Since: 23-09-2009

  Latest News :
प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद में किया मतदान.   मुस्लिमों को आरक्षण मिलना चाहिए : लालू यादव.   मनी लांड्रिंग मामले में के. कविता की न्यायिक हिरासत 14 मई तक बढ़ी.   राकांपा एसपी के अध्यक्ष शरद पवार की तबीयत बिगड़ी.   राम विरोधी कांग्रेस का नारा बदल कर लड़की हो तो पिटोगी हो गया: राधिका खेड़ा.   अहमदाबाद में कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी .   धार में बोले नरेन्द्र मोदी- बाबा साहेब आम्बेडकर से घोर नफरत करती है कांग्रेस.   बारातियों से भरी बोलेरो और ट्रक की भीषण टक्कर में दो की मौत.   भोपाल में दिग्विजय सिंह ने पत्नी के साथ और राघोगढ़ में बेटे-बहू और भाई ने डाला वोट.   मुरैना में बदमाशों ने कांग्रेस नेता केपी कंसाना और उनके भाई के साथ की मारपीट,.   निर्माणाधीन शराब दुकान के विरोध में उतरीं महिलाएं.   छिंदवाड़ा पहुंची एयरफोर्स के शहीद जवान पहाड़े की देह.   जशपुर जिले में मतदान करने पहुंचे एक बुजुर्ग मतदाता की मौत.   स्वच्छता दीदियों ने डाले वोट कहा- स्वच्छ एवं स्वस्थ लोकतंत्र हेतु करें मतदान.   मुख्यमंत्री साय ने सपरिवार गृह ग्राम बगिया में किया मतदान.   सक्ती जिले में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया.   छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट.   रायपुर लोकसभा चुनाव में 42 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्र संभालेंगी महिलाएं.  
भारत की एक इंच भूमि पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता : अमित शाह
dehradoon, India

देहरादून। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब तक हमारे आईटीबीपी और सेना के जवान सीमा पर तैनात हैं तब तक भारत की एक इंच भूमि पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता। अब हिम वीरांगनाएं भी देश की सीमा की सुरक्षा में कंधे से कंधा मिलाकर शामिल हो रही हैं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को उत्तराखंड के देहरादून में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 62वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस दौरान अमित शाह ने जवानों के लिए सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित बीओपी (बॉर्डर ऑब्जरवेशन पोस्ट) पर सब्जियों, दवाओं और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रोन का ई-लोकार्पण किया। गृह मंत्री ने आईटीबीपी के 147 शहीदों पर बनी फ्लिप बुक को भी लांच किया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और आईटीबीपी के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अमित शाह ने कहा कि देशवासी जब दीपावली के अवसर पर अपने घर में दिया जलाते हैं, तब वे एक दिया सीमा पर तैनात हमारे वीर जवानों के लिए भी जलाते हैं। देश की 130 करोड़ जनता पूरे दिल से वीर जवानों के त्याग, बलिदान, साहस और शौर्य का सम्मान करती है। देश की जनता चैन की नींद सोती है क्योंकि हमारे वीर जवान अपने जीवन के स्वर्णिम वर्ष सरहद पर देश की सुरक्षा के लिए समर्पित करते हैं। हिमवीरों का त्याग, सेवा और बलिदान अनमोल है और पूरा देश इसे नमन करता है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज आईटीबीपी का स्थापना दिवस है और हमारे हिमवीरों ने पिछले 62 वर्षों से शौर्य, दृढ़ता और कर्मनिष्ठा के ध्येय वाक्य के साथ भारत की दुर्गम सीमाओं को सुरक्षित रखने का काम किया है। उन्होंने कहा कि माइनस 45 डिग्री तापमान में देश की अग्रिम सीमा पर चौकन्ना रहकर उसकी सुरक्षा करना और जरूरत पड़ने पर सर्वोच्च बलिदान देने से भी पीछे ना हटना, आईटीबीपी की परंपरा रही है। आईटीबीपी 62 साल पहले 7 वाहिनियों के साथ शुरू हुआ। आज एक लाख हिमवीरों, 60 वाहिनियों, 17 प्रशिक्षण केन्द्रों, 16 सेक्टर, 5 फ्रंटियर और 2 कमांड मुख्यालयों के साथ एक मजबूत बल के रूप में उभर कर आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिमवीरों की मांग को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने वायुयान और रेल में सेना की तर्ज पर देश के केन्द्रीय सशस्त्र पुलस बलों का भी कोटा तय कर दिया है।

गृह मंत्री शाह ने कहा कि खेलों के क्षेत्र में भी आईटीबीपी की भागीदारी बहुत बढ़ गई है, जो बहुत अच्छी बात है। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी 36 लाख से ज्यादा वृक्ष इतने दुर्गम क्षेत्र में लगाए हैं। उन्होंने सभी जवानों से वृक्षों को अपने साथ जोड़ने को कहा, जिससे ना सिर्फ उनके मन में बहुत बड़ा बदलाव और संवेदनशीलता आएगी, बल्कि वृक्ष के पालन पोषण के साथ होने वाला जुड़ाव जवानों के मन में भी बहुत बड़ा परिवर्तन करेगा। ये 36 लाख पौधे 5 साल में बड़े वृक्ष बनेंगे और देश के साथ-साथ पूरे विश्व के पर्यावरण को भी शुद्ध करेंगे।

उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने वाइब्रेंट विलेज प्रोजेक्ट के माध्यम से एक नए कांसेप्ट को देश के सामने रखा है। पहले सीमा पर स्थित गांव को देश का अंतिम गांव कहा जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने वहां जाकर कहा कि यह अंतिम नहीं, बल्कि देश का पहला गांव है। प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर बसे गांवों की आबादी को न केवल सस्टेन करने, बल्कि उसमें वृद्धि करने और वहां देश के अन्य हिस्सों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की अप्रोच के साथ वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम बनाया है। मोदी सरकार ने इस कार्यक्रम के पहले चरण में 19 जिलों में 46 ब्लॉक के 662 गांवों के लिए 4800 करोड़ रुपये के बजट से बिजली, सड़कें, रोजगार, स्किल डेवलपमेंट, शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का काम किया है।

अमित शाह ने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा हिमवीरों की जिम्मेदारी है, लेकिन अगर ये सीमावर्ती गांव खाली हो जाएंगे तो इस काम में बहुत दिक्कतें आएंगी। आने वाले 1 साल में 168 अनकनेक्टेड गांव सड़क, बिजली, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवाओं से भी जुड़ जाएंगे। सीमाओं पर सुविधाओं के विकास के बिना देश सुरक्षित नहीं रह सकता। भारत-चीन सीमा सुविधाओं के विकास पर 2014 से पहले औसतन प्रतिवर्ष 4000 करोड़ रुपये खर्च होता था, जिसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 9 सालों में बढ़ाकर औसतन 12340 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया है। सरकार ने सीमा पर रोड, बीओपी बनाने, जवानों को सुविधाएं देने और गांवों को सुविधायुक्त बनाने के लिए तीन गुना खर्च बढ़ाया है। इस दुर्गम क्षेत्र में 350 से ज्यादा पुल और पुलिया बनाने का काम किया है। जवानों के कल्याण के लिए सरकार ने विगत 9 सालों में कई योजनाएं बनाई हैं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि विगत 9 साल में देश की आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में बहुत बदलाव आया है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद आज वहां आतंकवाद पर पूर्ण नियंत्रण पाने में हमें सफलता मिली है। आंतरिक सुरक्षा बहुत मजबूत हो रही है और सीमाओं की सुरक्षा को हमारे हिमवीर संभाल रहे हैं। 2047 तक हमें भारत को ऐसा देश बनाना है कि हर क्षेत्र में हम विश्व का नेतृत्व करें।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों और ऊंचाई पर स्थित बीओपी (बॉर्डर ऑब्जरवेशन पोस्ट) पर सब्जियों, दवाओं और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की कल्पना प्रधानमंत्री मोदी ने हम सबके सामने रखी थी। इसी कल्पना के साकार होने की दिशा में आज पहला ड्रोन 15 किलोग्राम दवाएं और सब्जियां लेकर दुर्गम इलाके में पहुंचा है, ये एक बहुत बड़ी शुरुआत है।

अमित शाह ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर आईटीबीपी की 7 बटालियन को स्वीकृति दी है और स्थापना के बाद ये पहला मौका है जब 7 बटालियन एक साथ स्वीकृत की गई हैं, इनमें से 4 बटालियन जल्द ही तैनात हो जायेंगी। ये 7 बटालियन और 1 सेक्टर मुख्यालय लगभग 3000 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे।

गृह मंत्री ने इतने दुर्गम क्षेत्र में देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात हिम वीरांगनाओं को विशेष बधाई और शुभकामनाएं दीं।

इसके अलावा अमित शाह ने कहा कि आज यहां हुई कई नई शुरुआतों में से सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग बेहद खास है। क्योंकि 17,000 फीट की ऊंचाई पर बनी ये बिल्डिंग ठंडे मरूस्थल में आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बनेगी। ये बिल्डिंग देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय की ओर से हिमवीरों को दीपावली की एक अनूठी भेंट है। जब यहां बाहर का तापमान शून्य से 40-45 नीचे चला जाता है और पेट्रोल या डीजल का उपयोग नहीं हो पाता है, ऐसे में ये बिल्डिंग 18-19 डिग्री तापमान में जवानों को सुरक्षित रखेगी।

MadhyaBharat 10 November 2023

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.