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बिलासपुर/रायपुर । कोटा में टीकाकरण के बाद दो मासूमों की मौत के बाद मामले की जांच के लिए सरकार ने राज्य स्तरीय समिति का गठन किया है। रायपुर से 5 सदस्यीय जांच टीम सोमवार को बिलासपुर पहुंची है और मामले की तहकीकात में जुटी है। स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य स्तरीय जांच पूरी होने तक उस बैच की वैक्सीनेशन को बैन कर दी है। इसमें किसी की लापरवाही सामने आती है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि बिलासपुर जिले कोटा के पटैता कोरीपारा इलाके में 30 अगस्त को टीका लगाया गया था। टीका लगने के बाद 30 अगस्त को एक शिशु की मृत्यु हुई और दूसरे की 31 अगस्त की सुबह मृत्यु हो गई। दोनों नवजात शिशु की मृत्यु हो जाने के बाद गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है।अभी इस बात का पता नहीं चल पाया है कि बच्चों की मौत टीका लगाने के बाद कैसे हुई।
पटैता कोरीपारा के आंगनबाड़ी केंद्र में कुल सात बच्चों को टीका लगाया गया था।सभी बच्चों को बीसीजी और पेंटा वन का टीका लगाया गया था।पांच बच्चों को एहतियात के तौर पर जिला अस्पताल में डॉक्टर ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।कुछ बच्चों को सीएचसी कोटा में भी रखा गया है।
बच्चों की मौत के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव रविवार को खुद जिला अस्पताल हालात का जायजा लेने पहुंचे।सिंहदेव ने टीकाकरण से मौत मामले में कहा कि ''एक साथ कई बच्चों का बीमार होना सामान्य परिस्थिति नहीं है। आनन-फानन में बच्चों के अंतिम संस्कार कर दिए गए। दलील दी गई है गांव वाले चीड़-फाड़ से डरते हैं। पहले पोस्टमार्टम किया जाना चाहिए था। जांच होती ताे मौत की वजह पता चल जाती। कोटा क्षेत्र में शिशुरोग विशेषज्ञ का ना होना भी एक समस्या है। संदिग्ध दवा के बैच के उपयोग पर भी रोक लगनी चाहिए, मामले की जांच होनी चाहिए।
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