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शंभू बार्डर से किसानों का जत्था लाैटा.   राज्यसभा में नोटों की बरामदगी को लेकर हंगामा.   राज्यसभा में विपक्ष पर जमकर बरसे शिवराज.   अष्टलक्ष्मी महोत्सव में देश और दुनिया देखेगी पूर्वोत्तर का सामर्थ्य: प्रधानमंत्री.   कांग्रेस के नेतृत्व में अडाणी मुद्दे को लेकर संसद परिसर में विपक्षी सांसदों ने मार्च निकाला.   महाराष्ट्र में शीत सत्र से पहले होगा मंत्री समूह का विस्तार.   भारतीय ज्ञान परम्परा को आगे बढ़ाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका : राज्य मंत्री गौर.   शहर में पहली बार रात का पारा पहुंचा 8.5 डिग्री पर.   बाबा साहेब के विचारों को जमीन पर उतारने का काम कर रही है भाजपा सरकारें - वीडी शर्मा .   गाय बांधने के विवाद में फायरिंग कर महिला की हत्या.   छतरपुर में 12वीं के छात्र ने गोली मारकर की प्रिंसिपल की हत्या.   इंदौर और धार जिले में व्यापारियों के ठिकानों पर आयकर का छापा.   छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 5 हार्डकोर नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण.   सेंट्रल जीएसटी एएस माइनिंग एंड मिनरल्‍स एलएलपी के ठिकाने पर रेड.   रक्षा विभाग के रिटायर्ड अधिकारी से नाै लाख से ज्यादा की ऑनलाइन ठगी.   छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में हुए मुठभेड़ में एक डीआरजी जवान बलिदान .   नक्सलियों ने भाजपा से जुडे दो पूर्व सरपंचों की हत्या कर दी.   छत्तीसगढ़ में अब तक 26.04 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीद.  

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चंडीगढ़ । हरियाणा-पंजाब की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों ने शुक्रवार काे दिल्ली कूच का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने भारी बल की मद्द से उसे विफल कर दिया। हालांकि पुलिस और किसानों के बीच यहां करीब तीन घंटे तक हंगामा चला। किसानों ने अंबाला में लगे बैरीकेड उखाड़ने का प्रयास किया, लेकिन विफल रहे। इस हंगामे में एक दर्जन से अधिक किसान घायल हो गए। किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला फिलहाल टाल दिया है। इस बारे में अब दोबारा नई रणनीति का ऐलान किया जाएगा। किसानों ने पुलिस द्वारा फायरिंग किए जाने का भी दावा किया है। वहीं अंबाला में आज से नाै दिसंबर तक इंटरनेट  सेवा बंद कर दी गई है।    पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पिछले 297 दिनाें से कैंप लगाकर बैठे किसानों ने आज दोपहर एक बजे 101 किसानों का पहला जत्था दिल्ली के लिए रवाना किया गया। इसके बाद किसानों ने बैरिकेड और कंटीले तार उखाड़ दिए। इस पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी और आंसू गैस के गोले छोड़ें। जिससे अफरा-तफरी मच गई और किसान आसपास के गांवों की तरफ भागने लगे। कई किसान हरियाणा की सीमा में दाखिल हुए, जिन्हें पुलिस ने लाठीचार्ज करके उन्हें पीछे  खदेड़ दिया। इस बीच शंभू बार्डर पर कई घंटे तक पुलिस और किसानों के बीच रूक-रूक कर झड़प होती रहीं। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि आज कूच को फिलहाल टाल दिया गया है। देर रात या कल सभी संगठनों के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। संभवत: आठ नवंबर को दोबारा 101 किसानों को जत्था दिल्ली कूच करेगा। पंधेर ने कहा कि आज हरियाणा पुलिस की तरफ से किए गए लाठीचार्ज व फायरिंग में कई किसान घायल हुए हैं। अभी उन सभी किसानों का उपचार करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कूच को किसी भी सूरत में टाला नहीं जाएगा। अंबाला में इंटरनेट सेवाएं नाै दिसंबर तक बंद   किसानों द्वारा दिल्ली कूच के आज ऐलान काे देखते हुए हरियाणा सरकार ने अंबाला जिले में नौ दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। यहां अंबाला जिले के सीमावर्ती 11 गांवों में एहतियातन स्कूलों में भी आज छुट्टी कर दी गई थी। मुख्य सचिव ने किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए अंबाला के डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बारी घेल, लहर्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू के क्षेत्र में नौ दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं बंद करने के आदेश जारी किए हैं। हालांकि इस दाैरान मोबाइल रिचार्ज और बैंक एसएमएस काे लेकर छूट दी गई है।

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देश की खबरें

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भारत मंडपम में अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज दिल्ली पूर्वोत्तरमय हो गई है। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय महोत्सव में देश और दुनिया को पूर्वोत्तर का सामर्थ्य देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर महोत्सव को समर्पित एक डाक टिकट का भी विमोचन किया। पहली बार मनाया जा रहा तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव 8 दिसंबर तक चलेगा।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में निवेश के लिए उत्साह है। बीते एक दशक में हमने पूर्वोत्तर रीजन के विकास में अद्भुत यात्रा देखी है लेकिन यहां तक पहुंचना सरल नहीं था। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को भारत की विकास यात्रा से जोड़ने के लिए हमने हर संभव कदम उठाये। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान नार्थईस्ट के विकास के लिए अलग मंत्रालय बनाया गया। बीते दशक के दौरान हमने पूर्वोत्तर के साथ दिल्ली और दिल के अंतर को कम करने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने पिछले दशक में 700 से अधिक बार पूर्वोत्तर के राज्यों का दौरा किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम पूर्वोत्तर को भावना, अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी की त्रिमूर्ति से जोड़ रहे हैं।मोदी ने कहा, “पूर्वोत्तर के विकास के लिए 90 के दशक में बनाई गई नीति के बनने से लेकर 2014 तक जितना बजट पूर्वोत्तर को मिला, उससे कहीं अधिक हमने बीते 10 सालों में दिया है। पिछले एक दशक में सिर्फ़ एक योजना के तहत पूर्वोत्तर पर 5 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च किए गए हैं। यह पूर्वोत्तर के प्रति मौजूदा सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है। इस योजना के अलावा, हमने पूर्वोत्तर के लिए विशेष योजनाएं भी शुरू कीं।”वोट बैंक की राजनीति को लेकर पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “लंबे समय तक हमने देखा है कि विकास को कैसे वोटों की संख्या से तोला गया। नॉर्थईस्ट के पास वोट कम थे, सीटें कम थीं, इसलिए पहले की सरकारों द्वारा वहां के विकास पर ध्यान नहीं दिया गया।”प्रधानमंत्री ने अष्टलक्ष्मी महोत्सव को पूर्वोत्तर के बेहतर भविष्य का उत्सव बताया और कहा कि भारत में आने वाला समय पूर्वोत्तर का है। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर में आठ राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में अष्टलक्ष्मी के दर्शन होते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दशकों में हम अगरतला, गुवाहाटी, गंगटोक, आइजोल, शिलांग, ईटानगर, कोहिमा जैसे शहरों का नया सामर्थ्य देखने वाले हैं। मोदी ने कहा कि इसमें अष्टलक्ष्मी जैसे आयोजनों की बहुत बड़ी भूमिका होगी।मोदी ने कहा कि यह महोत्सव पूर्वोत्तर के किसानों, कारगीरों, शिल्पकारों के साथ-साथ दुनिया के निवेशकों के लिए भी एक बेहतर अवसर है। उन्होंने कहा कि ये पहला और अनोखा आयोजन है, जब इतने बड़े स्तर पर नॉर्थईस्ट में निवेश के द्वार खुल रहे हैं। ये नॉर्थईस्ट के किसानों, कारीगरों व शिल्पकारों के साथ-साथ दुनियाभर के निवेशकों के लिए भी बेहतरीन अवसर है।उन्होंने कहा कि बीते दशक में नॉर्थ ईस्ट में अनेक ऐतिहासिक शांति समझौते हुए हैं। राज्यों के बीच भी जो सीमा विवाद थे, उनमें भी काफी सौहार्द्रपूर्ण ढंग से प्रगति हुई हैं। नॉर्थईस्ट में हिंसा के मामले में कमी आई हैं। अनेक जिलों से अफस्पा (सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम) को हटाया जा चुका है। हमें मिलकर अष्टलक्ष्मी का नया भविष्य लिखना है और इसके लिए सरकार हर कदम उठा रही है।कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौना मीन, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुकांत मजूमदार आदि उपस्थित थे।  

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मध्यप्रदेश की खबरें

भोपाल । पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा को आगे बढ़ाने, संरक्षित रखने और जीवित रखने में भारतीय महिलाओं ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं के ज्ञान की अनदेखी नहीं की जा सकती। भारतीय समाज में प्राचीन वैदिक काल से लेकर वर्तमान तक महिलाओं का सम्मानीय स्थान रहा है। राज्य मंत्री कृष्णा गौर शुक्रवार को विज्ञान भारतीय की महिला इकाई शक्ति द्वारा मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी में आयोजित 3 दिवसीय “स्त्री’’ सम्मेलन के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि समाज की उन्नति और अवनति का सीधा संबंध समाज में महिलाओं की प्रस्थिति और उनके सम्मान से रहा है। समाज में जब और जिस समय महिलाओं का सम्मान रहा है, उस समय के समाज ने उन्नति और प्रगति का सफर तय किया है। जब-जब समाज में महिलाओं के सम्मान में कमी आयी है, तब के समाज में पतन की स्थिति देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि वैदिक काल में महिलाओं की सम्मानीय स्थिति और वैदिक काल के युग में भारत विश्व गुरु के रूप में जाना जाता था। भारतीय समाज के निर्माण में नारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय वेदों, शास्त्रों और ऋचाओं को लिखने वाली महिलाएँ थीं। महिलाएँ अनेक अवसरों पर शास्त्रार्थ करती थीं। प्राचीन भारत में महिलाओं को स्वतंत्रता और अनेक अधिकार प्राप्त थे। राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि भारतीय इतिहास के मध्य काल में महिलाओं के सम्मान में कमी आयी। महिलाओं को अनेक अधिकारों से वंचित भी किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महिलाएँ हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। आज 21वीं सदी में महिलाएँ आत्म-निर्भर हैं। उन्होंने आज के युग की विभिन्न क्षेत्रों की सफल महिलाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि महिलाओं ने हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। राज्य मंत्री ने कहा कि हम टेक्नालॉजी पर आधारित 21वीं सदी में आगे बढ़ रहे हैं। हमें टेक्नालॉजी और नवाचारों के साथ आगे बढ़ना है और साथ में अपनी परम्पराओं से भी जुड़े रहना है। राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने शक्ति के तत्वावधान में स्त्री-2024 के आयोजनकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने इस अवसर पर लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और प्रदर्शनी में भाग ले रहे विभिन्न कलाकारों और उद्यमियों से उनके उत्पादों के संबंध में चर्चा की। स्त्री सम्मेलन को प्रो. चांसलर आरएनटीयू डॉ. अदिति चक्रवर्ती ने भी संबोधित किया। मेनिट के निदेशक प्रो. के.के. शुक्ला, महानिदेशक एमपीसीएसटी डॉ. अनिल कोठारी, निदेशक एनआईटीटीआर डॉ. सी.सी. त्रिपाठी, संयोजक स्त्री-2024 प्रो. अनुपमा शर्मा, शक्ति की राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्य अतिथि उपस्थित थे।    

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मध्यप्रदेश की खबरें

मंदसाैर। मध्य प्रदेश के मंदसाैर जिले में शुक्रवार काे गाय बांधने के विवाद के बाद हुई फायरिंग में एक महिला हत्या कर दी गई, जबकि चार लाेग हमले में घायल हुए है। विवाद सरकार जमीन पर गाय बांधने काे लेकर शुरू हुआ था। जिसके बाद करीब पांच वाहनाें में भरकर आए 30 लाेगाें ने दलित परिवार पर बंदूक, तलवार और डंडाें से हमला कर दिया। घटना में घायलाें काे ईलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इधर आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्काजाम हुआ। लगभग दो घंटे बाद पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद चक्काजाम खोला। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है।   जानकारी अनुसार मामला गरोठ तहसील के ग्राम ढाकनी का है। यहां रहने वाले दलित बालराम सूर्यवंशी और उसके परिवार का विवाद शासकीय भूमि पर शेड निर्माण को लेकर हुआ। जानकारी के अनुसार बालाराम का बैंड व्यवसाय है। शुक्रवार काे घटना के समय वह शासकीय भूमि पर अपनी गायों के लिए शेड बना रहा था। तभी पांच चार पहिया वाहनों से भरकर 30 लोग आए। उनका बालाराम के परिवार से विवाद हाे गया। विवाद इतना बढ़ गया कि हमलावराें ने दलित परिवार पर हमला कर दिया। विवाद में गोली चली और बालाराम सूर्यवंशी की पत्नी सुगनाबाई काे लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। जबकि चार लोग घायल है। हमले के बाद घायलों को गरोठ अस्पताल ले जाया गया। वहां से एक घायल रामगोपाल को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं मृतका के ससुर रामगोपाल की स्थिति गंभीर बनी हुई है। मृतका सुगना के बेटे सुखदेव और पति बलराम ने बताया कि गांव के नरेंद्रसिंह और उसके पिता ने हमला कराया है। बलराम के हाथ में भी गोली लगी है। उन्हें मंदसौर रेफर कर दिया गया है। घटना के बाद गरोठ अस्पताल में काफी भीड़ जमा हो गई। गरोठ एएसपी हेमलता कुरील भी अस्पताल पहुंची।     शव काे रखकर किया चक्काजाम हमले के बाद समाज के लोगों ने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया। हत्या के आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दलित समाज के लोगों ने गरोठ नगर में थाने के पास सरदार वल्लभ भाई पटेल चौराहे पर धरने पर बैठ गए। इससे जाम लग गया। इसके अलावा बोलिया रोड, शामगढ़ रोड पर भी चक्काजाम किया गया। लगभग दो घंटे में बोलिया, शामगढ़, भानपुरा, खड़ावदा आने-जाने वाले रास्तों पर आवागमन करने वाले परेशान होते रहे। शामगढ़, भानपुरा, सुवासरा आदि थानों का पुलिस बल भी तैनात रहा है। लगभग 2 घंटे में पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद लोगों ने चक्काजाम समाप्त किया। गरोठ एएसपी हेमलता कुरील ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में हमलावरों के नाम अर्जुनसिंह, नरेंद्रसिंह, जेलरसिंह, प्रतापसिंह पता चले हैं। सभी की तलाश की जा रही है।

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छतीसगढ़ की खबरें

बीजापुर/रायपुर । छत्तीसगढ़ के बीजापुर में “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर शुक्रवार काे 5 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।इन सभी पर 11 लाख रुपये का इनाम घाेषित था। बीजापुर पुलिस के अनुसार आज नक्सलियों के भेदभाव पूर्ण नीति और विचारधारा से परेशान होकर मुख्य धारा में जुड़ने और “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर यहां 11 लाख रुपये के इनामी 5 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन नक्सलियों ने बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ.जितेन्द्र यादव, सीआरपीएफ 202 कमांडेंट अमित कुमार, उप पुलिस अधीक्षक सुदीप सरकार व अन्य सीआरपीएफ व पुलिस के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है। समर्पण किये सभी नक्सली पुलिस पार्टी पर फायरिंग, लूट, हत्या, आगजनी जैसे बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं।आत्मसमर्पण करने णाले नक्सलियों में 8 लाख रुपये के इनामी (पीजीएलए ) कंपनी नम्बर के 2 सदस्य, 2 लाख रुपये के इनामी गंगालूर एरिया कमेटी पार्टी सदस्य और एक लाख का इनामी जनताना सरकार अध्यक्ष शामिल है।   आत्मसमर्पित नक्सलियों का विवरण -1. संतू कोड़मे–वर्ष 2013 में जीआरडी सदस्य. के पद पर संगठन में भर्ती हुआ। वर्ष 2015 में गंगालूर एरिया कमेटी अंतर्गत पीएलजीए सदस्य के पद पर कार्य किया। वर्ष 2018 से अब तक पश्चिम बस्तर डिवीजन में कंपनी नम्बर 02 के सदस्य के पद पर कार्य किया।2. पायकू पूनेम -वर्ष 2017 में ग्राम पुसनार के बाल संगम सदस्य के पद पर संगठन में भर्ती हुआ। वर्ष 2019 में पीएलजीए सदस्य के पद पर संगठन में कार्य किया। वर्ष 2023 में गंगालूर एरिया कमेटी पार्टी सदस्य के पद पर कार्य किया।3. गुडडू हपका-वर्ष 2007 में ग्राम पदेड़ा के बाल संगम सदस्य के पद पर संगठन में भर्ती हुआ। वर्ष 2015 में सीएनएम सदस्य के पद पर कार्य किया। वर्ष 2018 में सीएनएम अध्यक्ष के पद पर कार्य किया। वर्ष 2024 से अब तक पदेड़ा आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष के पद पर कार्यरत था।4. सोमारू माड़वी पिता गडडा निवासी पोनड़वाया, थाना कुटरू जिला बीजापुर-वर्ष 2023 दिसम्बर में नेशलन पार्क एरिया कमेटी अन्तर्गत पीएलजीए सदस्य के रूप में संगठन में शामिल हुआ था।5. भीमा कश्यप पिता आयतु कश्यप उम्र 32 वर्ष जाति मुरिया निवासी बरसेपाल थाना कोड़ेनार जिला बस्तर-वर्ष 2021 फरवरी में कुतुल आरपीसी मिलिशिया प्लाटून सदस्य के रूप में संगठन में शामिल हुआ था।

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छतीसगढ़ की खबरें

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में पुलिस और नक्सलियों के बीच बुधवार काे हुई मुठभेड़ में एक डीआरजी का जवान प्रधान आरक्षक बिरेंद्र कुमार सोरी बलिदान हो गया है। वहीं कुछ जवानों के घायल होने की भी खबर है। शहीद जवान के शव को लेकर पुलिस की एक टीम नारायणपुर पहुंच गई है, दूसरी टीम अभी जंगल में ही है। इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने इसकी पुष्टि की है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने आज गुरुवार काे बताया कि ओसोनपुर और कोहकामेटा बॉर्डर के पास जंगल में बीएसएफ और डीआरजी का संयुक्त बल नक्सलियों के एंबुश में फंस गया था। बुधवार दोपहर एक बजे से दोनों ओर से रुक-रुककर फायरिंग हुई। मुठभेड़ के दौरान नारायणपुर में प्रधान आरक्षक बिरेंद्र कुमार सोरी (36वर्ष) को गोली लगी, जिससे उनकी मौके पर ही बलिदान हो गई। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि विस्तृत जानकारी अभियान पूरा होने के बाद पृथक से जारी की जावेगी। उल्लेखनीय है कि अबूझमाड़ में नक्सली पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) की वर्षगांठ मना रहे थे, इनके बड़े कैडर्स के नक्सली भी वहां मौजूद थे। इसी सूचना के आधार पर जवानों को अभियान पर रवाना किया गया था। बीरेंद्र कुमार सोरी 2010 में नारायणपुर जिला बल में आरक्षक के पद पर भर्ती हुए थे। 2018 में नक्सल ऑपरेशन में वीरतापूर्ण कार्य के लिए उन्हें प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया था, वे कांकेर के नरहरपुर के रहने वाले थे।  

Madhya Bharat Madhya Bharat 5 December 2024

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