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पीएम मोदी ने दिल्ली एयरपोर्ट पर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का भव्य स्वागत.   बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा करने वाले TMC विधायक हुमायूं कबीर .   सरकार ने बदला फैसला: संचार साथी ऐप अब अनिवार्य नहीं.   प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम अब ‘सेवा तीर्थ’.   फिल्म \'धुरंधर\' पर दिल्ली हाई कोर्ट का सेंसर बोर्ड को निर्देश.   प्रधानमंत्री मोदी ने शिवगंगा बस दुर्घटना में 11 लोगों की मौत पर जताया दुख.   भोपाल के बड़े तालाब में शुरू हुआ शिकारा सफर.   पर्यटन के लिए MP के बढ़ते कदम: भोपाल में डल झील जैसा अनुभव.   भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं बरसी पर सरकारी अवकाश.   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर को दिया आधुनिक गीता भवन का तोहफा.   रायसेन जिले के बरेली में बड़ा हादसा 40 साल पुराना पुल भरभराकर ढहा.   एनएसयूआई ने फार्मेसी काउंसिल अध्यक्ष संजय जैन काे छात्र से मारपीट के मामले में तत्काल पद से हटाने की मांग की.   CM विष्णु देव साय बोले: \'संविधान में आस्था रखकर आगे बढ़ रहा है भारत\'.   पीसीसी चीफ दीपक बैज का भाजपा पर हमला: सत्ता के लिए झूठ का आरोप.   जंगल, नदी और पहाड़ पार कर मतदाताओं तक पहुँच रहे कर्मचारी.   मतदाता सूची सुधार कार्य के दौरान बीएलओ के साथ अभद्रता .   हिड़मा की मौत के बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलवाद खात्मे की कगार पर.   छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 37 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण.  

देश की खबरें

 4 दिसंबर 2025 की शाम दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भव्य स्वागत किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए खुद एयरपोर्ट जाकर पुतिन का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से मुलाकात की और गले भी लगाया। एयरपोर्ट से पीएम आवास तक दोनों एक ही गाड़ी में गए, जहां पीएम मोदी ने पुतिन के लिए प्राइवेट डिनर का आयोजन भी किया। यह एक दुर्लभ अवसर था जब पीएम मोदी ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का ऐसा अंदाज दिखाया, जैसा उन्होंने दुनिया के केवल कुछ ही नेताओं के लिए किया है।   पीएम मोदी के पहले एयरपोर्ट स्वागत के मौके   इस तरह का पहला मौका 2015 में था, जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बने थे। इसके अलावा अप्रैल 2017 में पीएम मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, और उसी साल अहमदाबाद एयरपोर्ट पर जापानी पीएम शिंजो आबे का स्वागत किया था। 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अहमदाबाद एयरपोर्ट पर स्वागत किया गया, जबकि जनवरी 2024 में यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और फरवरी 2025 में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी का एयरपोर्ट पर स्वागत किया गया था। इन अवसरों पर दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत और रणनीतिक संबंधों को भी मजबूती मिली।   पुतिन की भारत यात्रा का महत्व   इस साल पुतिन का यह दौरा खास महत्व रखता है क्योंकि यह यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद उनका भारत का पहला दौरा है। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया हुआ है। इस दौरे के दौरान दोनों देश ऊर्जा, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा करेंगे। पीएम मोदी और पुतिन की व्यक्तिगत दोस्ती और राजनीतिक समझ इस यात्रा को और भी महत्वपूर्ण बनाती है।

Patrakar Vandana singh Vandana singh 5 December 2025

देश की खबरें

प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम अब ‘सेवा तीर्थ’ कर दिया गया है। इसका उद्देश्य यह दर्शाना है कि यह कार्यालय देश और जनता की सेवा का केंद्र है। इसी तरह, केंद्रीय सचिवालय का नाम बदलकर ‘कर्तव्य भवन’ कर दिया गया है। ये बदलाव सिर्फ नाम बदलने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सरकार की यह सोच दर्शाते हैं कि शासन और प्रशासन का उद्देश्य जनता की भलाई और सेवा होना चाहिए। इससे पहले दिल्ली में राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया था और प्रधानमंत्री आवास अब ‘लोक कल्याण मार्ग’ के नाम से जाना जाएगा। इन बदलावों का संदेश साफ है कि प्रशासन अब केवल औपचारिकता और परंपरा के लिए नहीं, बल्कि जनता की भलाई और समाज के विकास के लिए काम करेगा। नाम बदलने के साथ ही ये भी संकेत मिलता है कि सरकार ब्रिटिश काल की निशानियों और औपनिवेशिक प्रतीकों को हटाकर एक नया, आधुनिक और भारतीय प्रशासनिक दृष्टिकोण अपनाना चाहती है।    राज्यों के राजभवनों का नाम बदलकर लोकभवन   गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि राजभवन और संबंधित कार्यालयों के नाम बदल दिए जाएं। पिछले साल राज्यपालों की बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई थी, जिसमें सुझाव आया कि ‘राजभवन’ शब्द औपनिवेशिक मानसिकता और ब्रिटिश शासन की याद दिलाता है। इसके बाद उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, ओडिशा, गुजरात, त्रिपुरा और लद्दाख ने अपने राजभवनों के नाम बदलकर ‘लोकभवन’ और ‘लोक निवास’ कर दिए। हाल ही में राजस्थान ने भी इस बदलाव की घोषणा की। इस कदम से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्रशासन अब जनता के लिए है, औपनिवेशिक प्रतीकों से नहीं। नाम बदलने से सिर्फ प्रतीकात्मक ही नहीं, बल्कि लोगों के मन में प्रशासन के प्रति जिम्मेदारी और लोक कल्याण की भावना को भी मजबूत किया जा रहा है।     क्यों बदले जा रहें है नाम ?    मोदी सरकार भारत में अंग्रेजों की निशानियों को मिटाने और देश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने पर जोर दे रही है। इसी क्रम में सरकारी वेबसाइटें अब पहले हिंदी में कंटेंट दिखाती हैं, हालांकि अंग्रेजी का विकल्प भी मौजूद है। बीटिंग रिट्रीट समारोह में अब अंग्रेजी गानों जैसे ‘एबाइड विद मी’ नहीं बजाए जाते। इससे यह संदेश मिलता है कि भारत अब अपनी सांस्कृतिक धरोहर और पहचान को प्राथमिकता दे रहा है। नाम बदलने और संस्कृति पर जोर देने का मकसद यह है कि आने वाली पीढ़ियों को अपने देश की विरासत, प्रशासनिक जिम्मेदारी और सेवा के महत्व का अनुभव हो। यह केवल प्रतीकात्मक बदलाव नहीं है, बल्कि प्रशासन और समाज के मूल्यों में बदलाव का एक हिस्सा है, जो देश को आत्मनिर्भर, गर्वित और मजबूत बनाने की दिशा में काम करेगा।

Patrakar Vandana singh Vandana singh 2 December 2025

मध्यप्रदेश की खबरें

भोपाल की खूबसूरती में अब डल झील जैसा आकर्षण जुड़ गया है। झीलों की नगरी में बड़े तालाब पर पहली बार शिकारा सेवा शुरू हो गई है, जिसकी शुरुआत आज सीएम मोहन यादव ने की। अभी 20 खूबसूरत शिकारे तालाब में उतारे गए हैं, जिन्हें दुल्हन की तरह सजाया गया है। कश्मीर की तरह इन शिकारा नावों में खाने-पीने की पूरी सुविधा उपलब्ध होगी। सीएम ने खुद शिकारा-बोट रेस्टोरेंट से चाय, पोहा, समोसे और फलों का नाश्ता लेते हुए सफर का आनंद लिया। साथ ही बोट मार्केट से कपड़ों की खरीदी कर वाटर-टूरिज्म को बढ़ावा देने का संदेश भी दिया। अत्याधुनिक तकनीक से बनी ये नौकाएं पर्यावरण के अनुकूल हैं और जल में किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं करेंगी। सीएम ने कहा कि इससे भोपाल को वाटर-टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने में बड़ी मदद मिलेगी।   पर्यटन को नया आयाम और यात्रियों को अनोखा अनुभव   शिकारा सेवा शुरू होने से भोपाल पर्यटन को एक नया आयाम मिल गया है। डल झील की तर्ज पर चलने वाले इन शिकारा नावों से पर्यटक अब मध्यप्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता का अनोखा अनुभव ले सकेंगे। राज्य में पहले से ही वन्यजीव, धार्मिक स्थल और सांस्कृतिक धरोहर बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, और अब वाटर स्पोर्ट्स तथा वाटर टूरिज्म के बढ़ने से यह आकर्षण और बढ़ेगा। पिछले साल देश में सबसे अधिक पर्यटन मध्यप्रदेश में हुआ था, वहीं उज्जैन में अकेले 7 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे थे। शिकारा बोट में पर्यटकों को खाने-पीने से लेकर फैशन तक का सामान भी मिलेगा, जिससे यह अनुभव और भी खास बनेगा। प्रदूषण की वजह से पहले क्रूज संचालन बंद कर दिया गया था, लेकिन अब पर्यावरण-friendly शिकारा सेवा ने झील की रौनक बढ़ा दी है।

Patrakar Vandana singh Vandana singh 5 December 2025

मध्यप्रदेश की खबरें

गीता जयंती और अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर को एक खास तोहफा दिया। प्रदेश का पहला आधुनिक शासकीय गीता भवन जनता के लिए खोला गया, जो सिर्फ एक इमारत नहीं बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सीखने का केंद्र है। इंदौर के राजवाड़ा स्थित ऐतिहासिक गोपाल मंदिर परिसर में बने इस गीता भवन की योजना है कि आने वाले समय में हर नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में ऐसे ही भवन बनाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता सिर्फ जीवन में रास्ता दिखाने के लिए नहीं है, बल्कि मुश्किल समय में हिम्मत, सही फैसले लेने की ताकत और कर्तव्य निभाने की प्रेरणा भी देती है। गीता के हर अध्याय में ज्ञान, दर्शन, विज्ञान, योग और जीवन के मूल्य मिलते हैं। मालवा क्षेत्र की कृष्ण भक्ति की पुरानी परंपरा, उज्जैन में भगवान श्रीकृष्ण का शिक्षा ग्रहण और अहिल्याबाई होलकर द्वारा धर्मस्थलों का जीर्णोद्धार इस जगह की सांस्कृतिक धरोहर को और भी समृद्ध बनाते हैं। गीता भवन न केवल आध्यात्मिक सीख के लिए, बल्कि युवाओं में सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक मूल्य बढ़ाने के लिए भी एक प्रेरक केंद्र बनेगा।   आधुनिक सुविधा और पारंपरिक विरासत का संगम   गीता भवन की डिजाइन में पारंपरिक और आधुनिक शैली का सुंदर मिलाजुला नज़र आता है। यहाँ 550 सीट वाला सभागृह है, जहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रवचन और व्याख्यान आयोजित किए जा सकते हैं। साथ ही, डिजिटल लाइब्रेरी और 50-सीटर रीडिंग हॉल में पढ़ाई करने वाले छात्रों और शोधकर्ताओं को शांत और आरामदायक माहौल मिलेगा। यहाँ करीब 1200 किताबें हैं, जिनमें आध्यात्मिक, दर्शन, योग, माइंडफुलनेस और जीवन प्रबंधन जैसे विषय शामिल हैं। डिजिटल आर्काइव के जरिए ई-बुक्स, ऑडियो-वीडियो व्याख्यान और ऑनलाइन कोर्स भी उपलब्ध हैं, जिससे आधुनिक तकनीक और पारंपरिक ज्ञान का अच्छा मेल बनता है। गीता भवन में प्राकृतिक रंग, हल्की रोशनी, इनडोर पौधे और आध्यात्मिक कलाकृतियाँ इसे पढ़ाई और ध्यान के लिए एक आदर्श जगह बनाती हैं। इसके अलावा, आकर्षक प्रदर्शनी कक्ष में धार्मिक इतिहास, कला और संस्कृति से जुड़ी प्रदर्शनियाँ समय-समय पर लगाई जाएंगी, ताकि लोग हमारी विरासत और संस्कृति को और करीब से जान सकें। यह भवन सिर्फ पढ़ाई का केंद्र नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति की जागरूकता का भी केंद्र बनेगा।   गीता भवन में आध्यात्मिक शिक्षा और विकास   गीता भवन के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गोपाल मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। उन्होंने युवाओं के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ई-रिक्शा, ई-बाइक और लैपटॉप भी दिए, ताकि वे समाज और देश के निर्माण में योगदान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीकृष्ण के जीवन से हमें संगठन, हिम्मत, धर्म की रक्षा और अन्याय के खिलाफ लड़ने का संदेश मिलता है। गीता जीवन के हर मोड़ पर हमारा मार्गदर्शन करती है। इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि अगर हर व्यक्ति अपने कर्तव्य ईमानदारी से निभाए, तो समाज और देश दोनों मजबूत होंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत गीता भवन जैसे आधुनिक और सांस्कृतिक केंद्र बनाकर विरासत और आधुनिक विकास को एक साथ जोड़ा जा रहा है। इससे प्रदेशवासियों को आध्यात्मिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक रूप से आगे बढ़ने का मौका मिलेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा। गीता भवन सिर्फ इंदौर का ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का गर्व और आध्यात्मिक केंद्र बनेगा।  

Patrakar Vandana singh Vandana singh 2 December 2025

छतीसगढ़ की खबरें

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार, 26 नवंबर को राजधानी रायपुर स्थित टाउन हॉल में आयोजित 'हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान' कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने उपस्थित जनसमूह के साथ संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया और संविधान के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की। उन्होंने इस दौरान संविधान दिवस पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और संविधान पर आधारित लघु फिल्म भी देखी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों के साथ सेल्फी लेकर इस अवसर को यादगार बनाया।   संविधान में आस्था और लोकतांत्रिक मूल्य   मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हमेशा संविधान में आस्था रखते हुए आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि संविधान प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति का अधिकार देता है। उन्होंने यह भी कहा कि विधायक और सांसद जैसे पदों पर आम नागरिक का पहुंचना संविधान की उदार, समावेशी और लोकतांत्रिक व्यवस्था का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने संविधान निर्माण में देश के सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के अमूल्य योगदान को याद किया।   छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक भागीदारी का स्मरण   मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के उन वरिष्ठजनों का स्मरण किया जिन्होंने भारत के संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की यह ऐतिहासिक भागीदारी आज भी गर्व का विषय है और इन महान जनप्रतिनिधियों की विचारशीलता, लोकतांत्रिक मूल्य और राष्ट्रनिर्माण की दृष्टि हमेशा प्रेरणा देती रहेगी। इस अवसर पर विधायक राजेश मूणत, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक सुनील सोनी, संस्कृति विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

Patrakar Vandana singh Vandana singh 5 December 2025

छतीसगढ़ की खबरें

 मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान बीएलओ के साथ हुई अभद्रता और मारपीट का मामला अब और गंभीर हो गया है। रायपुर के खम्हारडीह थाना क्षेत्र की निवासी वंदना सोनी (54), जो विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 50 की बीएलओ हैं और मतदाता सूची सुधार कार्य कर रही थीं, ने इस संबंध में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। जानकारी के अनुसार, वंदना सोनी एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने शिकायत में कहा कि जब वह अपने सहयोगियों मितानिन ईश्वरी तिवारी और आंगनबाड़ी सहायिका रामेश्वरी देवांगन के साथ SIR कार्य कर रही थीं, तभी एक महिला वहां पहुंची और बीएलओ के साथ  अभद्रता करने लगी।      आरोपी महिला ने शासकीय कार्य में बाधा डाली, उनके सहयोगियों, पति और बेटे के साथ गाली-गलौज की और हाथापाई करते हुए मुक्के मारे। वंदना ने बताया कि महिला ने पास रखी रेत भी फेंकी और उनके बेटे के साथ भी मारपीट की। मोहल्ले वालों ने बीच-बचाव कर स्थिति संभाली। इस घटना का वीडियो पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। लगातार ऐसी घटनाएं मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान की सुरक्षा और अधिकारियों की कार्य परिस्थितियों पर सवाल खड़े कर रही हैं। फिलहाल खम्हारडीह पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू कर दी है।

Madhya Bharat Madhya Bharat 1 December 2025

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