बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी ने कहा कि रेल सेवा देश की सार्वभौमिकता का प्रतीक चिन्ह ही है और देश की एकता, अखंडता व सार्वभौमिकता से खिलवाड़ करने वाले माओवादियों से अब सख्ती से निपटा जाएगा, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जावेगी। उन्होंने बस्तर के समस्त पुुलिस अधीक्षकों एवं अधीनस्थों से आव्हान किया कि वे रेल सम्पत्ति की सुरक्षा के मसले को गंभीरता से लें।
संवादाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि नक्सली रेल पटरियों की चार नट खोलकर सरकार को चार करोड़ के घाटे में उतार देते हैं। पिछले दो माह में नक्सली करतूतों की वजह से 30 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। यह सारा नुकसान सरकार को भुगतना पड़ता है, अंतत: यह जनता की जेब ही खाली करवाता है। एक माह में तीन करोड़ का रेलवे का नुकसान पहुंचाने वाले माओवादियों को यह मालूम होना चाहिए कि विकास की वे झूठी बात करते हैं, इतनी राशि में स्कूल, हास्पिटल का निर्माण किया जा सकता था, जिसका फायदा जनता को ही होता। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वे नक्सलियों से सवाल करें कि जनता का पैसा बर्बाद कर नक्सली आखिर क्या साबित करना चाहते हैं?
आईजी ने कहा कि जिस तरह से माओवादी रेलवे को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जवाबी कार्रवाई के लिए मैं अपने आईपीएस आधिकारियों से भी नाराज हूं। मैं चाहता हूं कि वे अपनी काबिलियत के अनुसार काम करें और माओवादियों को मुंह तोड़ जवाब दें।
उन्होंने कहा कि रेलवे से मेरा परिवारिक संबंध रहा है, मेरे पिता रेलवे बुकिंग क्लर्क थे, इसीलिए रेलवे को जब नुकसान होता है तो मुझे बेहद तकलीफ होती है। पहले पुलिस रेलवे के कामकाज में दखलंदाजी नहीं कर करती थी, किंतु अब हम इसकी सुरक्षा के लिए बढ़चढ़ कर हिस्सा लेंगे। बस्तर में नक्सली जिस तेजी से दिन ब दिन रेलवे पर हमले तेज कर रहे हैं उसी हिसाब से हम उनका डट कर मुकाबला करेंगे।