नारायणपुर मुठभेड़ में घायल चार नाबालिग में से एक के गले में सात दिन से फंसी गोली
नारायणपुर । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर के अबूझमाड़ के जंगल में बीते 12 दिसंबर को हुई मुठभेड़ में सात नक्सली मारे गए थे। इसके 2 दिन बाद इस मुठभेड़ में 4 नाबालिग रमली ओयाम, राजू बंडा, सोनू और चेतराम के घायल हाेने की जानकारी भी सामने आए।
आज गुरुवार काे चर्चा में नारायणपुर एसपी गौरव राय ने बताया कि मुठभेड़ में नक्सली अपने साथियों को बचाने के लिए नाबालिग बच्चों को ढाल बनाए हुए थे, उसी दौरान 4 बच्चों को गोली लगी और वे घायल हुए हैं। इनमें रमली ओयाम के गले में 7 दिन से गोली फंसी है। उसे बेहतर उपचार के लिए रायपुर रेफर किया गया है। यहां डॉक्टर उसके गले का संभवत: आज गुरूवार काे ऑपरेशन कर गोली निकालेंगे। इसके अलावा राजू बंडा नाम का एक बच्चा मेकॉज में भर्ती जिसका उपचार जारी है। इसी तरह सोनू और चेतराम नाम के बच्चा दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में भर्ती है। मुठभेड़ में घायल हुए नाबालिग उस दाैरान कहां मौजूद थे, यह नाबालिगों के बयान से स्पष्ट होगा। हालांकि अभी किसी को भी इन 4 घायल नाबालिकाें से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
एसपी गौरव राय ने कहा कि बड़े नक्सली कैडर कार्तिक की जान बचाने के लिए नक्सलियों ने नाबालिग और ग्रामीणों को ढाल बनाया था। क्रॉस फायरिंग में 4 बच्चों को गोली लगी है।
उल्लेखनीयय है कि अबूझमाड़ के जंगल में 12 दिसंबर को हुई मुठभेड़ के बाद नक्सलियों की तरफ से भी प्रेस नोट जारी किया था। इसमें नक्सलियाें ने मारे गये 7 लोगों में नक्सलियों ने 1 महिला और 1 पुरुष नक्सली को अपना साथी और बाकी 5 को ग्रामीण बताया था। लेकिन इस प्रेस नोट में नक्सलियाें द्वारा नाबालिकाें के घायल हाेने का कहीं भी जिक्र नहीं किया था।