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सुकमा । जिले के कोंटा विकासखंड के ग्राम इतकल और उसकेवाया के बाद अब ओड़िशा सीमा के निकट, छिंदगढ़ विकासखंड के चिंतलनार गांव में पिछले 10 दिनों में जनजातीय समुदाय के सात ग्रामीणों की मौत उल्टी और दस्त के कारण हो चुकी है।
मृतकों में दूधी मासा, जिरमिट्टी पति लछिन्दर, सुकलु, दशमी पति सुरेंद्र, सुकड़ी पति सुकलु, सुकड़ी पति बिट्ठल, और सेतुराम शामिल हैं। इस गांव के कई लोग अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हैं। चितलनार छिंदगढ़ का एक बड़ा पंचायत है, जिसमें खासपारा, कलारपारा, कुंजामपारा, नयापारा, मुड़वाल, पटेल पारा और मुड़ापारा जैसे क्षेत्रों में लगभग 7,500 ग्रामीण निवास करते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इस संकट के बाद गांव में एक मेडिकल टीम भेजी गई है। लगभगग 127 ग्रामीणों की जांच में नौ डायरिया पीड़ित पाए गए हैं, कुछ लोगों में बुखार की शिकायत भी मिली है, 48 लोगों ने शरीर में दर्द की समस्या की भी शिकायत की है।
गांव के निवासी घेनवाराम ने बताया कि, सेतुराम को कल रात लगभग आठ बजे से उल्टी-दस्त शुरू हुई थी। उन्होंने रात में कुछ दवाइयां लीं, लेकिन सुबह उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मौत हो गई। सरपंच के पति हिड़मा ने जानकारी दी कि हाल ही में गांव में आई बाढ़ के बाद डायरिया फैल गया है, जिससे ग्रामीणों की जानें जा रही हैं।
सीएमएचओ डाॅ. कपिल कश्यप ने बताया कि, चिंतलनार में कुछ लाेगाें की माैत की जानकारी मिलने के बाद गांव में शिविर लगाकर ग्रामीणाें की जांच की जा रही है। लाेगाें की हुई माैत के कारण का पता लगाया जा रहा है।
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