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रायपुर । विधानसभा में बुधवार काे कांग्रेस विधायक सावित्री मंडावी ने नक्सल क्षेत्राें में पदस्थ पुलिस कर्मचारियाें के स्थानांतरण का मुद्दा उठाया। उन्हाेंने पूछा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पदस्थ कर्मियाें के स्थानांतरण नीति क्या है? कुछ कर्मचारी दाे या तीन साल में अपना स्थानांतरण करा लेते हैं, लेकिन कुछ कर्मी कई सालाें तक वहीं पर नाैकरी कर रहे हैं।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने जवाब में कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में काम कर रहे पुलिस कर्मियों के लिए नीति बनाई जा रही है। जल्द ही नीति सबके सामने होगी। नीति आने के बाद किसी भी कर्मचारी को नेता-मंत्रियों के दरवाजे पर स्थानांतरण के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
कांग्रेस विधायक सावित्री मंडावी ने सवाल किया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कर्मियों की मैदानी इलाकों में पदस्थापना का क्या प्रावधान है?, पदस्थापना के लिए विभाग के क्या दिशा-निर्देश है?, कर्मचारियों के लिए दिशा-निर्देश कब तक जारी होंगे?, उनकी आवास की क्या व्यवस्था है?
गृह मंत्री विजय शर्मा ने जवाब में कहा कि ऐसे पद जो उप निरीक्षक से निरीक्षक के पद पर प्रमोट होते हैं, उनकी कम से कम तीन सालों तक के लिए नक्सल क्षेत्रों में पदस्थापना की जाती है या जिन कर्मचारियों की उम्र 54 वर्ष से कम है, उनकी भी पदस्थापना का प्रावधान है। नक्सल इलाकों में तीन साल की नौकरी के बाद पुलिस कर्मियों की अन्य जिलों में पदस्थापना का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस कर्मियों की पदस्थापना का विभाग से दिशा-निर्देश जारी है। पुलिस विभाग में पदस्थ कर्मचारियों के लिए 18,355 आवास उपलब्ध है। 898 आवास निर्माण किए जा रहे हैं। बाकी के आवास 2024-25 के मुख्य बजट में प्रावधानित है।
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