मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इसी माह 18-19 अक्टूबर को कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस करने जा रहे है। इस कांफ्रेंस में वे सभी कलेक्टर-कमिश्नरों से उनके रिपोर्ट कार्ड पर बात करेंगे। यह बैठक नर्मदा भवन में आयोजित की जाएगी। सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर कलेक्टरों से बात की जाएगी।
इसके पहले राज्य सरकार ने दिसंबर 2013 में कलेक्टर-कमिश्नरी कांफ्रेंस का आयोजन किया था। अब तीन साल बाद सरकार एक बार फिर कलेक्टर-कमिश्नरों के साथ फिर विभिन्न मुद्दों को लेकर बात करने जा रहे है। चूंकि दो साल बाद फिर विधानसभा के आम चुनाव है इसलिए मुख्यमंत्री चाहते है कि जिलों में मैदानी तौर पर राज्य सरकार की योजनाओं का भलीभांति क्रियान्वयन हो। आम जनता की जिले वार जरुरतों और समस्याओं का आंकलन कर उनका निपटारा किया जाए। अब तक जिलों में कलेक्टरों ने क्या किया उसकी रिपोर्ट भी वे उनसे मांगगे। पिछली कांफ्रेंस भी नर्मदा भवन में हुई थी इसलिए इस बार भी नर्मदाभवन में ही इसके होने के आसार है।
जिलों की प्रगति बताएंगे कलेक्टर: सभी कलेक्टरों को कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में यह बताना होगा कि पिछली कांफ्रेंस से लेकर अब तक जिलों में क्या प्रगति रही है। खास तौर पर पिछले एक साल के दौरान राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं लाड़ली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, सबके लिए आवास, किसानों को जीरो फीसदी पर कर्ज वितरण, खाद-बीज वितरण, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से कितने लोगों को रोजगार दिया गया।
मुख्यमंत्री बीच-बीच में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टर-कमिश्नरों से रुबरु हो चुके है लेकिन वीसी में चूंकि हर कलेक्टर से वन टू वन विस्तार से बात नहीं हो पाती इसलिए इस बार दो दिन की मैराथन कलेक्टर-कमिश्नरों के साथ रखी गई है। बड़े प्रशासनिक फेरबदल के बाद अब मुख्यमंत्री मंत्रालय से लेकर मैदानी अफसरों तक कसावट लाना चाहते है।