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उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की धरती और भगवान राम का ननिहाल है। यहां की संस्कृति और परंपरा की अलग पहचान है और सांस्कृतिक, पौराणिक और ऐतिहासिक रूप से छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति का उल्लेख मिलता है। साव ने कहा कि देश के अच्छे रिसर्च एवं मेडिकल संस्थान का अध्ययन करके हम छत्तीसगढ़ में भी होम्योपैथी का एक अच्छा मेडिकल कॉलेज और रिसर्च सेंटर छत्तीसगढ़ में स्थापित करने का मजबूत प्रयास करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सेमिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास और विस्तार हमारा उद्देश्य है। होम्योपैथी चिकित्सा के बारे में लोगों के मन में एक धारणा बनी हुई है, लोग जान एलोपैथी के इलाज से थक जाते हैं तब वह होम्योपैथी की ओर आते हैं। होम्योपैथी, नैचुरोपैथी, एलोपैथी सभी के बीच होम्योपैथी का अपना महत्व है। हमें होम्योपैथी का तात्कालिक और लम्बे समय तक लाभ मिल सकता है। इस अवसर पर पवन साय, डॉ सुनील कुमार दास, डॉ. विजय शंकर मिश्रा, डॉ. संजय शुक्ला, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रदीप के. पात्रा, डॉ. जेपी शर्मा, डॉ. सुशील हरीरमानी, डॉ. धीरेंद्र तिवारी सहित एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।
MadhyaBharat
21 December 2024
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