पानी के मसले पर नरोत्तम बतियाये उमा भारती से
नरोत्तम/ उमा भारती

केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री  उमा भारती के भोपाल प्रवास पर आज उनसे  जल संसाधन एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने भेंट की.डा मिश्रा ने केंद्रीय मंत्री से मध्यप्रदेश की सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में चर्चा की। 

मंत्री. डॉ. मिश्रा ने केन्द्रीय मंत्री सुश्री भारती को मध्यप्रदेश में सिंचाई रकबे में ओर वृद्धि के संबंध में किए जा रहे प्रयासों की भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी। डॉ. मिश्रा ने बताया कि किसानों को रबी की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए कार्य योजना बनाकर अमल किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने मध्यप्रदेश से संबंधित आवश्यक स्वीकृतियां दिलवाने में भी पूर्ण सहयोग की बात कही।

श्रेष्ठ कार्य के लिए पुरस्कृत होंगे अभियंता

जल संसाधन तथा संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक अभियंता अपने कार्य क्षेत्र में नहरों और अन्य सिंचाई माध्यमों से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाना सुनिश्चित करें। डॉ. मिश्रा जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक में सिंचाई परियोजनाओं के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि नहरों के बेहतर प्रबंधन और श्रेष्ठ कार्यो के लिए अभियंता पुरस्कृत भी किए जाएंगे। बैठक में जानकारी दी गई कि पूरे प्रदेश में आगामी 13 अक्टूबर को सिंचाई नहरों के रख-रखाव और सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि के लिए विशेष बैठकों को आयोजन किया जायेगा। इन बैठकों में जल उपभोक्ता संस्थाओं भी हिस्सा लेंगे। जल उपभोक्ता संस्थाओं की ओर से कठिनाईयों की जानकारी भी दी जा सकेगी। जिसका निराकरण अभियंतागण करेंगे। प्रदेश स्तर पर इन बैठकों के सम्पन्न होने के पश्चात 15 अक्टूबर को प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होगा। इसके साथ ही आगामी 31 अक्टूबर तक सिंचाई संबंधी किसानों की समस्याओं के निराकरण का कार्य भी किया जाएगा। 

मंत्री डॉ.  मिश्रा ने निर्देश दिए कि अभियंता क्षेत्र में निरीक्षण करने के पश्चात नहरों के आखिरी छोर तक पानी पहुंचाना सुनिश्चित करें। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि नहरों के उचित रख-रखाव और अन्य सिंचाई साधनों को दुरूस्त रखने के लिए क्षेत्र के किसानों के सतत संवाद भी रखें।  मुख्य अभियंता स्तर पर नियमित समीक्षा से लक्ष्य तेजी से पूरा होगा। मंत्री डॉ. मिश्रा ने सिवनी, रीवा और सागर के मुख्य अभियंताओं को अपने कार्यक्षेत्र में लक्ष्य पूर्ति के प्रयास बढ़ाने के निर्देश दिए।