छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के सुदूर वनांचल कोंडापल्ली गांव में वह दिन आ ही गया, जिसका ग्रामीण वर्षों से इंतजार कर रहे थे। दशकों से सड़क, बिजली और संचार जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित इस गांव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क पहुंचा। जैसे ही टॉवर सक्रिय हुआ, महिलाएं, पुरुष और बच्चे उत्साह में झूम उठे। ग्रामीणों ने पारंपरिक तरीके से पूजा की, मांदर की थाप पर नाच किया और इसे किसी त्यौहार की तरह मनाया। आसपास के गांवों के लोग भी इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने पहुंचे और सुरक्षा बलों के जवानों ने मिठाइयां बांटकर ग्रामीणों की खुशी में सहभागी बने। बुनियादी सुविधाओं से जुड़े नए अवसर मोबाइल नेटवर्क के आने से ग्रामीणों के लिए बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवाएं, आधार सत्यापन, राशन व्यवस्था, पेंशन, ऑनलाइन शिक्षा और सरकारी योजनाओं जैसी सुविधाओं के नए अवसर खुल गए हैं। अब तक जो सेवाएं सपने जैसी थीं, वे अब वास्तविकता बन गई हैं। यह बदलाव राज्य सरकार की नियद नेल्ला नार योजना का परिणाम है, जिसके तहत संवेदनशील और दूरस्थ इलाकों में सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बैंकिंग और संचार जैसी सेवाएं तेजी से पहुंचाई जा रही हैं। इस योजना से 403 ग्रामों में नौ विभागीय सामुदायिक सेवाएं और 25 व्यक्तिमूलक योजनाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। विकास की मुख्यधारा से जुड़ना कोंडापल्ली और आसपास के क्षेत्रों में पिछले दो वर्षों में 728 नए मोबाइल टावर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 467 4G नेटवर्क वाले हैं और 449 पुराने टावरों को 2G से 4G में अपग्रेड किया गया। दिसंबर 2024 में प्रशासनिक कैम्प स्थापित होने के बाद विकास की गति और तेज हुई है। सड़क निर्माण का कार्य बीआरओ द्वारा किया जा रहा है और लगभग 50 किलोमीटर सड़क तेजी से बन रही है। दो महीने पहले ही गांव में बिजली आई, जिससे बच्चों की पढ़ाई और छोटे व्यवसाय में बड़ा बदलाव आया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह सिर्फ संचार की शुरुआत नहीं, बल्कि विश्वास, बदलाव और नई संभावनाओं के युग का आरंभ है और उनका संकल्प है कि बस्तर का हर गांव विकास की मुख्यधारा से जुड़े।
Patrakar Vandana singh

Medha Innovation & Development