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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के पुलिस प्रशासन पर हमें गर्व है। प्रदेश पर जब भी संकट आया पुलिस प्रशासन के साथियों ने दिन-रात एक कर काम किया और प्रदेशवासियों को राहत पहुँचाई। कोविड का कठिन दौर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। हमारे अधिकारी-कर्मचारियों ने अपनी जान दाँव पर लगाकर व्यवस्थाएँ संभाली और कुछ लोग इसमें शहीद भी हुए। कोविड काल में प्रदेश में सेवा का नया अध्याय रचा गया। पुलिस ने देशभक्ति और जन-सेवा के मूल मंत्र को साकार किया। प्रदेशवासियों को हमसे बहुत अपेक्षाएँ हैं, टीम मध्यप्रदेश बेहतर कार्य कर रही है, पर सुधार की गुजाइंश सदैव बनी रहती है।
मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन के प्रथम-सत्र को संबोधित कर रहे थे। मंत्रालय में हुई कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना सहित राज्य स्तरीय अधिकारी, संभागायुक्त, आईजी, पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।
हमारी प्रतिबद्धता और निरंतर चलने वाले अभियान से डकैती और नक्सल समस्या नियंत्रण में
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश शांति का टापू है। यहाँ सभी माफिया गतिविधियों को समाप्त कर दिया गया है। डकैती उन्मूलन के साथ ही नक्सलवाद के विरुद्ध अभियान लगातार जारी है। प्रदेश में एक करोड़ 14 लाख के इनामी 6 नक्सलियों को समाप्त करने के लिए हॉक फोर्स बधाई की पात्र है। प्रदेश में नक्सली गतिविधियाँ केवल छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा पर शेष हैं। प्रदेश के अंदरूनी जिलों में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। यह हमारी प्रतिबद्धता और निरंतर चलने वाले अभियान का ही परिणाम है।
जुआ, सट्टा और ड्रग्स समाज के दुश्मन
उन्होंने कहा कि जुआ, सट्टा और ड्रग्स समाज के दुश्मन हैं। इनमें लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही लगातार जारी रहेगी। माँ-बहन-बेटी के सम्मान की सुरक्षा और उन्हें सशक्त करने के प्रयासों के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उनके साथ दुर्व्यवहार करने वालों को आजीवन कारावास और फाँसी तक की सजा दी गई ऐसे व्यक्तियों की आर्थिक रूप से कमर भी तोड़ी गई है। यह कार्यवाही असामाजिक तत्वों में भय व्याप्त करने में सहायक रही हैं।
प्रदेश का सुरक्षित वातावरण प्रदेश को निवेश के लिए बनाता है आदर्श स्थान
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में व्यवस्था एवं सुरक्षा का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। आगामी दिनों में प्रदेश में जी-20 देशों की बैठक होना है। यह देश वैश्विक स्तर पर ओपिनियन क्रिएटर है। हमारा प्रयास यह हो कि मध्यप्रदेश की विश्व में सकारात्मक छवि बनाने के इस अवसर का हम भरपूर उपयोग करें। प्रदेश का सुरक्षित वातावरण निवेश के लिए आदर्श स्थान बनाता है।
नशे के विरूद्ध अभियान चलाना आवश्यक
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में व्यापक स्तर पर नशामुक्ति अभियान चलाया जाए। जन-सामान्य को नशे के नुकसान की जानकारियाँ देने के साथ नशे के कारोबार में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।
धर्मांतरण के प्रयत्नों को विफल करना आवश्यक
उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के प्रयत्नों को विफल करना आवश्यक है। बेटियों को फुसला कर धर्मांतरण कराने के प्रकरणों तथा जमीन खरीदने के लिए जनजातीय बहनों से विवाह करने के प्रकरणों के प्रति अपने-अपने जिलों में सजग रहें। गुम हुई बच्चियों को वापस लाने में ऑपरेशन मुस्कान में हमें सफलता मिली है। कमजोर वर्गों को सुरक्षा प्रदान करना हमारा दायित्व है। साथ ही अत्याचार करने की प्रवृत्ति को नियंत्रित करने के लिए भी अभियान चलाया जाए। सूदखोरी से हो रहे शोषण के प्रति भी जागरूक रहें तथा इस प्रकार की जानकारी मिलने पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। समाज में फैल रहे नशे और ड्रग्स की लत को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने तथा नशामुक्ति के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है।
सायबर अपराध उभरती चुनौती
मुख्यमंत्री ने कहा कि सायबर अपराध उभरती चुनौती है। सोशल मीडिया पर निरंतर नजर रखना आवश्यक है, क्योंकि थोड़ी से लापरवाही से इससे तनाव फैलना संभव है। पीएफआई सहित देश को कमजोर करने की गतिविधियों में संलग्न संगठनों के संबंध में सही समय पर जानकारी प्राप्त करने के लिए इंटेलीजेंस एजेंसियाँ सक्रिय रहें। इस कार्य में स्थानीय पुलिस भी अपना दायित्व निभाएँ। विदेशों से वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहे एनजीओ किन गतिविधियों में लगे हैं, इस पर भी नजर रखी जाए। सामाजिक सोहार्द्र और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए निरंतर सतर्कता और सावधानी आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने प्रदेश की पैदल गश्त की पहल को सराहा
उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस द्वारा मूलभूत पुलिसिंग में शुरू की गई पैदल गश्त की प्रधानमंत्री मोदी ने भी प्रशंसा की है। बीट व्यवस्था, माइक्रो बीट सिस्टम, औचक निरीक्षण, कोबिंग ऑपरेशन और राशि गश्त व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। पुलिस के सड़क पर मौजूद होने से असामाजिक तत्वों और सामान्य व्यवस्था बनाए रखने में प्रभावी असर होता है। आरक्षक से लेकर अधिकारियों तक पुलिस तकनीकी रूप से सक्षम हों, यह समय की माँग है। इससे जन-सामान्य के साथ बेहतर संवाद और बेहतर नियंत्रण अधिक सक्षमता से किया जा सकता है। सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों में चल रही भ्रांतियों और गलत जानकारियों का तत्काल खंडन किया जाए और आवश्यकता होने पर उपयुक्त कार्यवाही भी तत्काल सुनिश्चित की जाए।
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