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देशभक्ति की अलख जगाने वाले 'धरती आबा' बिरसा मुंडा भगवान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन-नायक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर नमन कर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने निवास पर स्थित सभागार में भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। जन-नायक भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखंड के उलीहातु गाँव में हुआ। वे अपने समाज की ब्रिटिश शासकों द्वारा की गई दशा को लेकर चिंतित रहते थे। अपने कार्यों से बिरसा मुंडा अपने क्षेत्र में 'धरती आबा' यानी 'धरती पिता' हो गए थे। राष्ट्रीय आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाकर देशभक्ति की अलख जगाने वाले 'धरती आबा' बिरसा मुंडा को इस क्रम में भगवान माना जाने लगा। अक्टूबर 1894 को भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों से लगान माफी के लिए आंदोलन किया। वर्ष 1897 से 1900 के बीच मुंडाओं और अंग्रेज सिपाहियों के मध्य युद्ध होते रहे और बिरसा मुंडा के नेतृत्व में मुंडाओं ने अंग्रेजों को नाको चने चबवा दिए। मार्च 1900 में चक्रधरपुर में बिरसा मुंडा एक जन-सभा को संबोधित कर रहे थे, तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी अंतिम साँस 9 जून 1900 को रांची कारागार में ली।
MadhyaBharat
15 November 2022
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