ओला प्रभावित किसानों को बिजली में राहत
ओला प्रभावित किसानों को  बिजली में राहत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ओला प्रभावित किसानों के बिजली बिलों की 50 प्रतिशत राशि का समायोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जितना उत्पादन कम आयेगा, उसकी भरपाई फसल बीमा से करवाई जायेगी। मुख्यमंत्री आज भिण्ड जिले की गोहद तहसील के ग्राम सुहांस में ओला प्रभावित फसलों का जायजा लेने के बाद प्रभावित किसानों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने ग्राम सुहास में क्षतिग्रस्त तालाब को बनाने और हाईस्कूल खोलने की घोषणा भी की। महिला-बाल विकास श्रीमती माया सिंह, सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य और सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद इस मौके पर उपस्थित थे।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्राकृतिक आपदा ने किसानों की फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। किसान संकट में है, उनके सामने कई चुनौतियाँ खड़ी हो गई। मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया कि वे बिल्कुल चिंतित न हो। सरकार उन्हें नष्ट हुई फसलों की आर्थिक मदद दिलवाने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेगी।मुख्यमंत्री चौहान ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को राज्य सरकार द्वारा दी गई राहत का उल्लेख करते हुए कहा कि ओला पीड़ित किसानों के 50 प्रतिशत बिजली बिलों का समायोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान वाले किसानों की ऋण वसूली स्थगित की गई है और अल्पावधि ऋण दीर्घ अवधि में बदले गये हैं। ऐसे किसानों को आगामी फसल आने तक एक रुपये किलो गेहूँ, चावल, नमक और बीपीएल के मूल्य पर शक्कर और मिट्टी तेल उपलब्ध करवाया जायेगा। जिन किसानों की विवाह योग्य बेटियाँ हैं, उन्हें विवाह के लिये 25 हजार की सहायता दी जायेगी। जिन बेटियों के सिर से पिता का साया हट गया है, उनके संरक्षण के लिये पेकेज बनाया गया है, ऐसी बेटियों के खाते में 25 हजार की राशि जमा करवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि मौके पर फसल कटाई के प्रयोग के भी निर्देश दिये गये हैं। फसलों का सर्वे इमानदारी के साथ हो, इसके लिये कड़े निर्देश मैदानी अमले को दिये गये हैं। सर्वे में कहीं कोई गड़बड़ी पाई जायेगी तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी।मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि सरकार अब किसानों पर बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदा में पर्याप्त राहत उपलब्ध करवाने के लिये स्थाई समाधान पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि हम ऐसी बीमा कम्पनी से अनुबंध करना चाहते हैं, जो हर संकट की परिस्थिति में किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई कर सके।