Since: 23-09-2009

  Latest News :
पित्रोदा का बयान विपक्षी गठबंधन को अस्वीकार.   पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं राहुल गांधी : अमित शाह.   हरियाणा के मुख्यमंत्री बोले- सरकार अल्पमत में नहीं कार्यकाल पूरा करेगी.   केरल के तीन जिलों में वेस्ट नाइल बुखार को लेकर अलर्ट जारी.   प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद में किया मतदान.   मुस्लिमों को आरक्षण मिलना चाहिए : लालू यादव.   धार में बोले नरेन्द्र मोदी- बाबा साहेब आम्बेडकर से घोर नफरत करती है कांग्रेस.   बारातियों से भरी बोलेरो और ट्रक की भीषण टक्कर में दो की मौत.   भोपाल में दिग्विजय सिंह ने पत्नी के साथ और राघोगढ़ में बेटे-बहू और भाई ने डाला वोट.   मुरैना में बदमाशों ने कांग्रेस नेता केपी कंसाना और उनके भाई के साथ की मारपीट,.   निर्माणाधीन शराब दुकान के विरोध में उतरीं महिलाएं.   छिंदवाड़ा पहुंची एयरफोर्स के शहीद जवान पहाड़े की देह.   डिवाइडर से टकराई कार दो की मौत.   कड़ी सुरक्षा के बीच देर रात तक ईवीएम मशीन सेजबहार स्ट्रांग रूम में जमा.   भाजपा ने विकसित भारत के विजन पर चुनाव लड़ा : मुख्यमंत्री साय.   मोबाइल ठीक कराने से मना करने पर युवक ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली.   जशपुर जिले में मतदान करने पहुंचे एक बुजुर्ग मतदाता की मौत.   स्वच्छता दीदियों ने डाले वोट कहा- स्वच्छ एवं स्वस्थ लोकतंत्र हेतु करें मतदान.  
विपक्ष में मुझ पर हमला करने की हिम्मत नहीं : प्रधानमंत्री मोदी
new delhi, Opposition , no guts,PM Modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों की भाषा और व्यवहार को निराशाजनक बताते हुए कहा कि विपक्ष में मुझ पर हमला करने की हिम्मत नहीं है। उन्होंने कहा कि देश देख रहा है एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। मैं देश के लिए जीता हूं और देश के लिए कुछ करने के लिए निकला हूं।

 

प्रधानमंत्री मोदी आज कुछ विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे। अडानी विवाद पर विपक्षी सदस्यों ने इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की है। प्रधानमंत्री ने अपने उत्तर की शुरुआत राष्ट्रपति को उनके संबोधन में ‘विकसित भारत’ का विजन प्रस्तुत करके दोनों सदनों का मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद देते हुए की।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने विरोध कर रहे विपक्षी सदस्यों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके कृत्यों से भाजपा को आगे बढ़ने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, “बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को दिशा दी है, देश का मार्गदर्शन किया है। इस देश में जो भी बात होती है उसे देश बहुत गंभीरता से सुनता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न केवल सदन, बल्कि देश को निराश करने वाली है। इस प्रकार की वृत्ति वालों को मैं यही कहूंगा- कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल, जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल...जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा।”

 

सरकार की तमाम योजनाओं के नामकरण को लेकर कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अखबारों में पढ़ा था कि 600 के करीब योजनाएं गांधी-नेहरू के नाम से हैं। मुझे यह समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है? क्या शर्मंदगी है? इतना बड़ा व्यक्ति है तो शर्मंदगी क्या है? और आप हमारा हिसाब मांगते हो। यह सदियों पुराना देश जन-जन की पीढ़ियों की परंपरा से बना हुआ देश है, यह देश किसी परिवार की जागीर नहीं है।

 

 

केंद्र और राज्यों के बीच टकराव को लेकर प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हम पर राज्यों से टकराव के आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन ये लोग जब सत्ता में थे तो 90 बार आर्टिकल 356 का इस्तेमाल करके सरकार राज्यों में गिरा दी गई। अकेली इंदिरा गांधी ने ही 50 बार इस नियम का इस्तेमाल करते हुए राज्यों में सरकारों को गिरा दिया। केरल में कम्युनिस्टों की सरकार हो या फिर तमिलनाडु में करुणानिधि और एमजीआर की सरकार इन्होंने उसे हटा दिया।

 

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर विकास की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का खड़गे जी के दावे के अनुसार नींव बनाने का इरादा हो सकता है, लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान केवल गड्ढों को खोदा और विकास में अड़ंगा लगाया। इससे देश ने छह दशक गंवाए जबकि छोटे देशों ने तरक्की की। उन्होंने कहा कि केवल मंशा व्यक्त करने से काम नहीं चलता, गति, दिशा और विकास का परिणाम मायने रखता है। उन्होंने कहा, “60 साल कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे... हो सकता है उनका इरादा न हो, लेकिन उन्होंने किए। जब वो गड्ढे खोद रहे थे, 6 दशक बर्बाद कर चुके थे... तब दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे।”

 

 

प्रधानमंत्री ने कहा पहले के समय के विपरीत हमारी सरकार का उद्देश्य नागरिकों के लिए स्थायी समाधान प्रदान करना और उन्हें सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि पहले के समय में लोगों की समस्याओं का समाधान करना सरकार की जिम्मेदारी थी, लेकिन उनकी प्राथमिकताएं और इरादे अलग थे। उन्होंने कहा, “आज हम समस्याओं के स्थायी समाधान की ओर बढ़ रहे हैं।”

 

प्रधानमंत्री ने पानी के मुद्दे का उदाहरण दिया और समझाया कि प्रतीकात्मकता के बजाय, जल अवसंरचना, जल शासन, गुणवत्ता नियंत्रण, जल संरक्षण और सिंचाई नवाचार बनाने का एक समग्र एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया गया है। इसी तरह के उपायों ने वित्तीय समावेशन, जन धन के माध्यम से डीबीटी - आधार- मोबाइल, पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान के माध्यम से बुनियादी ढांचा योजना और कार्यान्वयन में स्थायी समाधान तैयार किए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “हम आधुनिक भारत के निर्माण के लिए बुनियादी ढांचे, पैमाने और गति के महत्व को समझते हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तकनीक की ताकत से देश में कार्य संस्कृति में बदलाव आया है और सरकार का ध्यान गति बढ़ाने और इसके पैमाने को बढ़ाने पर है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा, “महात्मा गांधी ‘श्रेय’ और ‘प्रिय’ कहा करते थे। हमने ‘श्रेय’ का रास्ता चुना है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने जो रास्ता चुना है वो वह नहीं है जहां आराम करना प्राथमिकता हो, बल्कि वह है जहां हम आम लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दिन-रात काम करते हैं।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ने आजादी का अमृत काल में संतृप्ति प्राप्त करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने सरकार के उन प्रयासों को दोहराया जहां देश के प्रत्येक लाभार्थी तक 100 प्रतिशत लाभ पहुंच रहा है। मोदी ने कहा, “यही सच्ची धर्मनिरपेक्षता है। यह भेदभाव और भ्रष्टाचार को समाप्त करता है।”

 

प्रधानमंत्री ने कहा, “दशकों तक हमारे आदिवासी भाई-बहन विकास से वंचित रहे। अगर कांग्रेस ने आदिवासियों के कल्याण के प्रति समर्पण भाव से काम किया होता तो आज हमें इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती। हमने उनके कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में आदिवासी कल्याण के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया गया था और आदिवासी कल्याण के लिए ठोस प्रयास किए गए थे।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि छोटे किसान भारत के कृषि क्षेत्र की रीढ़ हैं। हम उनके हाथ मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक छोटे किसानों की उपेक्षा की गई। वर्तमान सरकार ने उनकी जरूरतों पर ध्यान दिया और छोटे विक्रेताओं और कारीगरों के साथ-साथ छोटे किसानों के लिए कई अवसर पैदा किए। प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी विस्तार से बताया और भारत में महिलाओं के जीवन के हर चरण में सशक्तिकरण, गरिमा सुनिश्चित करने और जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार की पहल के बारे में बात की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों और नवोन्मेषकों की विशेषज्ञता के साथ, भारत दुनिया का फार्मा हब बन रहा है। उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर ध्यान आकर्षित किया, जब कुछ लोगों ने भारत के वैज्ञानिकों, नवोन्मेषकों और वैक्सीन निर्माताओं को नीचा दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इनको देश की नहीं बल्कि अपनी राजनीतिक उठा-पटक की चिंता है। प्रधानमंत्री ने अटल इनोवेशन मिशन और टिंकरिंग लैब जैसे उपायों के माध्यम से वैज्ञानिक सोच विकसित करने की बात कही। उन्होंने युवाओं और वैज्ञानिकों को सरकार द्वारा बनाए गए अवसरों का पूरी तरह से उपयोग करने और निजी उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, “हम सफल हुए हैं और आम नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं।”

 

उन्होंने कहा कि देश आज डिजिटल लेनदेन में विश्व में अग्रणी बना हुआ है। डिजिटल इंडिया की सफलता ने आज पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। उन्होंने उस समय को याद किया जब भारत मोबाइल फोन का आयात करता था जबकि आज हमें गर्व है कि मोबाइल फोन दूसरे देशों को निर्यात किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “यह हमारा संकल्प है कि भारत 2047 तक ‘विकसित भारत’ बन जाए।” उन्होंने दोहराया कि सरकार ने उन अवसरों को हथियाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जिनकी हम तलाश कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष निकाला, “भारत बड़ी छलांग लगाने और अब पीछे मुड़कर नहीं देखने के लिए तैयार है।”

MadhyaBharat 9 February 2023

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.