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बलरामपुर /रायपुर। बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर इलाके में पंडो जनजाति के 5 लोगों की खून की कमी से मौत हो गई है। सर्व विशेष पिछड़ी जनजाति समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष उदय पण्डो ने सरगुजा संभागायुक्त को लिखे पत्र में बलरामपुर जिला के रामचंद्रपुर ब्लॉक में 12 दिनों के अंदर पंडो विशेष पिछड़ी जनजाति 5 सदस्यों की खून की कमी से मौत का जिक्र किया है।
समाज प्रमुख ने सरगुजा संभागायुक्त से जांच के साथ लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।सर्व विशेष पिछड़ी जनजाति समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष उदय पण्डो ने सरगुजा संभागायुक्त को 23 सितम्बर को लिखे पत्र में पंडो विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के विकास के लिए संचालित योजनाओं के केवल कागजों में सिमटे रहने का आरोप लगाया है ।उन्होंने कहा है कि जनजाति के लोगों की खून की कमी , बुखार, टीबी के अलावा प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो रही है।
खून की कमी से पंडो जनजाति के उनमें तालकेश्वरपुर निवासी किसमतिया पण्डो (32 वर्ष) पति रामदेव पण्डो, धौनी निवासी कलापति पण्डो पति राजेंद्र पण्डो (38 वर्ष), पीपरपान निवासी फूलकुंवर पण्डो पति नंदकेश्वर पण्डो (55 वर्ष),टाटीआगर निवासी रामबसावन पण्डो पिता बासदेव पण्डो (50 वर्ष) और ओरंगा निवासी सुरेंद्र पण्डो पिता रामदेव पण्डो (23 वर्ष) के मौत की जानकारी समाज प्रमुख ने दी है ।
उल्लेखनीय है सूरजपुर जिले में पंडो विकास के लिए पंडो विकास अभिकरण बना हुआ है। जिले में स्थित पंडोनगर में तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी आए थे। उन्होंने पंडो जनजाति के लोगों के विकास के लिए इस जनजाति को गोद लिया था। लेकिन इसके बाद भी जिले में पंडो जनजाति का जमीनी स्तर पर विकास को लेकर हमेशा से प्रश्न होते रहे हैं ।
MadhyaBharat
26 September 2024
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