छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। बैठक में आत्मसमर्पित नक्सलियों के विरुद्ध पंजीकृत आपराधिक प्रकरणों के निराकरण और वापसी संबंधी प्रक्रिया को मंजूरी दी गई। मंत्रिपरिषद ने प्रकरणों की समीक्षा और परीक्षण के लिए उपसमिति का गठन किया है, जो परीक्षण के बाद मामलों को मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत करेगी। यह निर्णय छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 के अनुरूप लिया गया है, जिसमें अच्छे आचरण और नक्सलवाद उन्मूलन में योगदान देने वाले नक्सलियों के प्रकरणों का निराकरण करने का प्रावधान है। जिला स्तरीय समितियां प्रकरणों की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजेंगी, जिसके बाद विधि विभाग की सहमति लेकर उपसमिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। केंद्रीय अधिनियम से जुड़े मामलों के लिए भारत सरकार से अनुमति प्राप्त की जाएगी। कानूनों में सुधार और सरल प्रक्रिया के लिए संशोधन विधेयक बैठक में राज्य के विभिन्न कानूनों को नागरिकों के अनुकूल और समयानुकूल बनाने के लिए 14 अधिनियमों में संशोधन हेतु छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) (द्वितीय) विधेयक, 2025 को अनुमोदन दिया गया। यह विधेयक छोटे उल्लंघनों के लिए प्रशासकीय शास्ति का प्रावधान लाता है, जिससे मामलों का त्वरित निपटारा होगा, न्यायालयों का बोझ कम होगा और आम नागरिकों को राहत मिलेगी। इसके अलावा, कई अधिनियमों में लंबे समय से अपरिवर्तित दंड राशि को अद्यतन किया जाएगा, जिससे प्रभावी कार्रवाई संभव होगी। इससे पहले 8 अधिनियमों के 163 प्रावधानों में संशोधन किया गया था, और अब 11 विभागों के 14 अधिनियमों के 116 प्रावधानों में भी सुधार किया जाएगा।बैठक में प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2025-2026 का विधानसभा में प्रस्तुत करने हेतु छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2025 का भी अनुमोदन किया गया। इन निर्णयों से सुशासन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य में नागरिकों तथा व्यवसायों के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और प्रभावी बनाया जाएगा। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां जन विश्वास विधेयक का द्वितीय संस्करण लाया गया है, जो कानूनों के त्वरित कार्यान्वयन और आम जनता की समस्याओं के समाधान में अहम भूमिका निभाएगा।
Patrakar Vandana singh

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