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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने रविवार काे पत्रकारवार्ता में कहा कि सात महीने की साय सरकार में कानून व्यवस्था खस्ताहाल हो गई है। सात माह में ही राजधानी में गोलीबारी की चार घटना हुई है। अंतर्राज्यीय गैंगस्टर राज्य में पैर पसार रहे हैं, सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। सात माह में राज्य में बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, सहित चाकूबाजी, लूट, डकैती, चेन स्नेचिंग की अनगिनत घटनाएं हो चुकी है। सरकार आम आदमी की रक्षा नहीं कर पा रही है।
बैज ने आगे कहा कि सुदृढ़ कानून व्यवस्था के साथ आम आदमी को शुद्ध पेयजल और छोटी-छोटी बिमारियों का इलाज भी साय सरकार नहीं दे पा रही है। लोग बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण अपराधियों के हाथों मारे जा रहे हैं तथा वनांचलों में मलेरिया, डायरिया जैसी सामान्य बीमारियों से भी मारे जा रहे है। सात माह में ही भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ की जनता पर त्रासदी साबित हो रही है। प्रदेश में बस्तर, सरगुजा, जशपुर, कवर्धा आदि क्षेत्रों में लगभग 11 हजार लोग डायरिया से तथा 22 हजार से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित हैं। आदिवासी क्षेत्रों में पिछले 10 दिनों में डायरिया से 10 से अधिक मौतें हुई तथा 12 मौतें मलेरिया से हुई है। बिलासपुर के टेगन माड़ा उपस्वास्थ्य केंद्रों में दो सगे भाईयों की मौत हो गयी, बीजापुर के पोटाकेबिन में दो स्कूली बच्चियों की मौत मलेरिया से हो गयी है। कांकेर जिले में भी एक स्कूली छात्रा की मौत मलेरिया से हो गयी है। जशपुर में दो बच्चों की मौत, कवर्धा के चिल्फी में संरक्षित जनजाति बैगा परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। इसी तरह बिलासपुर जिला में दो भाइयों की मौत, गरियाबंद जिला के मैनपुर के कुल्हाड़ी घाट शोभा, गोना क्षेत्र में मलेरिया का कहर जारी है एक बच्ची की मौत हो गयी।
उन्हाेंने कहा कि यह डबल इंजन सरकार की हकीकत है, 2024 में भी लोग मलेरिया और डायरिया से मर रहे हैं। राज्य सरकार की लापरवाही से लोगों के सामान्य चिकित्सा सेवायें भी नहीं पहुंच रही है। हाई कोर्ट ने भी मलेरिया और डायरिया से हुई मौतों को गंभीरता से लिया है। मलेरिया, डायरिया से लगातार बढ़ती मौत को हाई कोर्ट संज्ञान लेकर राज्य सरकार को नोटिस देना प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। सरकार बीमारी के इलाज के लिये प्रभावी कदम उठाने के बजाय मलेरिया और डायरिया से हुई मौतों को नकारने में लगी है।
गांव के गांव मलेरिया प्रभावित है। मच्छरदानी का वितरण नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री को बताना चाहिए कि हाट बाजार क्लिनिक पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने चालू किए थे वो क्यों बंद कर दिये गये हैं? सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य सुधार लगभग ठप्प हो चुका है। रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में 50 करोड़ की मशीन बंद पड़ी है। जशपुर से लेकर रायपुर, बिलासपुर, बीजापुर तक यही हाल है। 2018 के पहले भी भाजपा की रमन सरकार में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं में अराजकता का माहौल था। अवैध कारोबार, भू-माफिया, रेत माफिया, गांजा तस्कर, ड्रग्स तस्कर, मानव तस्करों का बोलबाला था। आज फिर वही स्थिति निर्मित हो गई है। कांग्रेस सरकार में जो मजबूत कानून व्यवस्था था उसे सात महीने में ही साय सरकार ने पलीता लगा दिया है। गृह मंत्री सिर्फ हवा हवाई बयानबाजी करते हैं, धरातल पर कानून नाम की चीज नहीं है। चौक-चौराहों पर अवैध वसूली शुरू हो गया है। बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ सरकार को कुंभकर्णी नींद से जगाने कांग्रेस 24 जुलाई को विधानसभा का घेराव करेगी।
उन्हाेंने कहा कि विधानसभा के घेराव के लिए हमारी तैयारियां पूरी है हजारों की संख्या में कांग्रेसजन 24 जुलाई को विधानसभा की ओर कूच करेंगे। हमारा विधानसभा घेराव शांतिपूर्ण और आक्रमक होगा। यह आंदोलन जनता की जान माल की रक्षा के लिये भाजपा की निकम्मी सरकार के प्रति आम आदमी का प्रतिकार होगा।
MadhyaBharat
21 July 2024
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