Since: 23-09-2009

  Latest News :
पिछला दशक ट्रेलर था अब नई ऊंचाइयों पर जाएगा भारतः प्रधानमंत्री.   अमित शाह के डीपफेक वीडियो मामले में अरुण रेड्डी तीन दिन की पुलिस हिरासत में.   जनता के अधिकारों को कमजोर कर रही सरकार : प्रियंका.   पिछड़ों और दलितों के आरक्षण को किसी हाल में छीनने नहीं देंगे : प्रधानमंत्री मोदी.   यूट्यूबर एल्विश यादव के खिलाफ ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस.   ईरान-इजराइल की यात्रा करते सयम सतर्क रहें भारतीय : विदेश मंत्रालय.   उज्जैन में होटल की छत से छात्रा ने लगाई छलांग.   बेकाबू ट्रक की टक्कर से बाइक सवार तीन युवकों की मौत.   रेत माफिया और ड्रायवर के घर पर चला बुलडोजर.   छिंदवाड़ा के वासी थे पुंछ में आतंकी हमले में बलिदान होने वाले विवेक पहाड़े.   मोदी के नेतृत्व के साथ आगे बढ़ना आज की जरूरत : योगी आदित्यनाथ.   बड़वानी के एसडीएम रहे उज्जैन के डिप्टी कलेक्टर दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार.   भिलाई स्टील प्लांट में लगी आग.   चट्टान से टकराकर मालगाड़ी पटरी से उतरी.   भाजपा सभी ग्यारह सीटें जीत कर बनाएगी इतिहास : सीएम साय.   पूरे प्रदेश में इंडिया गठबंधन की सरकार बन रही : दीपक बैज.   छत्तीसगढ़ पूरी तरह मोदीमय : किरण सिंहदेव.   उत्तर सिंगपुर रेंज के जंगल में घूम रहा अकेला हाथी.  
बोरवेल में गिरे 7 वर्षीय बच्चे की नहीं बच पाई जान
bhopal, Seven-year-old boy, borewell

भोपाल। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में लटेरी तहसील के ग्राम खेरखेड़ी में एक खेत में खुले बोरवेल में गिरे सात वर्षीय बच्चे को बचाया नहीं जा सका। पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने करीब 24 घंटे चलाए गए रेस्क्यू आपरेशन के बाद बुधवार दोपहर करीब 12 बजे उसे बाहर निकाला। रेस्क्यू टीम बच्चे को लेकर लटेरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, जहां उसे आईसीयू में ले जाया गया। यहां डॉक्टरों की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया।

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्राम खेरखेड़ी के पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा कि बोरवेल खुला छोड़ने वाले खेत मालिक पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। जिले में एक सप्ताह के भीतर खुले बोरवेल को बंद कराया जाएगा।

 

 

गौरतलब है कि एक दिन पहले मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे गांव खेरखेड़ी में खेत में चने की फसल काट रहे मजदूर दिनेश अहिरवार का सात वर्षीय बेटा लोकेश अहिरवार पड़ोस के खेत में खुले पड़े 60 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। जिसे बचाने के लिए दोपहर 12.00 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। यहां पहले छह बुलडोजर और तीन पोकलेन मशीन से खुदाई की जा रही थी। रात के समय दो पोकलेन अतिरिक्त बुलवाई गई। बोरवेल में फंसे बच्चे पर नाइट वाचिंग कैमरे की मदद से नजर रखी जा रही थी। लगातार आक्सीजन भी पहुंचाई जा रही थी।

 

करीब 24 घंटे चले रेस्क्यू अभियान के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। उसे बचाने के लिए पूरी रात एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें जुटी रहीं। बालक 60 फीट गहरे बोरवेल में 43 फीट की गहराई में फंसा था। इसके समानांतर गड्ढे की खुदाई की गई।

बुधवार सुबह 8 बजे तक 50 फीट गड्ढा खोदा गया, इसके बाद पांच फीट टनल बनाकर बच्चे को निकाला गया। खुदाई के बाद टनल के पास एम्बुलेंस खड़ी कर दी गई थी। चाइल्ड स्पेशलिस्ट और मेडिकल स्टाफ को टनल के पास बुला लिया गया था। सुबह 11.00 बजे तक सुरंग बनाने का काम पूरा हो गया। इसके बाद टीम के कुछ सदस्य सुरंग के अंदर गए और सुबह करीब पौने 12 बजे बच्चे को बाहर लेकर आए। बाहर एंबुलेंस और डाक्टरों की टीम मुस्तैद थी। बच्चे को एंबुलेंस के जरिए लटेरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए रवाना कर दिया गया। लेकिन मासूम की जान नहीं बच सकी। लटेरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बच्चे की मौत की पुष्टि की है।

 

मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को ट्वीट के माध्यम से कहा है कि अत्यंत दु:खद है कि विदिशा के खेरखेड़ी गांव में बोरवेल में गिरे बेटे लोकेश को अथक प्रयासों के बाद भी नहीं बचाया जा सका। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। दुःख की इस विकट घड़ी में सरकार शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है। हमने तय किया है कि राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी।

 

उन्होंने कहा कि दोषियों पर उचित कार्रवाई भी करेंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं स्थानीय प्रशासन के सभी साथियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया, इसके लिए आभार।

 

मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि बोरवेल के समानांतर गड्ढा खुदाई के दौरान चट्टान आ जाने के कारण भी देरी हुई। रेस्क्यू में जुटे जवानों का कहना है कि खुदाई के दौरान बच्चा बोरवेल में नीचे खिसक गया था, इसलिए उन्हें गड्ढे की गहराई बढ़ानी पड़ी।

 

खुले आसमान के नीचे रात भर जागते रहे सैकड़ों लोग

बोरवेल में फंसे बच्चे की कुशलता के लिए घटनास्थल पर सैकड़ों लोग पूरी रात जागते रहे, इनमें बच्चे के माता-पिता के अलावा कलेक्टर उमाशंकर भार्गव, विधायक उमाकांत शर्मा सहित आसपास के गांवों के लोग थे। खेत में रात के समय सोने का कोई इंतजाम नहीं था। ग्रामीण खुले आसमान के नीचे समूह में जमीन पर बैठे रहे। रेस्क्यू के दौरान जरा-सी हलचल पर लोगों की उम्मीदें बढ़ती रही। कलेक्टर भार्गव भी रेस्क्यू टीम से बार-बार अपडेट लेते रहे।

 

लोकेश के बोरवेल में गिरने के बाद से उसके पिता दिनेश, मां सीमा बाई के अलावा दादा-दादी भी बोरवेल किनारे बैठकर बच्चे की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना करते रहे। मां सीमा का रोते-रोते गला बैठ गया। पिता दिनेश का कहना था कि दो सौ रुपये रोज की मजदूरी के लिए वे खेत में चना काटने आए थे। उन्हें क्या पता था कि उनका बेटा इतनी बड़ी मुसीबत में फंस जाएगा।

MadhyaBharat 15 March 2023

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.