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नारायणपुर/रायपुर । छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में बुधवार को तीन दर्जन से अधिक घटनाओं में 32 लाख रुपये के चार इनामी नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने मीडिया को बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों में एक दंपत्ति भी है। आत्मसमर्पित नक्सलियों ने पुलिस को बताया कि "खोखली" और "अमानवीय" माओवादी विचारधारा और वरिष्ठ कैडरों द्वारा निर्दोष आदिवासियों के शोषण से निराश होकर आत्मसमर्पण किया है। वे जिला पुलिस द्वारा शुरू किए गए 'निया पुलिस निया नार' (हमारा गांव, हमारी पुलिस) आत्मसमर्पण और पुनर्वास अभियान से भी प्रभावित हुए हैं। आत्मसमर्पित नक्सलियों में गांधी ताती उर्फ अरब उर्फ कमलेश (35वर्ष ) और मैनू उर्फ हेमलाल कोर्राम (35वर्ष) नक्सलियों की डिविजनल कमेटी के सदस्य थे।आत्मसमर्पित दो अन्य नक्सलियों में रंजीत उर्फ लेकामी उर्फ अर्जुन (30 वर्ष) तथा उसकी पत्नी काजल(28 वर्ष )भी शामिल है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पड़ोसी बीजापुर जिले के निवासी कमलेश ने माओवादियों के माड़ डिवीजन और नेलनार क्षेत्र समिति में विभिन्न पदों पर काम किया था। आठ साल तक नारायणपुर के नेलनार इलाके में 50 से अधिक गांवों में आतंक का राज कायम रहा है। वह 2010 में तत्कालीन दंतेवाड़ा जिले (अब सुकमा में स्थित) में ताड़मेटला नरसंहार में कथित रूप से शामिल था, जिसमें 76 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी।
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