Since: 23-09-2009

  Latest News :
नासिक में शरद पवार के भाषण के दौरान मंच पर गिरा बैन.   सत्ता की ललक में लालू यादव पिछड़ों की विरोधी कांग्रेस की गोद में बैठ गए : अमित शाह.   स्वाति मालीवाल का बयान लेने पहुंची पुलिस.   माताओं-बहनों को मिल रही सुविधाओं का परिणाम है भाजपा की जीत : मोदी.   कुपवाड़ा में दो आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया.   आम आदमी पार्टी के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल करेगा ईडी.   छिंदवाड़ा के जिला अस्पताल में चूहों ने कुतरे महिला मरीज के पैर.   कांग्रेस ने लगाया राजगढ़ के स्ट्रांग रूम से एसएलयू गायब करने का आरोप.   कपास का बीज नहीं मिलने से नाराज किसानों ने हाइवे पर लगाया जाम.   माधवी राजे सिंधिया के अंतिम संस्कार में कई वीआईपी होंगे शामिल.   खड़े ट्रक में घुसी कार 8 लोगों की मौत.   मप्र में तय समय पर 18 जून के आसपास पहुंचेगा मानसून.   छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स घोटाले में एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर गिरफ्तार.   भाजपा सरकार नक्सल नीति पर मति भ्रम की शिकार : कांग्रेस.   अनवर ढेबर की जमानत याचिका खारिज.   छत्तीसगढ़ में 13 जून तक मानसून पहुंचने का अनुमान.   छत्तीसगढ़ के आईजी गर्ग ने गूगल को भेजा नोटिस.   कुंए में गिरा तेंदुआ वन विभाग के कर्मचारियों ने निकाला .  
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने महाकाल मंदिर में की पूजा अर्चना
ujjain, Pandit Dhirendra Shastri , Mahakal temple

उज्जैन। बागेश्वर धाम के चर्चित पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मंगलवार को उज्जैन पहुंचे। यहां उन्होंने श्री महाकाल मंदिर में पूजा अर्चना की। पंडित धीरेंद्र शास्त्री सुबह भस्म आरती में शामिल हुए। उन्होंने नंदी हाल में बैठकर शिव की आराधना की। वहीं गर्भगृह में पहुंचकर बाबा महाकाल का जलाभिषेक किया है। इस दौरान मीडिया से बातचीत में पं. शास्त्री ने कहा कि महाकाल से मध्यप्रदेश और देश के कल्याण की मंगलकामना की है। भारत हिंदू राष्ट्र हो, इसके लिए हमने रुद्राभिषेक किया, जबकि धर्म विरोधियों की ठठरी बंधे।

 

 

पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंगलवार सुबह उज्जैन पहुंचकर 4 बजे भगवान महाकाल का जलाभिषेक और दूध, दही, घी, शक्कर, फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्मी रमाई गई। भगवान महाकाल का भांग, सूखे मेवों, चंदन, आभूषण और फूलों से राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। भस्म अर्पित करने के पश्चात शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी माला अर्पित की गई। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि महाकाल की प्राचीन परंपरा बरकरार रहनी चाहिए, यहां के पुजारियों की परंपरा बरकरार रहनी चाहिए, प्राचीन परंपरा अक्षुण्य रहनी चाहिए, इससे संस्कृति जीवंत रहेगी। उन्होंने कहा कि कुछ धर्म विरोधी यहां पर भी टांग अड़ाना चाहते हैं।

MadhyaBharat 30 April 2024

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.