जगदलपुर । बस्तर संभाग के अबूझमाड़ में नक्सलियाें से लगातार सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हो रही है। नक्सलियाें के सबसे सुरक्षित अबूझमाड़ के इलाके में बीते एक वर्ष में सबसे ज्यादा 130 नक्सली मारे गए हैं, इनमें कई बड़े कैडर के खूंखार नक्सली शामिल है। इन चर्चित नामों में नीति उर्फ निर्मला, रूपेश , रणधीर और जोगन्ना शामिल हैं। सिर्फ नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के इलाके में पिछले एक वर्ष में 56 नक्सली मारे जा चुके हैं। यह आंकड़े अबूझमाड़ में नक्सलियों के विरुद्ध सुरक्षा बलों की सफलता को दर्शाता है। वहीं अबूझमाड़ के थुलथुली के जंगल में हुए अब तक की सबसे बड़े मुठभेड़ में 38 नक्सली मारे गए थे।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने शुक्रवार को बताया कि अबूझमाड़ का यह इलाका इंद्रावती नदी के पार होने के कारण नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना हुआ करता था। इस इलाकों में घुसने के लिए नक्सलियों के इंद्रावती एरिया कमेटी की अनुमति की ज़रूरत होती थी। इस इलाके में ओडिशा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के बड़े कैडर के नक्सली, सेन्ट्रल कमेटी के मेंबर तक बैठक कर रणनीति बनाने के लिए पहुंचते थे। वहीं दूसरी ओर सुरक्षाबलों के जवान भी 12 महीने इस इलाके में नहीं पहुंच पाते थे। लेकिन अब इंद्रावती नदी पर पाहुरनार घाट, बड़े करका घाट सहित बीजापुर जिले के अन्य घाटों पर पुल बनकर तैयार हो गए हैं। इसका फायदा न केवल इलाके के ग्रामीणों को हुआ है बल्कि नक्सलियों के गढ़ में सुरक्षाबलों की पहुंच आसान हो गई है। अब पूरे साल अबूझमाड़ के इस इलाके में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।
सुंदरराज पी. ने बताया कि अबूझमाड़ को नक्सली अपना सुरक्षित ठिकाना मनाते हैं, उस क्षेत्र में जिला नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव और कांकेर की पुलिस और सुरक्षाबलों ने संयुक्त रूप से चलाये गये नक्सल विरोधी अभियान में एक वर्ष में 130 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं।