Since: 23-09-2009
रायपुर। राज्यपाल ने कहा कि योग एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो अब वैश्विक संस्कृति का हिस्सा बन गई है। योग के माध्यम से देश-विदेश के योगी एक-दूसरे से जुड़ रहे हैं और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दे रहे हैं। यह उद्गार राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने आज शुक्रवार को अंतर्राराष्ट्रीय योग दिवस केे अवसर पर राजभवन में आयोजित योग शिविर में व्यक्त किया।
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन आज राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित योग शिविर में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि योग स्वस्थ एवं संतुलित जीवनशैली को प्रोत्साहित करता है। ध्यान और योग से मानसिक शांति मिलती है, जिससे समाज में सकारात्मकता सोच बढ़ती है। यह शरीर के साथ-साथ मन को भी स्वस्थ रखता है और हमें बीमारियों से बचाता है। अगर कोई किसी बीमारी से पीड़ित है तो उसके ईलाज के लिए नियमित योग कारगर साबित होता है।
राज्यपाल ने कहा कि योग हमारे शरीर, मन, विचार और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। यह स्वास्थ्य और खुशहाली का मार्ग प्रशस्त करता है। योग सिर्फ व्यायाम नहीं है बल्कि शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक सिद्ध होता है। यह स्वयं के साथ-साथ दुनिया और प्रकृति के साथ एकत्व की भावना लाती है। उन्होंने कहा कि योग हमारी जीवनशैली में बदलाव लाकर और प्राकृतिक बदलावों के जरिए शरीर को स्वस्थ बनाने में मददगार साबित होता है। योग न केवल हमें स्वस्थ रहता है बल्कि हमारे आचरण, विचार और व्यवहार में भी बदलाव आता है। यह वास्तव में हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे देश की योग विद्या को आज वैश्विक मान्यता मिली है।
कार्यक्रम में योग आयोग से आए हुए प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में राजभवन के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियांे ने उत्साह पूर्वक योगाभ्यास किया। राज्यपाल ने योग आयोग के प्रशिक्षको को राजकीय गमछा, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
योगाभ्यास में राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार, विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, उपसचिव हिना अनिमेष नेताम सहित राजभवन के अधिकारी, कर्मचारी शामिल हुए। योग प्रशिक्षक अशोक साहू, आनंद साहू, भोजराज साहू के नेतृत्व में उनकी टीम ने राजभवन में योगाभ्यास कराया।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |