97 विकासखंड में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
97 विकासखंड में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
मनरेगा कन्वर्जेन्स से होंगे जल संरक्षण के कार्य वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा के विस्तार और कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिये प्रधानमंत्री सिंचाई योजना में मध्यप्रदेश के 44 जिले के 97 विकासखंड को शामिल किया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने बताया कि भारत सरकार की इस योजना में मनरेगा और जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के कन्वर्जेंस से जल संरक्षण के कार्य किये जायेगें। प्रदेश में कृषि को लाभ का व्यवसाय और किसानों के आर्थिक उत्थान के प्रयासों को सफल बनाने में इस योजना से व्यापक मदद मिलेगी।अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश मैदानी अमले को दिये हैं। उन्होंने जल संवर्धन, जल वितरण, भू-जल दोहन की कार्य-योजना तैयार कर उसे लागू करने को कहा है। जल संरक्षण तथा भू-जल संवर्धन के कामों में कंटूर ट्रेंच, गली प्लग, बोल्डर स्ट्रक्चर, स्टोन बंड, गेबियन संरचना, फीडर चेनल के कार्य होंगे।जल संरक्षण के उद्देश्य से परकोलेशन तालाब, नदी, नालों पर मिट्टी एवं बोल्डर के बंधान, स्टाप और चेक डेम, एनीकट, तालाब, मेढ़ बंधान, खेत तालाब, खेत रिचार्ज पिट, कुंआ रिचार्ज, भूमिगत डाइक, पुरानी जल संग्रहण संरचनाओं का सुधार, जीर्णोद्धार और गाद निकालने के कार्य करवाये जायेंगे। इसी प्रकार जल वितरण एवं भू-जल दोहन के लिये कुआं और नहर निर्माण, नहरों की लाईनिंग, जल वितरण प्रणाली, उद्वहन सिंचाई जैसे कार्य करवाये जायेंगे। इसके अलावा क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप सिंचाई और जल संरक्षण से जुड़े अन्य उपयोगी कार्य भी हो सकेंगे। कन्वर्जेंस से किये जाने वाले कार्यों के क्रियान्वयन के संदर्भ में 3 जुलाई को भोपाल में एक राज्य स्तरीय कार्यशाला होगी।प्रदेश के 44 जिले के चयनित 97 विकासखंड में आगर-मालवा जिले का विकासखण्ड नलखेड़ा, अलीराजपुर जिले का सोण्डवा, अनूपपुर जिले का पुष्पराजगढ तथा अशोकनगर जिले का मुंगावली विकासखण्ड शामिल है।इसी तरह बालाघाट जिले का बैहर और बिरसा, बड़वानी का निवली, राजपुर, सेंधवा तथा ठीकरी, बैतूल का आठनेर, बैतूल, भैंसदेही, भीमपुर, चिचौली तथा शाहपुर विकासखण्ड, भोपाल का बैरसिया, बुरहानपुर का खकनार, छतरपुर का बडामलहरा, बिजावर, बक्सवाहा तथा राजनगर, छिन्दवाड़ा का बिछुआ, हर्रई, तामिया, दमोह का जबेरा और पटेरा, दतिया जिले का सेवड़ा, देवास जिले का बागली और कन्नोद, धार जिले का धरमपुरी, गंधवानी, सरदारपुर तथा उमरवन, डिण्डौरी का डिण्डौरी, गुना का बमोरी तथा चाचौड़ा, ग्वालियर का भितरवार और होशंगाबाद जिले का केसला विकासखण्ड इस योजना में शामिल किया गया है। इसके अलावा जबलपुर जिले का कुन्डम, झाबुआ का मेघनगर, पेटलावद, राना, थांदला, कटनी का बड़वारा, खण्डवा का छेगांव, खालवा, पंधाना, खरगोन का भगवानपुरा, भीकनगाँव, कसरावद, सेगांव तथा झिरन्या, मण्डला का बीजाडान्डी तथा नारायणगंज, मंदसौर का सीतामऊ, नीमच का मनासा, पन्ना का अजयगढ़, गुन्नौर, पन्ना, पवई तथा शाहनगर, रायसेन का सिलवानी, राजगढ़ जिले का खिलचीपुर तथा राजगढ़ और रतलाम का बाजना विकास खंड इस योजना में शामिल है।प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में मनरेगा और जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम में जो विकास खंड लाभांवित होगें, उनमें रीवा जिले का हनुमना, सागर का बंडा, जैसीनगर, केसली, रहली तथा शाहगढ़, सीहोर का इछावर, सिवनी का छपारा तथा लखनादोन, शहडोल का ब्यौहारी, बुढ़ार, गोहपारु, श्योपुर का कराहल, शिवपुरी का खनियाधाना, कोलारस तथा नरवर, सीधी का मंझौली, रामपुर नैकिन, सीधी, सिंगरौली का चितरंगी तथा देवसर, टीकमगढ का बल्देवगढ़, जतारा, निवाड़ी, पलेरा, पृथ्वीपुर तथा टीकमगढ़, उज्जैन जिले का महिदपुर, उमरिया का करकेली तथा विदिशा जिले का लटेरी और नटेरन विकासखण्ड शामिल हैं।