दसवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन भोपाल में होगा
दसवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन आगामी 10 से 12 सितंबर 2015 को भोपाल में होगा। इसमें 500 से ज्यादा विदेशी विद्वान शामिल होंगे। सम्मेलन में 'हिन्दी जगत विस्तार एवं संभावनायें'' विषय पर विमर्श होगा। इसका आयोजन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से किया जायेगा। इस संबंध में आज हुई बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सम्मेलन के बेहतर आयोजन के लिये राज्य सरकार कटिबद्ध है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि विश्व हिन्दी सम्मेलन हिन्दी के विस्तार में नये आयाम जोड़ेगा। बैठक में विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह अन्य मंत्रीगण और अधिकारी शामिल थे।मुख्यमंत्री चौहान ने विश्व हिन्दी सम्मेलन भोपाल में आयोजित करने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए विदेश मंत्रालय का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि देश के हृदय प्रदेश में हिन्दी सम्मेलन करना हमारे लिये गौरव की बात है। हम इसके बेहतर आयोजन में कोई कोर- कसर बाकी नहीं रखेंगे। इसमें जनता एवं जन प्रतिनिधियों, विद्यार्थियों सहित अन्य लोगों को जोड़कर जनता का आयोजन बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि गरिमापूर्ण आयोजन की सभी जरूरी व्यवस्थाएँ की जायेगी। जिससे मेहमानों के आतिथ्य में कोई कमी नहीं रहेगी। श्री चौहान ने उम्मीद जाहिर की कि सम्मेलन हिन्दी के विस्तार को नई दिशा देगा।विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि हिन्दी के विस्तार के लिये वर्ष 1975 से हिन्दी सम्मेलन की शुरूआत की गयी थी। पहला सम्मेलन नागपुर में हुआ था। इसके बाद हर तीसरे वर्ष अलग-अलग देशों में सम्मेलन किये जाते रहे है। पिछला सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुआ था, जिसमें अगला सम्मेलन भारत में करने का निर्णय लिया गया था। यह सम्मेलन भोपाल में किया जायेगा। श्रीमती स्वराज ने बताया कि सम्मेलन में लगभग 500 विदेशी मेहमान शामिल होंगे। साथ ही देश के हिन्दी प्रेमी भाग लेंगे। सम्मेलन का आयोजन भोपाल के लाल परेड मैदान में होगा। इसका विषय '' हिन्दी जगत विस्तार एवं संभावनायें ' होगा। इसमें अलग-अलग क्षेत्रों में हिन्दी का विस्तार कैसे हो इस पर व्यापक विमर्श होगा। जिसमें विदेश नीति में हिन्दी, प्रशासन में हिन्दी, विज्ञान में हिन्दी, विदेशों में हिन्दी का अध्यापन एवं कम्प्यूटर में हिन्दी आदि विषय शामिल होंगे। श्रीमती स्वराज ने कहा कि सम्मेलन को परिणाममूलक बनाने का पूरा प्रयास किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में 20 विदेशी एवं 20 देशी विद्वानों का सम्मान किया जायेगा। साथ ही हिन्दी लेखकों की पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में एक साथ कई समानांतर सत्र चलेंगे।विदेश मंत्री ने बताया कि आयोजन के लिये दो प्रमुख समितियाँ गठित की जायेगी। इनमें एक परामर्शदाता मण्डल होगा, जिसकी वे स्वयं अध्यक्ष होंगी तथा इसमें मुख्यमंत्री श्री शामिल होंगे। दूसरी प्रबंधन समिति होगी, जिसके अध्यक्ष विदेश राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह होंगे। इसमें प्रदेश के उच्च शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री सदस्य होंगे तथा अनिल माधव दवे उपाध्यक्ष होंगे। इनके अलावा विभिन्न व्यवस्थाओं के लिये अलग-अलग स्थानीय समितियँ गठित की जायेंगी।बैठक में गृह मंत्री बाबूलाल गौर, उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा, महापौर आलोक शर्मा, सांसद अनिल माधव दवे, विधायक रामेश्वर शर्मा, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति बी.के. कुठियाला, अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति मोहनलाल छीपा, मुख्य सचिव एन्टोनी डिसा सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह एवं अन्य मंत्रीगण तथा अधिकारियों ने सम्मेलन स्थल लाल परेड मैदान का अवलोकन किया।