्पनी से दवाइयों का निर्माण कराया जा रहा है। कंपनी प्रदेश में हेपेटाईटिस सी, जो एक जानलेवा बीमारी है, के उपचार के संबंध में शासकीय चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने के लिये एक वर्कशाप आयोजित करेगी।
शंकराआई फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा इंदौर शहर में चैरिटेबल आई हॉस्पिटल की स्थापना के लिये दो एकड़ भूमि आवंटित किये जाने का प्रस्ताव दिया गया। इस अस्पताल में 25 हजार आँख के रोगियों का नि:शुल्क ऑपरेशन प्रतिवर्ष किया जायेगा तथा आम नागरिकों को कम दरों पर विश्वस्तरीय इलाज मिल सकेगा। कंपनी को सस्ती दरों पर दो एकड़ भूमि आवंटित किये जाने के निर्देश दे दिये गये हैं।
अमेरिका में भारतीय चिकित्सकों के सबसे बड़े संगठन अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडियन ओरिजन (आपी) के प्रेसीडेंट श्री अजय लोधा ने एसोसिएशन द्वारा बड़वानी एवं इंदौर में ट्रामा सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव दिया गया। जिस पर सहमति दी गई। साथ ही यह संगठन सड़क, रेल दुर्घटना हो जाने पर घायल के समुचित प्राथमिक उपचार के लिये पैरामेडिकल, पुलिसकर्मी, शासकीय सेवकों, ड्रायवर इत्यादि का एक प्रशिक्षण कराना चाहती है, जिस पर सहमति बनी। साथ ही संगठन ट्रामा (गंभीर दुर्घटना) की स्थिति में कैसे उपचार हो, इसके मार्गदर्शी सिद्धांत भी जारी करेगी।
हेल्प मी सी स्वंयसेवी संगठन मध्यप्रदेश में आँखों के उपचार में उच्च तकनीकी के प्रयोग का प्रशिक्षण चिकित्सकों को देना चाहती हैं।
प्रदेश में बोनमेरो ट्रांसप्लांट की सुविधा कम लागत पर उपलब्ध होगी। इस संबंध में एम.पी. ट्रायफेक द्वारा कोलंबिया यूनिवर्सिटी न्यूयार्क के कॉलेज ऑफ फिजिशियनस एण्ड सर्जनस अंतर्गत पीडियाट्रिक्स विभाग के साथ समझौता किया गया है। इससे शासकीय मेडिकल कॉलेज में बोनमेरो ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी।