जगदलपुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश दस्तावेज लेखक जन कल्याण संघ और स्टांप विक्रेता संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है।
यह हड़ताल प्रदेश के दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं की रोजगार से जुड़ी समस्याओं और उनके हक की मांगों को लेकर की जा रही है।
संघ का कहना है कि सरकार की नई नीतियों और तकनीकी बदलावों के कारण उनका रोजगार धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। इस हड़ताल के चलते राज्य के पंजीयन कार्यालयों में दस्तावेज संबंधित कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं। संघ ने आशा जताई है कि सरकार इस हड़ताल पर संज्ञान लेते हुए उनकी जायज मांगों को पूरा करेगी, ताकि वे अपनी आजीविका को सुरक्षित रख सकें।
संघ के जिला अध्यक्ष सतीश झा ने बताया कि, दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं ने कई बार शासन से अपनी समस्याओं के समाधान की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस हड़ताल के पीछे प्रमुख कारण "सुगम" जैसी नई डिजिटल योजनाएं हैं, जो आम लोगों को घर बैठे रजिस्ट्री करने की सुविधा प्रदान करती हैं। संघ का कहना है कि ये योजनाएं दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं को "बिचौलिए" बताकर उनके रोजगार को खत्म करने की ओर अग्रसर हैं।
संघ ने कहा कि पहले ई-स्टांप की शुरुआत ने स्टांप विक्रेताओं के रोजगार पर असर डाला, और अब "एनजीडीआरएस" पोर्टल और "सुगम" ऐप जैसे कदम दस्तावेज लेखकों के रोजगार को भी खतरे में डाल रहे हैं। इन नई योजनाओं के तहत, कोई भी व्यक्ति बिना दस्तावेज लेखक या अधिवक्ता की मदद के घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्री करा सकता है।
संघ के अनुसार यह कदम दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं को बेरोजगार करने का प्रयास है। संघ का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो यह हड़ताल लंबे समय तक जारी रहेगी। उनकी प्रमुख मांगें हैं- सभी दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं को पंजीयन विभाग में स्थायी रूप से समायोजित किया जाए। उन लोगों को, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक हो चुकी है, पेंशन की सुविधा प्रदान की जाए। नई योजनाओं के तहत उनकी आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।