मेट्रो रेल कंपनी के अध्यक्ष होंगे मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल और इंदौर में संचालित होने वाली मेट्रो रेल परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने और आर्थिक रूप से लाभकारी बनाने के निर्देश दिये। परियोजनाओं का संचालन और प्रबंधन मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी प्रायवेट लिमिटेड करेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान इसके अध्यक्ष होंगे। नगरीय प्रशासन मंत्री, भोपाल और इंदौर के महापौर इसके सदस्य होंगे। कंपनी के प्रशासनिक ढाँचे का अनुमोदन राज्य की केबिनेट द्वारा किया जायेगा।
बैठक में मेट्रो रेल के प्रथम चरणों में शामिल किये जाने वाले रूट और वित्तीय प्रबंधन पर विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल ने बताया कि भोपाल मेट्रो रेल परियोजना की कुल लागत 22504.25 करोड़ होगी। इसमें 7 रूट को शामिल किया जायेगा। भोपाल में 95.03 किलो मीटर में मेट्रो रेल लाइन बिछाई जायेगी। इसमें से 84.83 किलो मीटर ऐलिवेटेड होगी। प्रथम चरण में दो रूट होंगे – करोंद से एम्स तक 14.99 किलो मीटर और भदभदा से रत्नागिरी तक 12.88 किलो मीटर शामिल किया जायेगा। प्रथम चरण की लागत 6962 करोड़ रूपये होगी। परियोजना के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी जापान और एशियाई विकास बैंक से वित्तीय सहायता लेने के विकल्पों पर विचार-विमर्श हुआ। इंदौर मेट्रो रेल 104 किलो मीटर में चलेगी। इस पर 26762.21 करोड़ की लागत आयेगी। पहले चरण में पलासिया-एयरपोर्ट-विजयनगर-भवरकुंआ-पलासिया रूट पर काम शुरू होगा। इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के नक्शे में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से सहयोग के लिये सभी विकल्प पर विचार किया जायेगा। नवगठित मेट्रो रेल कंपनी के संचालक मंडल की बैठक में प्रशासनिक एवं प्रबंधन संबंधी प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।बैठक में मेयर भोपाल आलोक शर्मा, इंदौर मेयर ती मालिनी गौड़, मुख्य सचिव अंटोनी डि सा, मुख्यमंत्री प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।