दतिया जिले के ग्राम सतारी में जनसम्पर्क मंत्री डॉ. मिश्रा
जल संसाधन, जनसम्पर्क एवं संसदीय कार्य विभाग मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र आज दतिया जिले के ग्राम सतारी में ग्रामीणों से मिले। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। संस्कृति और प्रकृति एक दूसरे के पूरक है। प्राचीन काल से संस्कृति को विज्ञान के अनुरूप हमारे आचरण और व्यवहार में ढ़ाला गया है।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि हमारे आचार-विचार और आहार में विज्ञान को समाहित किया गया है। तुलसी, नीम, पीपल, बरगद आदि के पौधे का महत्व धर्म से जोड़कर बताया गया है। यह पौधे आक्सीजन उत्पादन के भण्डार है। उन्होंने कहा धार्मिक कार्यक्रम हमें एकता में बाँधते हैं और हमारे जीवन में खुशियाँ लाते हैं। उन्होंने मीठा बोलने, कभी किसी के प्रति गाँठ न बाँधने और समाज के लिए अच्छे काम करने की बात कही।
गाँव की पहाड़ी पर बने मंदिर पर माता के दर्शन करने पहुँचे मंत्री डॉ. मिश्रा ने पूछा कि मंदिर में साउण्ड-माईक सिस्टम है कि नहीं तो ग्रामीण ने उन्हीं से माँग रख दी। डॉ. मिश्रा ने 25 हजार रुपये की राशि स्वीकृति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि साउण्ड सिस्टम ऊँचे स्थान पर इस प्रकार लगाये कि जब गाँव वाले सुबह जागे, तो उन्हें भक्ति संगीत सुनाई दे।
दतिया नगर के बग्गीखाने में रामलीला के अंतिम दिन मंत्री डाँ. नरोत्तम मिश्र की उपस्थिति में मुस्लिम समाज एवं खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। इसके बाद सभी ने आरती की। सम्मानितों में मौलाना तईब खान, महमूद मास्टर, सत्तार बाबा, रफीक राईन, मम्मू किलेदार, इकबाल खान के नाम शामिल है। जिन खिलाड़ियों का सम्मान हुआ उनमें कु. फाल्गुनी तिवारी-मलखंब, खुशी दुबे-मार्शल आर्ट, ऋषि प्रताप बुन्देला-मार्शल आर्ट तथा अनिल यादव-जूडो शामिल है।
मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा आज दतिया शहर में विभिन्न स्थान पर शोक संवेदना व्यक्त करने भी पहुँचे। श्री बंटी बरसौंया के निवास पर पहुँचकर उनकी ताई श्रीमती विमलादेवी को श्रद्धांजलि दी। पंकज शुक्ला वाली गली में पहुँचकर बंटी साहू के पिता श्री सियासरण साहू के निधन पर संवेदना व्यक्त की। मंडी के पीछे श्री रामजीशरण सेन के यहाँ पिता श्री हरचरण सेन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने सेन परिवार को तत्काल 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की।