जगदलपुर। बस्तर जिले के कांगेर घाटी के गोद में बसे दरभा विकासखण्ड के अतिसंवेदनशील और दुर्गम गांव चांदामेटा में शुक्रवार को जन चौपाल समाधान शिविर का आयोजन किया गया है। जहां कलेक्टर रजत बंसल, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र मीणा, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के संचालक धम्मशील गणवीर सहित आला अधिकारी पहुंचे और ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और ग्रामीणों की मांग पर कई सौगातें भी दीं। पहली बार जिला प्रशासन को देखकर ग्रामीणों में खासा उत्साह दिखा, वहीं कलेक्टर सहित अधिकारियों के आत्मीय और मधुर व्यवहार से ग्रामीणों में अत्यंत प्रसन्नता दिखी।
चांदामेटा के ग्रामीणों की मांग के अनुसार बस्तर कलेक्टर ने तत्काल आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य सुविधा संचालन करने सम्बंधित अधिकारी को निर्देश दिये। राशन कार्ड व राशन वितरण हेतु भवन, वृद्धा पेंशन हेतु आवेदन तैयार करने, राशन कार्ड दिलाने पंचायत सचिव को निर्देश दिया। चांदामेटा के पटेलपारा में देवगुड़ी निर्माण की स्वीकृति भी प्रदान की। ग्रामीणों की मांग पर चांदामेटा में शीघ्र ही मोबाइल टावर लगाने की बात भी अधिकारियों ने कही। चांदामेटा गांव में जन चौपाल समाधान शिविर के आयोजन से शासन के आला अधिकारी चांदामेटा पहुंचे, जहां ग्रामीण आला अधिकारी की उपस्थिति को देख खुश नजर आये, क्योंकि आजादी के पश्चात पहली बार यहां शिविर लगा और बस्तर कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक सहित आला अधिकारी चांदामेटा पहुंचे।
स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, वन विभाग, राजस्वविभाग, कृषि विभाग, क्रेडा विभाग, विद्युत विभाग, पशु चिकित्सा विभाग सहित सभी विभागीय अधिकारियों ने चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्या सुनी। यहां इस दौरान ग्रामीणों को ऋण पुस्तिका, राशन कार्ड, बीज, फलदार पौधों का वितरण किया गया। बस्तर रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने ग्रामीणों को हाईजिन किट और मच्छरदानी का वितरण भी किया।
उल्लेखनीय है कि चांदामेटा और चांदामेटा की पहाड़ियां, नक्सलियों की सुरक्षित पनाहगाह मानी जाती रही है। कभी अगर यहां जवान पहुंच भी जाते तो नक्सली पहाड़ पार कर ओडिशा की ओर भाग निकलते थे, यह पूरा इलाका दरभा, कटेकलायण इलाके में वारदात के बाद ओडिशा जाने के लिए नक्सलियों के क्रॉसिंग प्वाइंट के नाम से भी जाना जाता था। लेकिन अब इस पहाड़ी पर जवानों का कब्जा है। इस गांव से दरभा डिवीजन के तीन बड़े नक्सली पांडू, कुट्टे, हिड़में जैसे बड़े नक्सलियों का प्रभाव एवं कब्जा था।
ज्ञात हो कि कुछ समय पहले ही यहां एसपी जीतेंद्र मीणा के प्रयासों से पुलिस कैंप खोल दिया गया है। ग्राम चांदामेटा के पटेलपारा में रहने वाले 99 प्रतिशत परिवार का कोई न कोई सदस्य नक्सली मामले में जेल में है, या नक्सल संगठन से जुड़ा हुआ है। एसपी बस्तर मीणा ने चांदामेटा को नक्सलियों से मुक्त करवाने पूरी रणनीति के साथ काम किया। कोलेंग तक सड़क बनाई गई। कैंप खोला गया इसके बाद चांदामेटा में पहाड़ पर कैंप बनाने की शुरुआत हुई। एसपी स्वयं इसकी निगरानी करते रहे। इलाके के लोग झिरिया का पानी पीते थे उनके लिए हैंडपंप खुदवाए गए, अभी सोलर लाइट की व्यवस्था की गई।
इस दौरान एसडीएम आस्था राजपूत, रेडक्रास सोसायटी के उपाध्यक्ष एलेक्जेंडर चेरियन, शासकीय अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण उपस्थित थे।